ईश्वर दुबे
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Bhilai
भिलाई : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई-3 में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिलने के मामले को सुलझाने का दावा पुलिस ने किया है.Read
पुलिस का दावा है कि सबूत इकट्ठा कर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है. हत्या को अंजाम देने वाले सभी आरापित मृतक के चेले थे. गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ कर पुलिस ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
भिलाई-3 थाना क्षेत्र के सिरसाभाठा के नाले में बंद बोरे में एक युवक की लाश बीते 9 जुलाई को मिली थी. पुलिस ने इस मामले में कुल तीन आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की गई. पुलिस के मुताबिक आरोपितों ने भिलाई स्टील प्लांट में चोरी करने वाले गिरोह का मुखिया बनने की खातिर हत्या करने की बात स्वीकार की है. आरोपितों ने मृतक से ही प्लांट में चोरी करने का तरीका और चोर रास्तों के बारे में जाना था, लेकिन कुछ दिनों बाद दोनों के बीच के बीच वर्चस्व को लेकर विवाद शुरू हो गया, जिसके बाद वारादात को अंजाम दिया गया.
इस तरह की वारदात
मृतक के गले पर कटने का निशान था. पुलिस ने तत्काल हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. पुलिस ने मृतक की शिनाख्त खुर्सीपार निवासी प्रमोद उर्फ काली बिहारी के रूप में की. इसके बाद पुलिस ने आगे की जांच शुरू की तो पता चला कि 9 जुलाई की शाम को उसे आखिरी बार खुर्सीपार के ही सन्नी देवार उर्फ गोपाल यादव के साथ खुर्सीपार के दारू भट्ठी के पास देखा गया था. इस आधार पर पुलिस ने सन्नी देवार उर्फ गोपाल यादव को हिरासत में लिया. पूछताछ में उसने अपने दो दोस्तों अजय पटेल और पारख के साथ मिलकर प्रमोद उर्फ काली की हत्या करने की बात स्वीकार की.
दारू भट्ठी के पास विवाद होने के बाद सभी आरोपित मृतक को लेकर खुर्सीपार के एक पुराने भवन के खंडहर में पहुंचे. वहां आरोपितों ने कटर से मृतक के गले पर वार कर मौत के घाट उतार दिया था. इस आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपितों को हिरासत में ले लिया है और उनसे आगे की पूछताछ की.
प्लांट से करते थे चोरी
आरोपित सन्नी देवार उर्फ गोपाल यादव ने पुलिस को बताया कि उसने मृतक प्रमोद उर्फ काली बिहारी से ही भिलाई स्टील प्लांट से तांबा-पीतल चोरी करना सीखा था. मृतक ने ही उसे प्लांट में घुसने वाले चोर रास्ते और चोरी के माल को खपाने वाले स्थान की जानकारी दी थी. मृतक के चेलों में और भी कई चोर थे. आरोपित सन्नी उर्फ गोपाल उस चोर गिरोह का मुखिया बनना चाहता था, जिसे लेकर उनके बीच में विवाद शुरू हो गया. काफी दिनों से चल रहे विवाद के बाद आरोपितों ने हत्या की साजिश रची और दारू पिलाने के बहाने उसे भट्ठी के पास बुलाया, वहां से उसे खंडहर में ले गए और मौत के घाट उतार दिया.
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