ईश्वर दुबे
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Bhilai
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों के मध्य “रक्षक पाठ्यक्रम” के लिए एमओयू संपन्न हुआ। बाल अधिकार एवं संरक्षण पर आधारित यह अनूठा पाठ्यक्रम देश में अपनी तरह का पहला शैक्षणिक नवाचार है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि “रक्षक पाठ्यक्रम छात्रों के सुरक्षित और जिम्मेदार भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम युवाओं को न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में आवश्यक विशेषज्ञता भी विकसित करेगा। उन्होंने कहा कि कई बार बच्चे भूलवश या भ्रमित होकर गलत दिशा में चले जाते हैं क्योंकि वे अबोध होते हैं। ऐसे बच्चों को सही मार्ग पर लाना हम सभी का सामूहिक दायित्व है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अधिकांश वादों को पूरा कर लिया है। किसानों के बकाया बोनस, महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना और सबके लिए आवास जैसे महत्वपूर्ण संकल्पों को साकार किया गया है। उन्होंने कहा कि 350 से अधिक प्रशासनिक सुधार लागू कर छत्तीसगढ़ सुशासन के मार्ग पर तेजी से अग्रसर है और इसी उद्देश्य से सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना भी की गई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने रक्षक पाठ्यक्रम को रिकॉर्ड समय में तैयार करने और विश्वविद्यालयों में इसे लागू करने के लिए आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा और उनकी पूरी टीम को बधाई दी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है। बच्चों से भिक्षावृत्ति कराना, परित्यक्त बच्चों का पुनर्वास, और संवेदनशील मामलों का समाधान—ये सभी अत्यंत चुनौतीपूर्ण विषय हैं। उन्होंने कहा कि “यह पाठ्यक्रम संवेदनशील, सजग और सेवा-भावयुक्त युवा तैयार करने में मील का पत्थर साबित होगा।” उन्होंने इसे राष्ट्रीय स्तर का नवाचार बताते हुए कहा कि भविष्य में छत्तीसगढ़ इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में पहचाना जाएगा।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने पाठ्यक्रम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने आयोग और सभी छह विश्वविद्यालयों को पाठ्यक्रम लागू करने हेतु बधाई दी।
रायपुर :
छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और जननायक अमर शहीद वीर नारायण सिंह की पुण्यतिथि पर आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित जयस्तंभ चौक पहुँचकर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह का जीवन त्याग, साहस और न्याय की अनुपम मिसाल है। अंग्रेजी शासन के अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध शहीद वीर नारायण सिंह ने जिस अदम्य साहस के साथ संघर्ष किया, वह छत्तीसगढ़ की गौरवमयी विरासत का स्वर्णिम अध्याय है। मातृभूमि की रक्षा और समाज के वंचित वर्गों के प्रति उनकी निष्ठा हमारे लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सोनाखान के ज़मींदार परिवार में जन्म लेने के बाद भी शहीद वीर नारायण सिंह का हृदय सदैव आदिवासियों, किसानों और गरीब परिवारों के दुःख-संघर्ष से जुड़ा रहा। वर्ष 1856 के विकट अकाल में जब आमजन भूख से व्याकुल थे, तब उन्होंने मानवता को सर्वोपरि मानते हुए अनाज गोदाम का अनाज ज़रूरतमंदों में बाँटकर करुणा, त्याग और साहस का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। यह कदम केवल विद्रोह नहीं था, बल्कि सामाजिक अन्याय, शोषण और असमानताओं के विरुद्ध एक ऐतिहासिक उद्घोष था।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ की अस्मिता, स्वाभिमान और जनप्रतिरोध की जीवंत प्रेरणा हैं। गरीबों, किसानों और वंचितों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनका जीवन-संघर्ष आने वाली पीढ़ियों को सदैव न्याय, मानवता और राष्ट्रभक्ति के मार्ग पर अग्रसर करता रहेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहीद वीर नारायण सिंह के आदर्शों और उनके सपनों के अनुरूप छत्तीसगढ़ के विकास के लिए पूरी निष्ठा से कार्य कर रही है।
इस अवसर पर आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, विधायक श्री पुरन्दर मिश्रा, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री रूपसिंह मंडावी, छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष श्री रामसेवक पैकरा एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
रायपुर :
कबीरधाम जिले के स्वास्थ्य ढांचे को मज़बूती देने और युवाओं के लिए चिकित्सा शिक्षा के नए अवसर प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में मेडिकल कॉलेज कबीरधाम की स्थापना होने जा रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय 12 दिसम्बर को अपने कवर्धा प्रवास के दौरान ग्राम घोटिया में मेडिकल कॉलेज की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूजित शिला का शिलान्यास एवं भूमिपूजन करेंगे।
कॉलेज के लिए 40 एकड़ भूमि आबंटित, 306 करोड़ से अधिक की राशि को मिली स्वीकृति
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के प्रयासों से शासन द्वारा मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए ग्राम घोठिया में 40 एकड़ भूमि का आबंटन किया है। परियोजना के लिए 306 करोड़ रूपए से अधिक की मंजूरी प्रदान की गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर कितनी गंभीर और प्रतिबद्ध है। यह कॉलेज अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस होगा और राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया जाएगा।
जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का होगा विस्तार
मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद कबीरधाम जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार देखने को मिलेगा। लोगों को आधुनिक, उन्नत और विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध होंगी। गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए अब दूरस्थ शहरों की ओर निर्भरता कम होगी। विशेषज्ञ डॉक्टरों और सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं तक आसानी से पहुंच सुनिश्चित होगी। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की पहल पर यह महत्वपूर्ण परियोजना अल्प समय में स्वीकृत होकर अपने निर्माण चरण तक पहुँच गयी है। उन्होंने इस परियोजना को जल्द से जल्द पूर्ण करने अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं।
जिले में उत्साह का माहौल
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान छत्तीसगढ़ के आत्मगौरव, संघर्ष और स्वाभिमान का अमर प्रतीक है। वे आज सोनाखान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह को नमन करने पहुंचे, जहां उन्होंने शहीद के वंशजों को सम्मानित किया और क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। मुख्यमंत्री ने सोनाखान में मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना अंतर्गत बस सेवा प्रारंभ करने, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण हेतु 75 लाख रुपये, सियान सदन निर्माण के लिए 50 लाख रुपये तथा मड़ई मेला स्थल में शौचालय निर्माण के लिए 20 लाख रुपये स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सोनाखान में इको-टूरिज्म विकास और सड़क निर्माण हेतु आवश्यक प्रावधान आगामी बजट में शामिल किए जाएंगे जिससे इस ऐतिहासिक स्थल को नई पहचान मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार एवं सुविधाओं में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह अंग्रेजी शासन के अत्याचार के विरुद्ध गरीबों
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान छत्तीसगढ़ के आत्मगौरव, संघर्ष और स्वाभिमान का अमर प्रतीक है। वे आज सोनाखान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह को नमन करने पहुंचे, जहां उन्होंने शहीद के वंशजों को सम्मानित किया और क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। मुख्यमंत्री ने सोनाखान में मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना अंतर्गत बस सेवा प्रारंभ करने, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण हेतु 75 लाख रुपये, सियान सदन निर्माण के लिए 50 लाख रुपये तथा मड़ई मेला स्थल में शौचालय निर्माण के लिए 20 लाख रुपये स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सोनाखान में इको-टूरिज्म विकास और सड़क निर्माण हेतु आवश्यक प्रावधान आगामी बजट में शामिल किए जाएंगे जिससे इस ऐतिहासिक स्थल को नई पहचान मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार एवं सुविधाओं में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह अंग्रेजी शासन के अत्याचार के विरुद्ध गरीबों
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान छत्तीसगढ़ के आत्मगौरव, संघर्ष और स्वाभिमान का अमर प्रतीक है। वे आज सोनाखान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह को नमन करने पहुंचे, जहां उन्होंने शहीद के वंशजों को सम्मानित किया और क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। मुख्यमंत्री ने सोनाखान में मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना अंतर्गत बस सेवा प्रारंभ करने, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण हेतु 75 लाख रुपये, सियान सदन निर्माण के लिए 50 लाख रुपये तथा मड़ई मेला स्थल में शौचालय निर्माण के लिए 20 लाख रुपये स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सोनाखान में इको-टूरिज्म विकास और सड़क निर्माण हेतु आवश्यक प्रावधान आगामी बजट में शामिल किए जाएंगे जिससे इस ऐतिहासिक स्थल को नई पहचान मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार एवं सुविधाओं में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह अंग्रेजी शासन के अत्याचार के विरुद्ध गरीबों
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान छत्तीसगढ़ के आत्मगौरव, संघर्ष और स्वाभिमान का अमर प्रतीक है। वे आज सोनाखान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह को नमन करने पहुंचे, जहां उन्होंने शहीद के वंशजों को सम्मानित किया और क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। मुख्यमंत्री ने सोनाखान में मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना अंतर्गत बस सेवा प्रारंभ करने, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण हेतु 75 लाख रुपये, सियान सदन निर्माण के लिए 50 लाख रुपये तथा मड़ई मेला स्थल में शौचालय निर्माण के लिए 20 लाख रुपये स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सोनाखान में इको-टूरिज्म विकास और सड़क निर्माण हेतु आवश्यक प्रावधान आगामी बजट में शामिल किए जाएंगे जिससे इस ऐतिहासिक स्थल को नई पहचान मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार एवं सुविधाओं में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह अंग्रेजी शासन के अत्याचार के विरुद्ध गरीबों
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान छत्तीसगढ़ के आत्मगौरव, संघर्ष और स्वाभिमान का अमर प्रतीक है। वे आज सोनाखान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह को नमन करने पहुंचे, जहां उन्होंने शहीद के वंशजों को सम्मानित किया और क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। मुख्यमंत्री ने सोनाखान में मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना अंतर्गत बस सेवा प्रारंभ करने, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण हेतु 75 लाख रुपये, सियान सदन निर्माण के लिए 50 लाख रुपये तथा मड़ई मेला स्थल में शौचालय निर्माण के लिए 20 लाख रुपये स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सोनाखान में इको-टूरिज्म विकास और सड़क निर्माण हेतु आवश्यक प्रावधान आगामी बजट में शामिल किए जाएंगे जिससे इस ऐतिहासिक स्थल को नई पहचान मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार एवं सुविधाओं में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह अंग्रेजी शासन के अत्याचार के विरुद्ध गरीबों
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि राष्ट्र व समाज के नव निर्माण में आदिवासी समाज के अमर शहीदों एवं महापुरूषों का अद्वितीय योगदान है। उन्होंने कहा कि जब-जब राष्ट्र व समाज पर विपत्ति आई है, आदिवासी समाज ने उनका डटकर मुकाबला कर विघटनकारी तत्वों को मुहतोड़ जवाब दिया है। मुख्यमंत्री श्री साय आज बालोद जिले के गुरूर विकासखंड के ग्राम कर्रेझर में आयोजित विराट वीर मेला महोत्सव को सम्बोबिधत कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री साय ने तीन दिवसीय विराट वीर मेला के अंतिम दिवस पर आयोजित शहीद वीर नारायण सिंह श्रद्धांजलि सभा में शामिल होकर अमर शहीद वीरनारायण सिंह को विनम्र श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्राम कर्रेझर में मेला स्थल के समीप तालाब निर्माण हेतु 15 लाख, मेला आयोजन हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा प्रदान कि जाने वाली 10 लाख रूपये की सहयोग राशि को बढ़ाकर 20 लाख रूपये करने तथा राजाराव पठार स्थित देवस्थल में किचन शेड निर्माण करने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने मेला स्थल पर कुल 71 लाख 93 हजार रूपये के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री अरविंद नेताम ने की। आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, कांकेर विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री आशाराम नेताम विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आदिवासियों के हितों के संरक्षण एवं देश-दुनिया में विशिष्ट पहचान दिलाने हेतु पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के योगदानांे का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने भगवान बिरसा मुण्डा, शहीद वीर नारायण सिंह एवं श्री गैंदसिंह नायक के अद्म्य वीरता, साहस एवं राष्ट्र भक्ति का उल्लेख करते हुए उसे अतुलनीय बताया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा मोदी की गारंटी के तहत किए गए सभी वायदों को पूरा किया गया है।
*मंत्रिपरिषद के निर्णय*
*दिनांक - 10 दिसम्बर 2025*
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां सिविल लाईन स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए -
1. मंत्रिपरिषद ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के विरुद्ध पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरणों के निराकरण/वापसी संबंधी प्रक्रिया को अनुमोदित किया है।
मंत्रिपरिषद ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों की समीक्षा एवं परीक्षण के लिए, जिन्हें न्यायालय से वापस लिया जाना है, मंत्रिपरिषद उप समिति के गठन को स्वीकृति दी है। यह समिति परीक्षण उपरांत प्रकरणों को मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत करेगी। यह निर्णय छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 के प्रावधानों के अनुरूप है, जिसके अंतर्गत आत्मसमर्पित नक्सलियों के अच्छे आचरण तथा नक्सलवाद उन्मूलन में दिए गए योगदान को ध्यान में रखकर उनके विरुद्ध दर्ज प्रकरणों के निराकरण पर विचार का प्रावधान है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों के प्रकरण वापसी की प्रक्रिया के लिए जिला स्तरीय समिति के गठन का प्रावधान किया गया है। यह समिति आत्मसमर्पित नक्सली के अपराधिक प्रकरणों की वापसी के लिए रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को प्रस्तुत करेगी। पुलिस मुख्यालय अभिमत सहित प्रस्ताव भेजेगा। शासन द्वारा विधि विभाग का अभिमत प्राप्त कर मामलों को मंत्रिपरिषद उप समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उपसमिति द्वारा अनुशंसित प्रकरणों को अंतिम अनुमोदन हेतु मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा जाएगा। केंद्रीय अधिनियम अथवा केंद्र सरकार से संबंधित प्रकरणों के लिए भारत सरकार से आवश्यक अनुज्ञा प्राप्त की जाएगी। अन्य प्रकरणों को न्यायालय में लोक अभियोजन अधिकारी के माध्यम से वापसी की प्रक्रिया हेतु जिला दण्डाधिकारी को प्रेषित किया जाएगा।
2. मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के विभिन्न कानूनों को समयानुकूल और नागरिकों के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से 14 अधिनियमों में संशोधन हेतु छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) (द्वितीय) विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
उल्लेखनीय है कि कई अधिनियमों में उल्लंघन पर जुर्माना या कारावास के प्रावधान होने से न्यायिक प्रक्रिया लंबी हो जाती है, जिससे आम नागरिक और व्यवसाय दोनों अनावश्यक रूप से प्रभावित होते हैं। ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देने के लिए इन प्रावधानों का सरलीकरण आवश्यक है। इससे पहले, राज्य सरकार द्वारा 8 अधिनियमों के 163 प्रावधानों में संशोधन करते हुए छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम, 2025 अधिसूचित किया गया है। अब 11 विभागों के 14 अधिनियमों के 116 प्रावधानों को भी सरल और अधिक प्रभावी बनाने के लिए यह विधेयक लाया जाएगा।
इस विधेयक में छोटे उल्लंघनों के लिए प्रशासकीय शास्ति का प्रावधान रखा गया है, जिससे मामलों का त्वरित निपटारा होगा, न्यायालयों का बोझ कम होगा और नागरिकों को तेजी से राहत मिल सकेगी। साथ ही, कई अधिनियमों में दंड राशि लंबे समय से अपरिवर्तित होने के कारण प्रभावी कार्यवाही बाधित होती थी, इस विधेयक से वह कमी भी दूर होगी। इन संशोधनों से सुशासन को बढ़ावा मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां जन विश्वास विधेयक का द्वितीय संस्करण लाया जा रहा है।
3. मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रथम अनुपूरक अनुमान वर्ष 2025-2026 का विधानसभा में उपस्थापन बावत् छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2025 का अनुमोदन किया गया।
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