यह अलग बात है कि आईसीसी विश्व कप समाप्त हो चुका है. भारतीय टीम आगे के सफर में निकल चुकी है. शनिवार से उसका कैरेबियाई दौरा शुरू हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद विश्व कप से भारत की निराशाजनक विदाई की टीस करोड़ों भारतीयों के मन में अभी भी कायम है. ऐसे में खराब टीम संयोजन से जुड़े एक अहम सवाल के जवाब का सबको इंतजार है.
केएल राहुल को गिनते हुए भारत ने न्यूजीलैंड के साथ हुए सेमीफाइनल मैच में चार विकेटकीपर मैदान पर उतारे थे. महेंद्र सिंह धोनी, दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत अंतिम-11 का हिस्सा थे. कार्तिक, राहुल और धोनी मूल टीम का हिस्सा थे, लेकिन पंत को शिखर धवन के चोटिल होने के बाद भारत से बुलाया गया था.
पंत सेमीफाइनल में एक गैरजिम्मेदाराना पारी खेलकर आउट हुए. कार्तिक ने पूरे विश्व कप में निराश किया. कुछ अच्छी पारियों के बावजूद धोनी धीमी बल्लेबाजी के लिए बदनाम रहे और राहुल ने शिखर के स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए भारत को अच्छी शुरुआत दी, लेकिन सेमीफाइनल में वह भी नाकाम रहे थे.
निराशाजनक विदाई के बाद टीम स्वदेश लौटी तो यह ऐलान हुआ कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) टीम के प्रदर्शन पर समीक्षा बैठक करेगी, लेकिन इस संभावना को यह कहकर नकार दिया गया कि चूंकि भारत का वेस्टइंडीज दौरा काफी करीब है, ऐसे में समीक्षा बैठक के लिए यह समय उपयुक्त नहीं है. हां, सीओए ने यह जरूर कहा कि टीम मैनेजर की रिपोर्ट के आधार पर टीम के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी.
आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में गावस्कर ने भारतीय टीम को लेकर कई गम्भीर सवाल खड़े किए. गावस्कर ने कहा कि चार विकेटकीपर क्यों खिलाए गए, इसका जवाब टीम प्रबंधन को देना होगा और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआती तीन बल्लेबाजों के बाद भारतीय बल्लेबाजी सिर्फ औपचारिकता रह गई थी, उसमें किसी प्रकार की गहराई नहीं थी और इसकी झलक सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ देखने को मिली.
आईएएनएस ने जब गावस्कर से पूछा कि रणनीतिक तौर पर हमें विश्व कप में मध्यम क्रम में बल्लेबाजों की कमी खली और एक दिन ऐसा भी आया जब मध्य क्रम के साथ-साथ पूरी बल्लेबाजी की कलई खुल गई? इस पर गावस्कर ने कहा, 'इस विश्व कप में हमारी बल्लेबाजी नंबर-3 के बाद थी ही नहीं. अगर रोहित (शर्मा), विराट (कोहली) और लोकेश (राहुल) रन नहीं बनाते तो हम हमेशा मुश्किल में होते. सेमीफाइनल में हमारे साथ यही हुआ.'
साथ ही आईएएनएस ने जब गावस्कर से पूछा कि अगर हम लोकेश राहुल की गिनती करें तो क्या हमें चार विकेटकीपरों को खिलाने की जरूरत थी, जबकि हमारे पास भारत में एक से बढ़कर एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी पड़े हुए थे? इस सवाल के जवाब में गावस्कर ने कहा, 'इस सवाल का जवाब सिर्फ टीम प्रबंधन दे सकता है.'
इस साक्षात्कार से पहले गावस्कर ने एक अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित अपने कॉलम में विश्व कप में भारत की नाकामी को लेकर चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन की जमकर आलोचना की थी. गावस्कर ने अपने लेख में विश्व कप सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद भी विराट कोहली को स्वाभाविक तौर पर कप्तान बनाए रखे जाने के फैसला पर सवाल खड़े किए. गावस्कर ने लिखा था कि कोहली को दोबारा कप्तानी सौंपे जाने से पहले आधिकारिक बैठक होनी चाहिए थी.
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