राजधानी के जामिया नगर इलाके में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने वाले जेवर (ग्रेटर नोएडा) के नाबलिग को अपने किए का कोई अफसोस नहीं है। शुक्रवार को पुलिस से पूछताछ में उसने कहा कि वह शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन से जुड़े वीडियो देखता रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार नाबालिग इन वीडियो से काफी प्रभावित था। वह प्रदर्शनकारियों को सबक सिखाना चाहता था।
उसने अपने बयान में कहा कि टीवी कवरेज, व्हॉटसऐप, फेसबुक व अन्य माध्यमों से उसने शाहीन बाग का रास्ता बंद होने से लोगों को हो रहे परेशानी को लगातार देख रहा था। यह देखकर वह आक्रोशित था। इसलिए उनसे एक दोस्त से तमंचा दस हजार रुपये में खरीदा और प्रदर्शन में पहुंचकर गोली चला दी। जुवेनाइल एंड जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वहीं पुलिस का कहना है कि उसकी उम्र की जांच के लिए बोर्ड बनाया जाए।
शरजील के बयानों से भड़का
पुलिस को नाबालिग ने बताया कि वह जेएनयू के रिसर्च स्कॉलर शरजील इमाम के देश विरोधी बयानों से भड़का हुआ था। अपराध शाखा के अधिकारियों को उसने बताया कि वह हवा में फायर कर अपना विरोध दर्ज कराना चाहता था, ताकि लोग डर जाएं, मगर उससे गोली सीधे चल गई। अपराध शाखा ने बृहस्पतिवार दोपहर बाद उसे दिल्ली गेट स्थित जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजे बोर्ड) में पेश किया। उसे 28 दिन की हिरासत में बाल सुधार गृह भेजा गया है। पुलिस ने उसकी उम्र के सत्यापन के लिए जरूरी बोन ओसिफिकेशन टेस्ट के लिए मेडिकल पैनल गठित करने की मांग की है। उधर, गोलीकांड की जांच स्थानीय न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी (एनएफसी) थाना पुलिस से लेकर अपराध शाखा को सौंपी है।
चंदन की मौत से था आहत
नाबालिग ने पूछताछ में बताया है कि वह कासगंज में 26 जनवरी, 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन की मौत से बहुत आहत था। अपने एक दोस्त से उसने एक दिन पहले ही दस हजार रुपये में तमंचा लिया था। वह लंबे समय से अपनी पॉकेट मनी जमा कर रहा था। उसी से उसने तमंचा खरीदा था। वह सोशल मीडिया पर खासा सक्रिय था और इस पर आने वाली खबरों से प्रभावित था। वह यूपी के जेवर से दिल्ली बस में आया था।
किसी ने नहीं बहकाया
नाबालिग ने बताया कि उसे न तो किसी ने बहकाया और न ही किसी ने उसे ऐसा करने को कहा था। नाबालिग खुद को देशभक्त बता रहा है। उसने इस बात से भी इनकार किया है कि वह किसी संगठन से जुड़ा हुआ है। हालांकि नाबालिग मानता है कि प्रदर्शनकारियों के बीच जाते समय उसके अंदर डर था। नाबालिग ने अपने परिवार व दोस्तों को दिल्ली आने के बारे में कुछ नहीं बताया था। उसके पिता का बेकरी का काम है। उसका छोटा भाई आठवीं कक्षा में पढ़ता है।
घायल शादाब को एम्स से मिली छुट्टी
जामिया नगर फायरिंग की घटना में घायल छात्र शादाब फारुक को शुक्रवार सुबह 6 बजे एम्स ट्रॉमा सेंटर से छुट्टी मिल गई। डॉक्टरों ने उसे 15 दिन तक बिस्तर पर आराम करने की सलाह दी है। शादाब के बाएं हाथ में गोली लगी थी।
डॉक्टरों का कहना है कि शादाब का काफी रक्त बह गया था। इससे शारीरिक कमजोरी है। इसी कारण उसे आराम करने की सलाह दी गई है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया का छात्र शादाब बृहस्पतिवार को प्रदर्शन में था, जहां हथियार हाथ में हिलाते हुए एक किशोर नारे लगा रहा था। उसकी चलाई गोली शादाब के हाथ में लगी थी। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने आरोपी किशोर को दबोच लिया।