इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता हमारी ताकत ताकत है और इसकी सुंदरता को बनाए रखने का हमारी नई पीढ़ी की ज़िम्मेदारी है. उन्होंने आज के समय में गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत बताई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मांधता और कट्टरता को हम सबको मिलकर दूर करने का प्रयास करना चाहिए, यही हमारी गुरुदेव को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. ‘निखिल भारत बंग साहित्य सम्मेलन’ की रायपुर इकाई और बंगाली कालीबाड़ी समिति द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें मुख्यमत्री भूपेश बघेल नें शिरकत की.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने गीतांजलि के माध्यम से भारत को नई पहचान दी. वे कहानीकार, संगीतकार, गायक, उपन्यासकार, नाटककार और चित्रकार के साथ-साथ एक महान शिक्षाविद और मानवतावादी थे, जो अंतर्राष्ट्रीयता को महत्व देते थे. श्रम की महत्ता को स्थापित करने के लिए उन्होंने शांति निकेतन के सामने श्री निकेतन की स्थापना भी की. आज के समय में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के विचारों को अपनाने की ज्यादा जरूरत है.
इस अवसर पर निखिल भारत बंग साहित्य सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, विधायक कुलदीप जुनेजा और विकास उपाध्याय, नगर निगम रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे और पूर्व सांसद करुणा शुक्ला विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे. राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कविवर रविंद्र नाथ टैगोर के सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें सहनशीलता होनी चाहिए. भारत में बहुत सी भाषा, धर्म और संस्कृति के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं. अनेकता में एकता भारत की विशेषता है.
इस अवसर पर बंगाली कालीबाड़ी समिति के अध्यक्ष सूर्यकांत सूर, मंदिरा गांगुली, चौताली मुखर्जी और अरुण भद्रा सहित समाज के अनेक पदाधिकारी और सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बंगाली कालीबाड़ी समिति की स्मारिका और डॉ. चंदा बनर्जी की कविताओं की पुस्तक का विमोचन किया.
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