ईश्वर दुबे
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Bhilai
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से सौजन्य भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू को अवगत कराया कि वर्ष 2025 छत्तीसगढ़ राज्य के गठन की रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने रजत जयंती वर्ष के विशेष अवसर पर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों, जनकल्याण और सांस्कृतिक गौरव से जुड़े कार्यक्रमों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू को छत्तीसगढ़ आगमन हेतु सादर आमंत्रित किया। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ राज्य की रजत जयंती वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने राज्य के सर्वांगीण विकास और जनकल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा प्रदेश की निरंतर प्रगति और समृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री श्री तोखन साहू और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह उपस्थित थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयोग करने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्राम पीरझलार पहुंचकर दुर्घटना के प्रभावित परिवारों से मिलकर संवेदना प्रकट की
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को गुवाहाटी प्रवास के दौरान माँ कामाख्या देवी मंदिर में दर्शन कर राष्ट्रवासियों के जीवन में सुख-समृद्धि और मध्यप्रदेश एवं असम की निरंतर उन्नति के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सीमा यादव ने भी मां कामाख्या देवी मंदिर के दर्शन किए। गुवाहाटी के माँ कामाख्या मंदिर परिसर में मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत भी किया।
भोपाल से गुवाहाटी तक सीधी विमान सेवा शुरू करने की दिशा में करेंगे प्रयास
हस्तशिल्प, सिल्क और बांस से निर्मित उत्पादों एवं पारम्परिक व्यापारिक सहयोग को देंगे बढ़ावा
दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को करेंगे और मजबूत
वन्य जीवों के परस्पर आदान-प्रदान पर भी हुई सार्थक चर्चा
म.प्र. में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाएं और करें अपना उद्योग स्थापित
उद्योगपतियों और निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए किया आमंत्रित
श्रीकृष्ण और माता रूक्मणी प्रसंग में आपस में जुड़े हैं मध्यप्रदेश और असम
गुवाहाटी में हुआ इन्टरेक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अर्पोच्यूनिटीज इन मध्यप्रदेश
रायपुर :
एक साधारण से पहाड़ी कोरवा ग्राम घटगांव में आज का दिन असाधारण बन गया, जब राज्यपाल श्री रमेन डेका वहां पहुंचे। ग्राम घटगांव में राज्यपाल का आगमन ग्रामीणों के लिए गर्व और उत्साह का अवसर बन गया। ग्रामीणों ने पारंपरिक परिधान पहनकर कर्मा नृत्य के माध्यम से उनका आत्मीय स्वागत किया।
राज्यपाल श्री डेका ने बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकासखंड राजपुर के इस पहाड़ी कोरवा ग्राम में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण किया तथा स्थानीय उत्पादों बांस से बने हस्तशिल्प, वन औषधियाँ और स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार सामग्रियों की जानकारी ली। उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत संचालित आजीविका गतिविधियों, कृषि कार्यों तथा योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने आयुष्मान कार्ड, ऋण पुस्तिका, टीबी मरीजों को पोषण किट तथा महिला स्व-सहायता समूहों को स्वीकृत ऋण के चेक प्रदान किया।
राज्यपाल श्री डेका ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र एवं राज्य पीएम जनमन योजना अंतर्गत पहाड़ी कोरवा परिवारों को लाभान्वित कर रहा है। राज्यपाल श्री डेका ने पहाड़ी कोरवा परिवारों से संवाद करते हुए उनकी समस्याओं, आवश्यकताओं और शासन की योजनाओं के लाभ की जानकारी ली। समूह की स्व-सहायता समूह की दीदियों ने बताया कि स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद वे आजीविका संवर्धन कर आय के स्रोत बढ़ा रही हैं और जीवन स्तर में सुधार हुआ है। इस दौरान राज्यपाल श्री डेका ने समूह की दीदियों को सुझाव दिया कि अपने साथ और अधिक लोगों को स्व-सहायता समूह में जोड़ें और आजीविका के अवसर बढ़ाएं।
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ 25 वर्षों की विकास यात्रा में एक उभरते हुए राज्य के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य खनिज संपदा से समृद्ध है और यहाँ के लोग मेहनती, सेवा-भावी हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ी कोरवा परिवारों की मेहनत और सादगी प्रदेश की पहचान है। उन्होंने बांस उत्पादन और उसके वैल्यू एडिशन को आत्मनिर्भरता का सशक्त माध्यम बताया तथा पहाड़ी कोरवाओं को बच्चों को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ाव बनाए रखने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि नशे से दूर रहकर शिक्षा और आजीविका पर ध्यान देने से जीवन में स्थिरता आएगी।
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने पहाड़ी कोरवा परिवारों को विभागीय योजना अंतर्गत सामग्री का वितरण किया। कार्यक्रम में सरगुजा के सांसद श्री चिंतामणि महाराज, विधायक श्रीमती उधेश्वरी पैकरा, पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा श्री दीपक झा, कलेक्टर सरगुजा श्री विलास भोसकर, पुलिस अधीक्षक बलरामपुर श्री वैभव बैंकर रमनलाल, पुलिस अधीक्षक सरगुजा श्री राजेश अग्रवाल, क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
रायपुर :
छत्तीसगढ़ की साहित्यिक, सांस्कृतिक और कलात्मक परंपराओं को नई ऊर्जा देने के उद्देश्य से विगत रात्रि आयोजित राज्य स्तरीय युवा कवि सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता शबरी की पावन भूमि को नमन करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती सदा से साहित्य और संस्कृति की धरा रही है।
प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता शबरी की पावन भूमि पर हुआ राज्य स्तरीय युवा कवि सम्मेलन का आयोजन
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि महाकवि कालिदास ने इसी धरती पर मेघदूत जैसे अमर काव्य की रचना की, वहीं गजानन माधव मुक्तिबोध और पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जैसे यशस्वी साहित्यकारों ने इसी मिट्टी से अपनी पहचान बनाई। उन्होंने अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र रायगढ़ के सुप्रसिद्ध संगीत सम्राट राजा चक्रधर सिंह को भी श्रद्धापूर्वक स्मरण किया।
प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता शबरी की पावन भूमि पर हुआ राज्य स्तरीय युवा कवि सम्मेलन का आयोजन
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग तथा खेल एवं युवा कल्याण विभाग का यह अभिनव प्रयास प्रदेश की कला, साहित्य और रचनात्मक प्रतिभाओं को मंच प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहन देने का उत्कृष्ट माध्यम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवा साहित्यकारों, रचनाकारों और कलाकारों को निरंतर आगे बढ़ने के अवसर प्रदान कर रही है।
रायपुर :
रायपुर : वैज्ञानिक पद्धति और नवाचारी खनन के माध्यम से विकास और पारदर्शिता की नई कहानी लिख रहा है छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री श्री सायरायपुर : वैज्ञानिक पद्धति और नवाचारी खनन के माध्यम से विकास और पारदर्शिता की नई कहानी लिख रहा है छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री श्री साय
छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है। यहां लौह अयस्क, कोयला, बॉक्साइट, सोना, हीरा और कॉपर जैसे बहुमूल्य खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। हाल की खोजों से राज्य क्रिटिकल और दुर्लभ खनिजों के क्षेत्र में और सशक्त हुआ है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज नवा रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ माइनिंग कॉन्क्लेव 2025 को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस दौरान मुख्यमंत्री की उपस्थिति में आईएसएम धनबाद और छत्तीसगढ़ भौमिकी एवं खनन संचालनालय, तथा कोल इंडिया और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के मध्य महत्वपूर्ण एमओयू हस्ताक्षरित हुए। साथ ही 5 माइनिंग ब्लॉकों की एनआईटी जारी की गई और 9 खदानों को प्रिफर्ड बिडर आदेश प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री श्री साय ने खनिज ऑनलाइन 2.0, डीएमएफ पोर्टल तथा रेत खदानों की ऑनलाइन नीलामी के लिए रिवर्स ऑक्शन पोर्टल का शुभारंभ किया।
रायपुर :
शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। शिक्षा केवल नौकरी प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि सफल जीवन का मार्ग है। सामाजिक विकास का मूलमंत्र शिक्षा है। चाहे जीवन जीने की कला हो, व्यापार हो, कृषि हो या कोई अन्य क्षेत्र — हर क्षेत्र में सफलता के लिए शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय मछुवारा जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
रायपुर : सामाजिक विकास का मूलमंत्र है शिक्षा, शिक्षा के बिना है जीवन अधूरा – मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार प्रारंभ से ही राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रही है। राज्य गठन के समय जहां केवल एक मेडिकल कॉलेज हुआ करता था, वहीं आज प्रदेश में लगभग 15 मेडिकल कॉलेज हो चुके हैं। इसी तरह हमने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान जैसे आईआईटी, ट्रिपल-आईटी, आईआईएम, लॉ यूनिवर्सिटी, एम्स और सिपेट जैसे संस्थान छत्तीसगढ़ में स्थापित किए हैं, जिनका लाभ राज्य के स्थानीय विद्यार्थियों को मिल रहा है।
रायपुर :
खनिज संपदा से समृद्ध छत्तीसगढ़ राज्य ने हाल के वर्षों में खनन क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। पारदर्शिता, जवाबदेही और तकनीकी नवाचार को केंद्र में रखकर राज्य ने खनिज प्रशासन में अनेक संरचनात्मक सुधार किए हैं, जिनके परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी खनन राज्यों में सम्मिलित हो गया है। राज्य में विश्वस्तरीय लौह अयस्क, कोयला, चूना पत्थर, बाक्साइट, टिन अयस्क सहित नवीन अन्वेषणों से क्रिटिकल, स्ट्रैटेजिक तथा रेयर अर्थ मिनरल्स की उपलब्धता प्रमाणित हुई है, जिससे राज्य की वैश्विक पहचान सुदृढ़ हुई है।
छत्तीसगढ़ का खनन क्षेत्र राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 10 प्रतिशत का योगदान दे रहा है, जबकि देश के कुल खनिज उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी लगभग 17 प्रतिशत है। राज्य के खनिज राजस्व में 25 सालों में 34 गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। राज्य गठन के समय जहाँ खनिज राजस्व मात्र 429 करोड़ रुपये था, वहीं वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 14,592 करोड़ रुपये तक पहुँच गया। यह उपलब्धि राज्य की सुदृढ़ खनिज नीति और सतत प्रशासनिक सुधारों का परिणाम है।
वर्ष 2015 में संशोधित खनन एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 के अंतर्गत गठित खनिज नीलामी नियम 2015 के तहत अब तक राज्य में 60 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी की जा चुकी है। इनमें 15 लौह अयस्क, 14 बाक्साइट, 18 चूना पत्थर तथा 13 क्रिटिकल व स्ट्रैटेजिक खनिज ब्लॉक सम्मिलित हैं। साथ ही, 05 नए ब्लॉकों (02 चूना पत्थर, 01 लौह अयस्क, 01 स्वर्ण और 01 बेस मेटल ब्लॉक) की नीलामी प्रक्रिया भी प्रारंभ की जा चुकी है।
संचालनालय भौमिकी एवं खनिकर्म, छत्तीसगढ़ ने खनन अनुसंधान एवं अन्वेषण के क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग के लिए आईआईटी मुंबई, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद तथा कोल इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू संपादित किए हैं। इस साझेदारी के माध्यम से क्रिटिकल एवं स्ट्रैटेजिक मिनरल्स की खोज को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गति प्राप्त हुई है।
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के गाइडलाइन-2024 के अनुरूप राज्य में जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2025 अधिसूचित किए गए हैं। राज्य में अब तक 16,119 करोड़ रूपए का अंशदान प्राप्त हुआ है, जिसके अंतर्गत 1,05,653 कार्यों को स्वीकृति दी गई, जिनमें से 74,454 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। वित्तीय स्वीकृति, निगरानी और प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु डीएमएफ पोर्टल 2.0 को क्रियान्वित किया गया है।
खनिज विभाग द्वारा विकसित खनिज ऑनलाइन 2.0 पोर्टल ने राज्य के खनिज प्रशासन को पूर्णतः डिजिटल स्वरूप प्रदान किया है। यह प्रणाली सुरक्षित, बहुआयामी और उपयोगकर्ता-मित्र है, जो पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देती है। यह पहल छत्तीसगढ़ को खनन प्रबंधन में एक राष्ट्रीय मॉडल राज्य के रूप में स्थापित कर रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के सिद्धांतों के अनुरूप राज्य में रेत खदानों का आबंटन अब पूर्णतः ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से किया जा रहा है। इस हेतु एमएसटीसी के साथ एमओयू किया गया है। नई व्यवस्था में मानव हस्तक्षेप समाप्त कर संपूर्ण प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष एवं सुरक्षित बनाई गई है।
गौण खनिज नियम, 2015 के अंतर्गत लागू की गई स्टार रेटिंग प्रणाली के तहत खनन, पर्यावरण प्रबंधन, सुरक्षा उपाय और सतत विकास के मानकों पर खदानों का मूल्यांकन किया जा रहा है। इस व्यवस्था के अंतर्गत 03 खदानों को 5-स्टार तथा 32 खदानों को 4-स्टार रेटिंग से सम्मानित किया गया है, जो वैज्ञानिक एवं जिम्मेदार खनन की दिशा में राज्य की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का कहना है कि खनिज संपदा केवल आर्थिक स्रोत नहीं, बल्कि राज्य के सर्वांगीण विकास का आधार है। छत्तीसगढ़ ने खनन क्षेत्र में नीतिगत सुधार, डिजिटल पारदर्शिता और सतत विकास के समन्वित प्रयासों से एक आदर्श प्रशासनिक मॉडल प्रस्तुत किया है। राज्य की यह प्रगति न केवल आर्थिक सुदृढ़ता का संकेत है, बल्कि यह जनहित आधारित विकास की दिशा में एक स्थायी कदम भी है।