इस मौके पर पकिस्तान के कानून सलाहकारों की एक टीम हेग पहुँच चुकी है. बता दें की पाकिस्तानी कानून सलाहकारों के टीम का नेतृत्व वहाँ के सबसे न्यायवादी मंसूर खान कर रहें हैं. वहीँ पाकिस्तानी सरकार में विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल भी टीम के साथ हेग के लिए रवाना हुए है.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार भस्र्स्त की ओर से अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के रिहाई को ठुकरा देगी.
कौन हैं कुलभूषण जाधव
कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं जो अभी पकिस्तान की जेल में कैद हैं. पाकिस्तानी सरकार का दावा है कि इन्हें 3 अप्रैल 2016 को बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में गिरफ्तार किया गया था, जिसपर भारत नें हमेशा से विरोध जताया है. लेकिन मामले ने तुल तब पकड़ा जब कुलभूषण जाधव को पकिस्तान में मौत की सजा सुनाई गई.
भारत सरकार नें बताया है कि कुलभूषण जाधव नें नौसेना से रिटायरमेंट के बाद अपनें बिज़नेस के सिलसिले में इरान गये हुए थे, जहाँ पाकिस्तानी जवानों नें उन्हें अगवा कर लिया था. भारत विदेश मंत्रालय नें कुल्भाशन जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगानें के लिए, अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट का सहारा लिया है. अब इस मसले पर अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के फैसले पर सबकी नज़रे हैं.
अपनी माँ और पत्नी से मिले जाधव

कुलभूषण जाधव को अपनी माँ और पत्नी से मिलवाया गया. पकिस्तान नें इस मीटिंग में कुलभूषण को कांच की दीवार से ही इन्टरकॉम से बात करवाई. इसपर भी सरकार और मीडिया नें खंडन करते हुए कहा था कि क्या उनकी माँ और पत्नी को कुलभूषण से सीधे मिलनें नहीं दिया जा सकता था? आखिर उनसे मिलवाने में पकिस्तान सरकार इतनी ज्यादा बेरहम कैसे हो गयी?
बता दें कि कुलभूषण जाधव और उनके परिवार के साथ हुई इस मुलाकात में कुलभूषण नें एक नीले रंग का कोर्ट पहना हुआ है, और कुलभूषण के कान में और गर्दन पर चोट के निशान दिख रहें हैं. जो पाकिस्तान की क्रूरता पर कई सवाल खड़े करते हैं.
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