ईश्वर दुबे
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रायपुर 3 जुलाई 2019। हाईकोर्ट ने कहा है कि अजीत जोगी को जाति के मामले में बनी हाईपावर कमेटी के सामने पेश होना होगा, वहीं जोगी को जाति संबंधी दस्तावेज को एक महीने के भीतर सौंपने के भी निर्देश दिये गये हैं। हाईपावर कमेटी के सामने पेश होने से राहत दिये जाने को लेकर दायर याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस की डबल बैंच में आज इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुनाया गया।
क्या था मामला?
जोगी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उच्च स्तरीय छानबीन समिति की रिपोर्ट और अनुशंसा को रद्द करने की मांग की थी। हाई पॉवर कमेटी ने जोगी को कंवर आदिवासी नहीं माना था। इनके अलावा अजीत जोगी की जाति संत कुमार नेताम और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय नें भी चुनौती दी थी. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी. बी. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति शरद कुमार गुप्ता की युगल पीठ नें 21 नवम्बर 2017 को अंतिम सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई पॉवर कमेटी ने 23 मार्च 2018 को जोगी को नोटिस जारी कर 10 मई 2018 को बयान दर्ज कराने उपस्थित होने के निर्देश दिए थे। इसके खिलाफ जोगी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। एकलपीठ ने याचिका को अपरिपक्कव बताते हुए खारिज किया था।
इसके बाद जाति छानबीन समिति ने दूसरा नोटिस जारी कर जोगी को बयान दर्ज कराने 30 मई 2019 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए थे। इस पर जोगी ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की है।
उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति के आदेश के खिलाफ जोगी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें आइ.ए.एस. रीनाबाबा साहेब कंगाले की अध्यक्षता में गठित समिति की वैधता को चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने समिति के गठन को अवैधानिक कहा है, फिर भी सरकार को नई समिति गठित कर जांच करने की छूट दी।