इंदौर. मंगलवार को टीम कमलनाथ में 28 विधायकों के मंत्री पद की शपथ ग्रहण लेने के बाद कुछ विधायकों में नाराजगी देखी जा रही है। बुधवार को जयस (जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन) प्रमुख और मनावर से कांग्रेस के विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर वादा-खिलाफी का आरोप लगाया है। अलावा ने कहा- भाजपा सरकार को सत्ता से दूर करने के लिए हमने कड़ी मेहनत की है। हमें सरकार में भागीदारी दी जाना चाहिए।
इसके बारे में राहुल गांधी से बात करूंगा, इसके बाद आगे क्या करना है इस पर फैसला लिया जाएगा। अलावा ने कहा - चुनाव से पहले कमलनाथ ने उनसे सरकार बनने पर मंत्रिमंडल में शामिल करने का वादा किया था। उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए की प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में आदिवासियों ने कितना योगदान दिया है।
चुनाव से पहले राहुल गांधी से बात हुई थी, जिसके बाद जयस ने कांग्रेस का साथ दिया और मैं कांग्रेस की ओर से मैदान में उतरा। हम तो 80 विधानसभा सीट पर अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी में थे, लेकिन कांग्रेस के आश्वासन के बाद हमने ऐसा नहीं किया। अलावा ने कहा - शिवराज सरकार को चौथी बार सत्ता में आने देने का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि हमने शिवराजजी के समक्ष अपनी कुछ मांगें रखी थीं, जिसे उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया था। जो सरकार आदिवासियों के हित के लिए काम नहीं कर रही थी, उसे तो हमें खारिज करना ही था। कांग्रेस ने हमारी बात मानी और हमें सरकार में शामिल करने का आश्वासन भी दिया था।
मंत्री को हराया था : धार जिले की मनावर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते हीरालाल अलावा ने पहले जयस के टिकट पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिलों में प्रत्याशी उतारने की बात कही थी। हीरालाल की इस घोषणा के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने उनसे मुलाकात कर उन्हें मनावर से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया था। हीरालाल ने भाजपा की बड़ी नेता और प्रदेश सरकार में मंत्री रंजना बघेल को शिकस्त दी है।
अलावा ने ट्वीट के जरिए भी जताई थी नाराजगी : जयस प्रमुख और मनावर से कांग्रेस के विधायक डॉ. हीरा अलावा ने मंत्रिमंडल गठन से पहले एक ट्वीट कर सरकार में शामिल नहीं करने को लेकर नाराजगी जताई थी। उन्होंने लिखा था- जयस ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। वादे के मुताबिक जयस की भागीदारी सरकार में होनी चाहिए, जयस को अनदेखा करना कांग्रेस की बड़ी भूल होगी।