चीनी विदेश मंत्रालय के हथियार नियंत्रण विभाग के निदेशक फू कांग ने कहा, 'इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (आइएनएफ) संधि खत्म होने से वैश्विक सामरिक स्थिरता के साथ ही यूरोप और एशिया-प्रशांत की सुरक्षा पर सीधा नकारात्मक असर पड़ेगा। चीन खासतौर पर उस बयान से चिंतित है जिसमें एक अमेरिकी अधिकारी ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शीघ्र ही मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल के विकास और परीक्षण की योजना का एलान किया।
चीन चुप नहीं बैठेगा और दुनिया के इस हिस्से में अमेरिकी मिसाइल तैनाती का जवाब देने के लिए विवश होगा।' इसके साथ ही उन्होंने दूसरे देशों खासतौर पर दक्षिण कोरिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया से आग्रह किया कि वे अपने यहां अमेरिका को मिसाइलें तैनात करने की इजाजत नहीं दें।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने किया था एलान
हाल में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आए अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा था कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हम कुछ माह के अंदर मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें तैनात करना चाहते हैं। उनके इस बयान पर ऑस्ट्रेलिया ने अपनी जमीन पर अमेरिकी मिसाइल तैनाती की योजना से इन्कार किया था।
पिछले हफ्ते खत्म हुई आइएनएफ संधि
अमेरिका और रूस के बीच 1987 में हुई आइएनएफ संधि गत शुक्रवार को खत्म हो गई थी। संधि के तहत मध्यम दूरी तक मार करने वाली कई मिसाइलों को प्रतिबंधित किया गया था। इस संधि के खत्म होने से दुनिया में नए हथियारों के विकास की होड़ शुरू होने की आशंका जताई गई है।
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