दीवार में किल ठोकनी हो तो दिवार से प्रेम दिखाने से काम नहीं चलता, उस वक़्त आपको बस किल को पकड़ के बेरहमी से दिवार पे हथौड़े से चोट करना होता है, शरीर को किसी बड़ी बिमारी नें पकड़ रखा हो, तो मीठी गोली से तुरंत आराम नहीं मिलता उस वक़्त आपको इंजेक्शन लगवाना पड़ता है, नहीं तो आपकी बिमारी ठीक नहीं होती. इसी तरह आज हम आपको सफल होने के दो ऐसे सूत्र बता रहे है, जिनका पालन कर के आप जीवन में जो भी चाहेंगे वो पाएँगे. हर व्यक्ति जीवन में सफल होना चाहता है, लेकिन उसके लिए प्रमुख ज़रूरी कामों को नहीं कर पाता, उनमें से ये दो ऐसे काम है, जिसे अगर आपने कर लिया तो आप जो भी सोचेंगे जो भी चाहेंगे, अपने जीवन में उन लक्ष्यों को आसानी से पा जायेंगे.

सलाह किनसे ले:- जिस तरह पैसे उनसे ही लिए जा सकते है, जिनके पास आपको आड़े वक़्त में पैसे देने की औकात होती है, वैसे ही उनसे ही सलाह लो जिसकी सलाह देने की मानसिक औकात हो. जिस व्यक्ति नें जीवन में कुछ हासिल नहीं किया है, जिसनें सफल्ताओं का स्वाद नहीं चखा है, उससे कभी भी सफलता का मंत्र नहीं पूछना, जिसने असफलताओं का मुह नहीं देखा हैं, जो न कभी सफल हुआ है, और न कभी असफल, जो अपना जीवन औसत रह कर जिया हो, वह व्यक्ति आपको कभी सफल होने या सलाह देने के काबिल नहीं होता. इसलिए सलाह हमेशा या तो बहुत सफल व्यक्ति से लेना चाहिए, या बहुत ही असफल, और हारे हुए व्यक्ति से, क्योकि सफल व्यक्ति आपको बता सकता है की क्या करने पर आपको भी सफलता मिल सकती है, और असफल व्यक्ति आपको बता सकता है, की जीवन में किस गलती को न करके आप असफल होनें से बच सकतें हैं.

योजना बनाना:- एक पुरानी कहावत है कि अगर आपने अपनी योजना नहीं बनायीं है, तो आप किसी और की योजना का हिस्सा बन जाएँगे, यदि आपने अपनी गाड़ी की स्टेयरिंग नहीं थमी तो आपकी गाड़ी कोई और चलाना शुरू कर देगा. ये कहावत आपकी योजना के बारे में है. इसे मैं आपकी रोजाना की योजना कहना चाहूँगा. आप रोज़ अपनी योजना बनाये की आपको सुबह जागने से लेकर रात में सोने तक क्या-क्या करनें वाले हैं. और अपनी योजना के लिए कठोर होकर उसका पालन करें, क्योकि अगर आपनें अपनी योजना का सम्मान नहीं किया तो कोई भी आपका मित्र या परिचित आपको जेब में रखे सिक्के की तरह आपका उपयोग करता रहेगा. अक्सर छात्र जीवन में होस्टल में दोस्तों और रूम मैट्स के साथ ऐसा ही होता है, जब कोई एक छात्र पढना चाहता है, तो उसका रूम मेट उसको अपने साथ जबरन ही बगल की दूकान में चाय की पत्ती या माचिस जैसी छोटी-छोटी चीजों के लिए साथ लेकर चला जाता है, जिससे उस छात्र की योजना बाधित होती है, और वो अपने मित्र के गैर-ज़रूरी योजना का हिस्सा बन जाता है. इसलिए आपको अपनी योजना खुद बनानी भी चाहिए और उन योजनाओं पर अमल भी करना चाहिए.

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