ईश्वर दुबे
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रायपुर : छत्तीसगढ़ के राज्यपाल तथा कुलाधिपति श्री रामेन डेका से आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने राजभवन में सौजन्य मुलाकात कर उन्हें कृषि विश्वविद्यालय परिसर में 6 से 8 जून 2025 तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय आम महोत्सव के शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का न्यौता दिया। राज्यपाल से मुलाकात के दौरान डॉ. चंदेल ने उन्हें कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित शिक्षण, अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय को देश के सर्वश्रेष्ठ धान अनुसंधान केन्द्र के रूप में सम्मानित किया गया है। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों के साथ समझौते कर वैश्विक स्तर पर परस्पर छात्र विनिमय कार्यक्रम भी संचालित कर रहा है और इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।
राज्यपाल श्री डेका ने डॉ. चंदेल को कृषि विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ धान अनुसंधान केन्द्र का सम्मान मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने डॉ. चंदेल से कृषि विश्वविद्यालय में ब्लैक राईस की खेती के लिए किए जा रहे अनुसंधान कार्य की जानकारी प्राप्त की। श्री डेका ने छत्तीसगढ़ में ब्लैक राईस के उत्पादन को बढ़ावा देने और इसकी खेती करने वाले किसानों को तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के हित में संचालित अन्य गतिविधियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की तथा विश्वविद्यालय द्वारा किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए किए जा रहे कार्यां को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया।
रायपुर :मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर में नीति-राज्य कार्यशाला श्रृंखला के राज्य समर्थन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ में युवाओं, महिलाओं और जनजातीय समुदायों के लिए कौशल विकास, रोजगार और आजीविका के अवसरों को विस्तार देने विषय पर आधारित कार्यशाला का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह कार्यशाला बदलते समय की जरूरतों के अनुरूप बेहद प्रासंगिक है। भारत एक युवा देश है और यदि युवाओं को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार कौशल प्रशिक्षण मिले, तो हम ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को तेजी से हासिल कर सकते हैं। इस मौके पर राज्य के कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आज चार महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए गए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि 2047 तक छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए युवाओं, महिलाओं और जनजातीय वर्ग को केंद्र में रखकर योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने नीति आयोग की आकांक्षी जिलों की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे जनजातीय क्षेत्रों में बदलाव देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य समर्थन मिशन के बेहतर क्रियान्वयन से प्रदेश के युवाओं, महिलाओं और जनजातिय समुदाय के आजीविका के लिए प्रशिक्षण से रोजगार के नये अवसर शुलभ होंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं को कौशल से जोड़कर उन्हें रोजगार के योग्य बनाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री नेे बताया कि सरकार वर्ष 2013 से कौशल विकास को तीव्रता से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार लाइवलीहुड कॉलेज, आईटीआई और महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने पर काम कर रही है। उन्होंने महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के साथ समझौते की जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत राज्य के युवाओं को ट्रैक्टर निर्माण की आधुनिक तकनीक सिखाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से बस्तर और सरगुजा अंचल के ग्रामीण युवाओं तथा उनके परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मैकेनिक जैसे कौशलों की भारी मांग है, लेकिन कुशल कर्मचारियों की उपलब्धता कम है। सरकार इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए व्यापक योजना तैयार कर रही है। साथ ही उन्होंने महुआ, इमली, साल जैसे वन उत्पादों से मूल्यवर्धन कर स्थानीय लोगों की आजीविका को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित 2500 परिवारों के बैंक खातों में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की पहली किस्त की राशि अंतरित की। उन्होंने मंत्रालय में वर्चुअली आयोजित कार्यक्रम में आवास निर्माण की पहली किस्त प्रति परिवार 40-40 हजार रुपए के मान से कुल दस करोड़ रुपए हितग्राहियों के खातों में अंतरित किए। छत्तीसगढ़ के विशेष आग्रह पर केंद्र सरकार द्वारा राज्य के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए 15 हजार आवास स्वीकृत किए गए हैं। उप मुख्यमंत्री तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री विजय शर्मा भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न जिलों से मंत्रालय से वर्चुअली बड़ी संख्या में जुड़े हितग्राहियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य शासन ने केंद्र सरकार से विशेष आग्रह कर आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए जो प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता की शर्तों में नहीं आ पा रहे थे, उनके लिए 15 हजार आवास स्वीकृत कराया है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने संवेदनशीलता और गंभीरता से हमारे निवेदन को मंजूरी दी और वंचित परिवारों के लिए भी आवास की व्यवस्था की।
श्री साय ने नक्सल प्रभावित दूरस्थ वनांचलों के लिए स्वीकृत इस विशेष परियोजना के हितग्राहियों की हौसला अफजाई करते हुए अच्छा मकान बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इसमें सरकार हर तरह की मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने नक्सली हिंसा के शिकार परिवारों से आत्मीयता से बातकर उनका हाल-चाल पूछा। उन्होंने घर-परिवार और उनके व्यवसाय की जानकारी ली। बातचीत के दौरान विभिन्न जिला मुख्यालयों से जुड़े हितग्राहियों ने पक्का आवास मिलने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया।
उप मुख्यमंत्री तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री विजय शर्मा ने भी हितग्राहियों को ऑनलाइन संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। आज 2500 ऐसे परिवारों को जो नक्सलवाद छोड़कर मुख्य धारा में लौट आए हैं या नक्सल हिंसा से पीड़ित हैं, उनके पक्के आवासों के निर्माण के लिए 40-40 हजार रुपए की पहली किस्त जारी की गई है। ये ऐसे परिवार हैं जो प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता में नहीं आ पा रहे थे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में विभाग ने विशेष प्रयास कर भारत सरकार से ये आवास मंजूर कराए हैं। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य में नक्सलवाद को समाप्त करने का अभियान अब अंतिम चरण में है। बस्तर के लोगों के मन से अब आतंक का डर हट जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे मुख्य धारा में आएं। बस्तर की शांति और विकास के लिए यह जरूरी है। उन्होंने विशेष परियोजना के तहत हितग्राहियों के चिन्हांकन और इसे अमलीजामा पहनाने के लिए विभागीय अधिकारियों की पीठ थपथपाई और उन्हें धन्यवाद दिया।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने कार्यक्रम में राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के क्रियान्वयन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आवास निर्माण के लक्ष्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है। योजना के अगले चरण के लिए हितग्राहियों के सर्वेक्षण का काम भी तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, सचिव श्री पी. दयानंद, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री भीम सिंह तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक श्री तारन प्रकाश सिन्हा सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी भी राशि अंतरण कार्यक्रम में मौजूद थे।
सुकमा के सर्वाधिक 809 आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों को मिली आवास की पहली किस्त, बीजापुर के 594 और नारायणपुर के 316 परिवार शामिल
प्रधानमंत्री आवास योजना में विशेष परियोजना के तहत आज जिन 2500 आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के खातों में आवास निर्माण के लिए राशि अंतरित की गई, उनमें सर्वाधिक 809 परिवार सुकमा जिले के हैं। बीजापुर जिले के ऐसे 594, नारायणपुर के 316, बस्तर के 202, दंतेवाड़ा के 180, कोंडागांव के 166 और कांकेर के 138 परिवारों को आवास निर्माण के लिए राशि जारी की गई है।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के डंगनिया में भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने भगवान परशुराम मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ब्राम्हण समाज ने सदैव समाज को ज्ञान और संस्कार देने का कार्य किया है। उन्होंने भगवान परशुराम जन्मोत्सव की सभी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि भगवान परशुराम विष्णु के छठवें अवतार हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है और प्रभु श्रीराम हमारे भाँचा हैं। रामलला मंदिर निर्माण छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए गौरव और आस्था का विषय है। ‘श्रीरामलला दर्शन योजना’ के अंतर्गत अब तक 22,000 श्रद्धालु अयोध्या में रामलला के दर्शन कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना भी प्रारंभ की गई है, जिसमें श्रद्धालु सरकारी व्यय पर विभिन्न तीर्थ स्थलों की यात्रा कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है, जिसे धान का कटोरा कहा जाता है और 44 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित है। नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है। हमारी सरकार ने 31 मार्च 2026 तक राज्य को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त कराने का संकल्प लिया है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने विकास के लिए एक सशक्त ‘विजन डॉक्यूमेंट’ तैयार किया है और नई औद्योगिक नीति लागू की गई है। डिजिटलीकरण के माध्यम से भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण किया जा रहा है, और दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘2047 तक विकसित भारत’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, हम ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस दिशा में ब्राम्हण समाज की भागीदारी भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने डेढ़ वर्ष के अल्पकाल में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को धरातल पर उतारा है। चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत घर देने की बात हो या किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान का मूल्य दिलाना—हमने हर वर्ग की भलाई के लिए काम किया है। बस्तर और सरगुजा में जनजातीय समाज के लिए 5500 रुपये प्रति मानक बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में प्रक्रियाओं, संस्थाओं और क्रियाओं के शुद्धिकरण का कार्य जारी है। राज्य निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभर रहा है। कौशल उन्नयन, पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। पीएससी में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच चल रही है, और कई दोषी जेल की सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने कहा कि ब्राम्हण समाज एक प्रगतिशील समाज है, जिसने हमेशा विमर्श और विचारों का स्वागत किया है।
इस अवसर पर महंत श्री वेदप्रकाशाचार्य, विधायक श्री मोतीलाल साहू, श्री अनुज शर्मा, श्री सुशांत शुक्ला, रायपुर महापौर श्रीमती मीनल चौबे, बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा, साहित्य अकादमी अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, श्रीमती सुमन अशोक पांडेय, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील ब्राम्हण समाज अध्यक्ष श्री शिवांजल शिव गोविंद शर्मा सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास परिसर से दृष्टि एवं श्रवण बाधित बच्चों को एक बड़ी सौगात देते हुए दो विशेष बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये बसें रायपुर और बिलासपुर स्थित शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधित विद्यालयों में अध्ययनरत डे-स्कॉलर बच्चों को प्रतिदिन निःशुल्क घर से स्कूल और स्कूल से घर तक पहुंचाएंगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह सुविधा विशेष बच्चों के लिए न केवल सुगम और सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करेगी, बल्कि उनके आत्मविश्वास, शिक्षा की निरंतरता और सामाजिक समावेश को भी मजबूती प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि यह पहल उन माता-पिता के लिए भी राहत लेकर आएगी, जो अपने बच्चों की दैनिक आवाजाही को लेकर चिंतित रहते हैं, विशेष रूप से जब दोनों अभिभावक कार्यरत हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि हर विशेष आवश्यकता वाले बच्चे तक पहुँचा जाए और उन्हें एक बेहतर जीवन देने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। यह बस सेवा केवल परिवहन सुविधा नहीं, बल्कि विशेष बच्चों के जीवन में बदलाव लाने का माध्यम है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षा तक पहुंच सभी बच्चों का अधिकार है और सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी शारीरिक बाधा के कारण कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
उल्लेखनीय है कि इन विशेष बसों के संचालन से रायपुर और बिलासपुर के सैकड़ों दृष्टि एवं श्रवण बाधित बच्चों को प्रतिदिन सम्मानजनक और सुरक्षित यात्रा का अवसर मिलेगा, जिससे वे मुख्यधारा की शिक्षा से सहज रूप से जुड़ सकेंगे।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक श्री भूलन सिंह मरावी एवं समाज कल्याण विभाग की संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की संवेदनशील पहल से छत्तीसगढ़ के 26 सौ से अधिक बीएड अर्हताधारी बर्खास्त सहायक शिक्षकों के जीवन में खुशियां लौट आई है। प्रदेश सरकार ने बर्खास्त शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस फैसले से राज्य के 2600 से अधिक युवाओं का भविष्य एक बार फिर संवर गया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज मुख्यमंत्री निवास में बर्खास्त सहायक शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर उनका आभार व्यक्त किया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ग़जमाला पहनाकर उनके प्रति कृतज्ञता जताई।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं और उनसे अपने दायित्व का निर्वहन पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बच्चों का और देश का भविष्य गढ़ना शिक्षकों का सबसे बड़ा कर्तव्य है। आप सभी अपने दायित्व के प्रति सचेत हों और इस भूमिका में सर्वोच्च योगदान दें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों की चिंता पहले दिन से की थी। आप हमारे प्रदेश के बच्चें है और आपके भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प हमने पहले से ले लिया था। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह कदम छत्तीसगढ़ के भविष्य निर्माताओं को नया संबल देगा और शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाएगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि ये युवा शिक्षक आने वाले वर्षों में प्रदेश की नई पीढ़ी को दिशा देंगे और छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर अग्रसर करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह निर्णय शिक्षकों के उज्जवल, सुरक्षित और सम्मानजनक भविष्य की एक नई शुरुआत है।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के साथ आपके नौकरी के संबंध में लगातार चर्चा होती थी। हमारे मुखिया इतने संवेदनशील है कि उन्होंने पहले ही दिन कहा था कि जितना भी आर्थिक बोझ पड़े राज्य सरकार अपने युवाओं के भविष्य को खतरे में नहीं डालेगी। उन्होंने कहा कि आपके परिजन भी लगातार हमसे संपर्क कर अपनी चिंता व्यक्त करते थे और आज मुख्यमंत्री ने उन सभी की चिंता को दूर करते हुए अपना वादा निभाया। मुख्यमंत्री जी ने न केवल अपना वादा निभाया है बल्कि अपनी इच्छा शक्ति से सुशासन को स्थापित करने का कार्य किया है। उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के इस ऐतिहासिक निर्णय ने पूरे देश में मिसाल कायम की है।
इस अवसर पर युवाओं ने कहा कि नौकरी जाने के बाद वे अपने भविष्य को लेकर गहरी आशंका में थे और लगातार मानसिक पीड़ा झेल रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता ने उन्हें संबल दिया। शिक्षकों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हर बार उनकी बात सुनी और भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने हमसे वादा किया था कि हमारे बेटे-बेटियों का भविष्य सुरक्षित किया जाएगा और आज उन्होंने अपना वादा निभाकर एक अभिभावक की जिम्मेदारी पूरी की है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल युवा शिक्षकों ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में सरकार ने वास्तव में सुशासन और संवेदनशीलता का परिचय दिया है। हमें गर्व है कि आज हमारे प्रदेश में ऐसी सरकार है जो हमारी पीड़ा को समझती है और संवेदनशीलता के साथ हमारी समस्याओं का समाधान करती है।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज मुख्यमंत्री निवास में बस्तर अंचल से आए नक्सल हिंसा पीड़ितों के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की। प्रतिनिधिमंडल में सुकमा, बीजापुर, कांकेर सहित बस्तर संभाग के विभिन्न क्षेत्रों के वे नक्सल हिंसा पीड़ित शामिल थे, जिन्होंने विगत वर्षों में नक्सली हिंसा के कारण अपनों को खोया है, शारीरिक यातनाएँ झेली हैं अथवा विस्थापन का दंश सहा है। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय को ज्ञापन सौंपते हुए कुर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान को निर्णायक मोड़ तक पहुँचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि बस्तर के हजारों परिवार चार दशकों से माओवादी आतंक की विभीषिका का सामना कर रहे हैं, जिसने क्षेत्र की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक बुनियाद को गहरा नुकसान पहुँचाया है। हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों की प्रभावी कार्रवाई और सरकार की समावेशी विकास की नीति से बस्तर में शांति और विकास की आशा फिर से जगी है। ग्रामीणों ने बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे आयोजनों को इस नई जागरूकता और विश्वास का प्रतीक बताया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के समूल उन्मूलन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कुर्रेगुट्टा में चलाया जा रहा सुरक्षा अभियान निर्णायक चरण में है। सरकार किसी भी कीमत पर नक्सल उन्मूलन अभियान को पूर्ण करेगी ताकि बस्तर के विकास को गति मिले। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि नक्सलवाद सिर्फ एक हिंसक आंदोलन नहीं, बल्कि हमारी सह-अस्तित्व पर आधारित संस्कृति पर खतरा भी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हर नक्सल पीड़ित परिवार के साथ सरकार खड़ी है और सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने या अभियान में बाधा डालने वाले किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बस्तर में स्थायी शांति और समावेशी विकास ही सरकार का लक्ष्य है, और यह तभी संभव है जब क्षेत्र को हिंसा और भय के साये से पूरी तरह मुक्त किया जाए। मुख्यमंत्री श्री साय ने आशा व्यक्त की कि नक्सल विरोधी संघर्ष में जन-भागीदारी और विश्वास की शक्ति से हम निस्संदेह सफलता प्राप्त करेंगे और बस्तर को स्थायी शांति और विकास की दिशा में अग्रसर करेंगे।
रायपुर :केयरएज स्टेट रैंकिंग 2025 में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए देश के बड़े राज्यों की सूची में अपनी रैंकिंग को तीन स्थान तक बेहतर किया है। वर्ष 2023 की तुलना में राज्य का समग्र स्कोर 6.1 अंकों की वृद्धि के साथ 34.8 से बढ़कर 40.9 हो गया है। इसी के साथ छत्तीसगढ़ देश के 17 बड़े राज्यों के गु्रप में 14वें स्थान से 11वें स्थान पर पहुंच गया है। यह प्रदर्शन शासन, सामाजिक संकेतकों और आर्थिक मजबूती में व्यापक सुधार का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि यह ‘टीम छत्तीसगढ़’ की एकजुट मेहनत और जन-सेवा की भावना का परिणाम है। हमने शासन में पारदर्शिता, सेवा की गति, और नागरिकों की भागीदारी को प्राथमिकता दी है। सामाजिक क्षेत्र में हमारा जोर शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीब कल्याण पर रहा है। आर्थिक क्षेत्र में निवेश और रोजगार को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केयरएज की यह रिपोर्ट हमारे कार्याें का आंकड़ों के रूप में मान्यता है। हमने हर क्षेत्र में सुधार की नीति अपनाई है, चाहे वह आर्थिक सशक्तिकरण हो, शिक्षा हो या स्वास्थ्य सेवाएं। यह उपलब्धि सभी के प्रयास और जनता के सहयोग का परिणाम है। छत्तीसगढ़ राज्य अब राष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। निकट भविष्य में हमारा राज्य देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।
केयरएज की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में आर्थिक प्रदर्शन के मापदण्ड पर उल्लेखनीय 9.9 अंकों की वृद्धि दर्ज की है। वर्ष 2023 में जहां राज्य 12वें स्थान पर था, वहीं 2025 में यह 7वें स्थान पर आ गया है। यह राज्य की आकर्षक औद्योगिक नीति, निवेश प्रोत्साहन और वित्तीय प्रबंधन का परिणाम है। छत्तीसगढ़ ने वित्तीय प्रबंधन को बेहतर करते हुए राजस्व संग्रहण की दक्षता बढ़ाई है। जीएसटी संग्रहण में वृद्धि और बजट प्रबंधन में पारदर्शिता के कारण राज्य की राजकोषीय स्थिति अधिक मजबूत हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ ने शासन-प्रशासन के क्षेत्र में 14.2 अंकों की छलांग लगाई है, सार्वजनिक सेवा, कानून व्यवस्था और डिजिटल गवर्नेंस में किए गए सुधार इसके मुख्य कारण रहे। वहीं सामाजिक क्षेत्र में 17.8 अंकों की वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि राज्य ने साक्षरता, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और आय-समानता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।
छत्तीसगढ़ राज्य ने आर्थिक क्षेत्र में भी लगभग 10 अंकों की बढ़त दर्ज की है, जो राज्य की स्थिर विकास दर में वृद्धि और औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार का शुभ संकेत है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि 2025 की कार्यप्रणाली में 50 संकेतकों के आधार पर मूल्यांकन किया गया, जबकि 2023 में यह संख्या 46 थी। 2023 और 2025 के बीच छत्तीसगढ़ ने शासन, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार किया है।रायपुर : छत्तीसगढ़ की केयरएज रैंकिंग में बड़ी छलांग
शासन, सामाजिक विकास और अर्थव्यवस्था में जबरदस्त सुधार
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा यह टीम छत्तीसगढ़ की सफलता
रायपुर, 01 मई 2025
केयरएज स्टेट रैंकिंग 2025 में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए देश के बड़े राज्यों की सूची में अपनी रैंकिंग को तीन स्थान तक बेहतर किया है। वर्ष 2023 की तुलना में राज्य का समग्र स्कोर 6.1 अंकों की वृद्धि के साथ 34.8 से बढ़कर 40.9 हो गया है। इसी के साथ छत्तीसगढ़ देश के 17 बड़े राज्यों के गु्रप में 14वें स्थान से 11वें स्थान पर पहुंच गया है। यह प्रदर्शन शासन, सामाजिक संकेतकों और आर्थिक मजबूती में व्यापक सुधार का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि यह ‘टीम छत्तीसगढ़’ की एकजुट मेहनत और जन-सेवा की भावना का परिणाम है। हमने शासन में पारदर्शिता, सेवा की गति, और नागरिकों की भागीदारी को प्राथमिकता दी है। सामाजिक क्षेत्र में हमारा जोर शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीब कल्याण पर रहा है। आर्थिक क्षेत्र में निवेश और रोजगार को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केयरएज की यह रिपोर्ट हमारे कार्याें का आंकड़ों के रूप में मान्यता है। हमने हर क्षेत्र में सुधार की नीति अपनाई है, चाहे वह आर्थिक सशक्तिकरण हो, शिक्षा हो या स्वास्थ्य सेवाएं। यह उपलब्धि सभी के प्रयास और जनता के सहयोग का परिणाम है। छत्तीसगढ़ राज्य अब राष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। निकट भविष्य में हमारा राज्य देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।
केयरएज की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में आर्थिक प्रदर्शन के मापदण्ड पर उल्लेखनीय 9.9 अंकों की वृद्धि दर्ज की है। वर्ष 2023 में जहां राज्य 12वें स्थान पर था, वहीं 2025 में यह 7वें स्थान पर आ गया है। यह राज्य की आकर्षक औद्योगिक नीति, निवेश प्रोत्साहन और वित्तीय प्रबंधन का परिणाम है। छत्तीसगढ़ ने वित्तीय प्रबंधन को बेहतर करते हुए राजस्व संग्रहण की दक्षता बढ़ाई है। जीएसटी संग्रहण में वृद्धि और बजट प्रबंधन में पारदर्शिता के कारण राज्य की राजकोषीय स्थिति अधिक मजबूत हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ ने शासन-प्रशासन के क्षेत्र में 14.2 अंकों की छलांग लगाई है, सार्वजनिक सेवा, कानून व्यवस्था और डिजिटल गवर्नेंस में किए गए सुधार इसके मुख्य कारण रहे। वहीं सामाजिक क्षेत्र में 17.8 अंकों की वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि राज्य ने साक्षरता, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और आय-समानता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।
छत्तीसगढ़ राज्य ने आर्थिक क्षेत्र में भी लगभग 10 अंकों की बढ़त दर्ज की है, जो राज्य की स्थिर विकास दर में वृद्धि और औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार का शुभ संकेत है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि 2025 की कार्यप्रणाली में 50 संकेतकों के आधार पर मूल्यांकन किया गया, जबकि 2023 में यह संख्या 46 थी। 2023 और 2025 के बीच छत्तीसगढ़ ने शासन, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार किया है।
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पुराने वक्फ बिल की विसंगतियों को दूर करने का प्रयास नए वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के माध्यम से किए जा रहे है, ताकि मुस्लिम समुदाय के पिछड़े और गरीब तबके के लोगों के जीवन को बेहतर बनाया जा सकें और उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने वक्फ सुधार जनजागरण अभियान समिति रायपुर द्वारा वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 विषय पर मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित व्याख्यान माला में यह बात कही। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 मुसलमानों के हित में है और इसका लाभ सभी मुसलमानों को होगा। यह बिल मुस्लिम समाज के विरोध में नहीं है। विषय-विशेषज्ञों एवं समाज के सभी तबके से सलाह मशवरा कर यह कानून लाया गया है।
व्याख्यान माला के मुख्य वक्ता केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में तेजी से रिफार्म किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चाहे जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने की बात हो या ट्रिपल तलाक जैसे कानूनों को समाप्त कर मुस्लिम समाज के महिलाओं को हक दिलाने की बात हो, यह सभी कार्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुए हैं। अब वक्फ बिल के माध्यम से पिछड़े मुसलमानों को उनका हक दिलाते हुए वक्फ बोर्ड की गड़बड़ियों को दूर कर सकारात्मक सुधार का प्रयास किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे बताया कि हमारी सरकार का प्रयास है कि वक्फ के माध्यम से समाज के वास्तविक लोगों को ही इसका फायदा मिल सके। उन्होंने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से यूपीए सरकार द्वारा आनन-फानन 2013 में वक्फ क़ानून में किए संशोधन से हुए नुकसान एवं विसंगतियों के बारे विस्तृत जानकारी दी। साथ ही वर्तमान वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 से होने वाले फायदों एवं विसंगति प्रावधानों के हटाने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री राम विचार नेताम ने कहा कि आज वक्फ कानून के संबंध में जो गलतफहमी समाज में फैलाई जा रही है उससे हम सब को बचना है और नए वक्फ कानून की वास्तविकता को पहचाना एवं जानना है। हमारे विभाग द्वारा भी जिला स्तर से लेकर विकासखंडों तक ऐसे जागरण या व्याख्यान माला का आयोजन किए जाएंगे। इस अवसर में पूर्व विधायक भाटापारा श्री शिवरतन शर्मा, धमतरी महापौर श्री रामू रोहरा छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के चेयरमेन डॉ. सलीम राज सहित मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवी वर्ग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज यहां राजभवन में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने सौजन्य भेंट की और आयोग की गतिविधियों के संबंध में अवगत कराया। इस अवसर पर आयोग के सचिव श्री प्रतीक खरे उपस्थित थे।
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज यहां राजभवन में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के नवनियुक्त कुलपति डॉ. संजय तिवारी ने सौजन्य भेंट की।
रायपुर :शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, इसे व्यवहारिक ज्ञान से जोड़े - श्री डेकाशिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, इसे व्यवहारिक ज्ञान से जोड़े - श्री डेकाशिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, इसे व्यवहारिक ज्ञान से जोड़े - श्री डेका
शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए। हमें इसे व्यावहारिक ज्ञान से जोड़ना चाहिए। युवाओं को न केवल नौकरी खोजने के लिए बल्कि नौकरी देने वाले बनने के लिए तैयार करना चाहिए। छत्तीसगढ़ की समृद्धि तभी संभव है जब हमारे युवा आत्मनिर्भर और नवोन्मेषी बनेंगे। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने अंजनेय विश्वविद्यालय रायपुर के वार्षिक उत्सव ‘उड़ान -2025‘ के समापन कार्यक्रम में यह उदगार व्यक्त किए।
राज्यपाल श्री रमेन डेका विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे पाठ्यक्रम में प्रौद्योगिकी, ग्रामीण विकास, नवाचार, स्टार्टअप संस्कृति और सामुदायिक सेवा में कौशल पर विशेष जोर दिया है। अब हम छात्रों को केवल कक्षाओं और पुस्तकालयों तक सीमित नहीं रखते हैं। हम उन्हें समाज, गांवों, खेतों और उद्योगों से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान प्रदान नहीं करती है बल्कि यह सोचने, समझने और नेतृत्व करने की शक्ति देती है। जब हम अपने युवाओं को गुणवत्तापूर्ण, व्यावहारिक और नैतिक शिक्षा प्रदान करते हैं, तो वे न केवल अपना भविष्य सुरक्षित करते हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी संपत्ति बनते हैं।
श्री डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक, सांस्कृतिक और मानवीय संसाधनों से भरपूर राज्य है। किसी भी राज्य की सच्ची और सतत प्रगति तभी संभव है जब उसके लोग शिक्षित, प्रबुद्ध और सशक्त हों। शैक्षणिक संस्थान किसी भी राज्य की आत्मा होते हैं और इन संस्थानों से निकलने वाली पीढ़ियाँ ,राज्य के भविष्य की दिशा तय करती हैं।
रायपुर,मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए -
मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ राज्य के सुदूर अनुसूचित एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां यात्री परिवहन की सुविधा कम है, वहां आम जनता को सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना‘‘ शुरू करने का अहम निर्णय लिया गया है।
इस योजना के तहत हल्के/मध्यम परिवहन मोटरयान 18 से 42 बैठक क्षमता (चालक को छोड़कर) के वाहन को अनुज्ञा पत्र और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। नवीन ग्रामीण मार्गाें के विनिर्धारण के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। अनुज्ञा का लाभ छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को मिलेगा, जिसमें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं तथा नक्सल प्रभावितों को प्राथमिकता दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन निविदा प्रक्रिया से किया जाएगा। इस योजना के तहत संबंधित वाहन स्वामी को ग्रामीण मार्गाें पर वाहनों के संचालन के लिए प्रथम परमिट निर्गमन की तिथि से तीन साल अधिकतम अवधि के लिए मासिक कर में पूर्णतः छूट दी जाएगी।
इस योजना के तहत संचालित विभिन्न श्रेणी के वाहनों को राज्य शासन द्वारा प्रथम वर्ष 26 रूपए प्रति किलोमीटर, द्वितीय वर्ष 24 रूपए प्रति किलोमीटर तथा तृतीय वर्ष 22 रूपए प्रति किलोमीटर विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से चलने में असमर्थ दिव्यांग, 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को एक परिचारक के साथ किराया में पूरी छूट रहेगी, वहीं नक्सल प्रभावित व्यक्तियों को आधा किराया लगेगा।
मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश की तकनीकी शिक्षा को सशक्त बनाने और डिजिटल कौशल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिसके तहत नवा रायपुर अटल नगर में State of Art NIELIT की स्थापना के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान NIELIT को 10.023 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
राज्य में NIELIT केन्द्र की स्थापना से छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, डिजिटल कौशल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। यह केन्द्र न केवल युवाओं को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें रोजगार के नये अवसर प्रदान करेगा। इससे छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी शिक्षा के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा।
मंत्रिपरिषद ने रेगहा, बटाई, लीज और डुबान क्षेत्र पर खेती करने वाले किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार की कृषक उन्नति योजना का लाभ अब उक्त श्रेणी के किसानों को भी मिलेगा। मंत्रिपरिषद ने बैठक में ‘‘कृषक उन्नति योजना‘‘ के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए इसका लाभ प्रदेश के ऐसे उक्त समस्त कृषक जिनसे खरीफ मौसम में सहकारी समिति एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से धान/धान बीज का उपार्जन किया गया हो, उन्हें आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया है।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के कमल विहार में अत्याधुनिक न्यूरो स्पाइन रिहैबिलिटेशन सेंटर का विधिवत उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने अस्पताल परिसर का भ्रमण कर उपलब्ध आधुनिक सुविधाओं का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने भर्ती मरीजों से मिलकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी भी ली।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। राज्य की रजत जयंती वर्ष में हम यह गर्व से कह सकते हैं कि आज छत्तीसगढ़ चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई पहचान बना रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही आयुष्मान भारत योजना की सराहना करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक पहल ने देशभर के लाखों जरूरतमंदों को सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण इलाज की सुविधा दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार नवा रायपुर, अटल नगर में ‘मेडिसिटी’ विकसित कर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ न केवल देश के स्वास्थ्य मानचित्र पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करेगा, बल्कि मेडिकल टूरिज्म को भी नई गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रायपुर आज देश के नए मेडिकल हब के रूप में उभर रहा है। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त संस्थानों की स्थापना से आम लोगों को घर के पास ही विश्वस्तरीय इलाज की सुविधा मिल रही है।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री श्री साय ने "न्यूरो स्पाइन रिहैबिलिटेशन सेंटर" के प्रबंधन और समस्त चिकित्सकीय स्टाफ को बधाई देते हुए कहा कि यह संस्थान न्यूरो और स्पाइन से जुड़ी बीमारियों के इलाज में विशेष योगदान देगा तथा जनसेवा के क्षेत्र में एक नया उदाहरण बनेगा।