नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और महासचिव जयराम रमेश ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भगवत के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने आरएसएस के गठन के कारण और सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा दिए गए निर्देशों पर सवाल उठाया था। कांग्रेस नेता रमेश ने कहा कि सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। देश के पहले गृहमंत्री पटेल ने गुरु गोलवलकर से क्या कहा था? आप एक गुप्त संगठन हैं। एक संस्था बनिए। पारदर्शिता लाइए। गुप्त रूप से काम मत कीजिए। यह सरदार पटेल का आरएसएस को लिखा पत्र है।
कांग्रेस नेता रमेश ने आरएसएस की इस बात पर आलोचना की कि संगठन ने 50 वर्षों से अधिक समय तक अपने नागपुर मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया, ध्वज संहिता में बदलाव के बाद ही 2002 में फिर से शुरू किया। इसके अलावा, रमेश ने संघ की विचारधारा पर सवाल उठाकर 26 नवंबर, 1949 को भारत के संविधान को अपनाने के कुछ दिनों बाद रामलीला मैदान में अंबेडकर, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी के पुतले जलाने की घटना का जिक्र किया। उन्होंने पूछा, किस विचारधारा ने ऐसा माहौल बनाया, जिसके कारण महात्मा गांधी की हत्या हुई?
उन्होंने पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसद और कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश का जिक्र किया, जिनसे जब पूछा गया कि गांधी या गोडसे? तब उन्होंने कहा, मुझे सोचना पड़ेगा, फिर भी उन्हें टिकट मिला और जिताया गया। उन्होंने कहा कि इसतरह के लोग राष्ट्रवाद के प्रमाण पत्र बांटने में व्यस्त हैं। उनकी ये टिप्पणियां आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत के उस बयान के बाद आईं, जिसमें उन्होंने कहा था कि आरएसएस एक कट्टर राष्ट्रवादी संगठन है।