मध्य प्रदेश सरकार उनके परिवार को सुरक्षा देगी. कमलनाथ की तरफ से वादा किया गया है कि वह पीड़िता का बेहतर इलाज करवाएंगे और साथ ही साथ शिक्षा का भी पूरा दायित्व निभाएंगे. मध्य प्रदेश के सीएम ने ऐलान किया है कि केस के दिल्ली ट्रांसफर होने पर पीड़िता के परिवार की दिल्ली आने-जाने की व्यवस्था की जाएगी और पीड़िता का प्रदेश की बेटी की तरह ख्याल रखा जाएगा.
उन्नाव दुष्कर्म मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला स्वागत योग्य।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 2, 2019
यूपी को असुरक्षित मान छोड़ने का निर्णय ले चुकी पीड़िता की माँ व परिजनो से में अपील करता हूँ कि वे सभी मध्यप्रदेश आकर बसने का निर्णय ले।
हमारी सरकार आपके पूरे परिवार को सम्पूर्ण सुरक्षा प्रदान करेगी।
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वहीँ दूसरी ओर उन्नाव रेप मामले में उत्तर प्रदेश की सरकार पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं. क्योंकि पीड़िता के साथ रेप करने का आरोप भारतीय जनता पार्टी के ही विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगा है, ऐसे में विपक्ष का आरोप है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही थी. इतना ही नहीं विपक्ष ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उन्होंने कुलदीप सिंह सेंगर को भी लंबे समय तक पार्टी से नहीं निकाला था.
बच्ची का हम बेहतर इलाज कराएँगे।उसकी बेहतर शिक्षा से लेकर सम्पूर्ण दायित्व हम निभायेंगे। किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं होने देंगे।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 2, 2019
दिल्ली केस ट्रांसफ़र होने पर आपके दिल्ली आने- जाने की भी पूर्ण व्यवस्था करेंगे।
बच्ची का प्रदेश की बेटी की तरह हम ख़याल रखेंगे।
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीफ की थी. प्रियंका गांधी की ओर से ट्वीट किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से उन्नाव मामले में जो फैसला दिया गया है वह यूपी में जंगलराज की सरकार की नाकामी पर एक तरह की मुहर है.
अब तक 100 दिन में कहाँ तक पहुंचा है उन्नाव दुष्कर्म का मामला-
- उन्नाव दुष्कर्म केस में सीबीआई ने कुल पांच एफआईआर दर्ज की है। इनमें से तीन मुकदमों की सुनवाई सीबीआई कोर्ट में 100 दिनों से थमी हुई है।
- इन तीन केस में उन्नाव का चर्चित दुषकर्म कांड, पीड़िता के पिता को अवैध असलहे के साथ फर्जी मुकदमें में जेल भेजना और जेल में पीड़िता के पिता की हत्या का मामला शामिल है।
- उपर्युक्त तीनों मामले लखनऊ स्थित सीबाआई की विशेष अदालत-4 में विचाराधीन हैं। 16 अप्रैल से सीबीआई की ये विशेष अदालत खाली पड़ी है।
- सीबीआई जुलाई 2018 में ही इन तीनों केस में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।
- पीड़िता संग दुष्कर्म और उसके पिता को अवैध असलहे के फर्जी मुकदमे में जेल भिजवाने के मामलों में विधायक सेंगर अभियुक्त है।
- फर्जी मुकदमे में पीड़िता के पिता को जेल भेज हत्या कराने के मामले में अभियुक्तों पर आरोप भी तय हो चुके हैं।
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