आखिर मामला क्या था
मामला दरअसल ये था कि मानिक मेहता के शिकायत पर मुकेश गुप्ता पर दुर्ग के सुपेला थाना में धारा 409, 420, 467, 471, 201 और 421 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था. ये भी बता दें कि मानिक मेहता कि बहन मिक्की मेहता के साथ मुकेश गुप्ता नें विवाह किया था, और उसके कुछ समय के बाद ही मिक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी. मानिक मेहता नें, मुकेश गुप्ता पर आरोप लगाया है कि उन्होनें एस.पी. रहते हुए, नकली दस्तावेजों के आधार पर साडा की मोतीलाल आवासीय योजना में ज़मीन का आवंटन अपनें नाम पर करवाया था. पुलिस के पास की गयी रिपोर्ट के अनुसार साडा के सदस्य होनें के रूप में अपने पद का दुरूपयोग करके, मुकेश गुप्ता नें साडा भंग होनें के एक दिन के बाद ही 9 जून 1998 को 2928 वर्गफूट भूमि अपनें नाम पे करवा ली थी. इस भूमी के बदले लगभग दुगुने भूमी 5810 वर्गफीट भूमि की रजिस्ट्री करवाई, इस भूमी का भुगतान 13 जून को चेक देकर किया गया. जमीन क्रय करने पश्चात मुकेश गुप्ता ने उस पर भवन निर्माण कराया, मामले की शिकायत के बाद मुकेश गुप्ता नें ज़मीन बेच दिया और दिल्ली में 1 करोड़ 5 लाख का एक नया घर ख़रीदा.

मुकेश गुप्ता नें अपनी गिरफ्तारी के सम्बन्ध में ईओडबल्यू में एक पत्र लिखकर कहा है कि ‘दुर्ग सीएसपी विवेक शुक्ला, सुपेला टीआई राजेंद्र सिंह, टीआई विनय सिंह समेत छह-सात पुलिस कर्मियों ने उनकी अनुपस्थिति में वैधानिक दस्तावेजों के बगैर घर पर दबिश दी. उस दौरान उनकी पत्नी और बेटियां मौजूद थी. घर में कोई पुरूष सदस्य मौजूद नहीं था. इस कार्यवाही का कोई दस्तावेज पत्नी को को उपलब्ध नहीं कराया गया. इस मामले में परिजनों ने दिल्ली के संबंधित पुलिस थाने में एक शिकायत भी दर्ज कराई है.’
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