ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली. अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 710 करोड़ रुपए रहा। जीएसटी लागू होने के बाद दूसरी बार 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कलेक्शन रहा है। इससे पहले इसी साल अप्रैल में जीएसटी से सरकार को 1.03 लाख करोड़ रुपए मिले थे। सितंबर में यह कलेक्शन 94,442 करोड़ रुपए था। एक जुलाई 2017 को देश में जीएसटी लागू हुआ था।
सरकार को नवंबर-दिसंबर में जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर जाने की उम्मीद थी। लेकिन, अक्टूबर में ही उसे कामयाबी मिल गई। वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि जीएसटी की कम दरों, देशभर में एक टैक्स की व्यवस्था और दूसरे टैक्स सुधारों की वजह से यह कामयाबी मिली।
अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 710 करोड़ रुपए
सीजीएसटी | 16,464 करोड़ रुपए |
एसजीएसटी | 22,826 करोड़ रुपए |
आईजीएसटी | 53,419 करोड़ रुपए |
सेस | 8,000 करोड़ रुपए |
अक्टूबर में सेटलमेंट के बाद केंद्र सरकार को 48,954 करोड़ रुपए और राज्यों को 52,934 करोड़ रुपए मिले। वित्त मंत्रालय के मुताबिक सितंबर महीने के लिए कुल 67.45 लाख जीएसटीआर दाखिल किए गए।
केरल में टैक्स कलेक्शन 44% बढ़ा
राज्य | टैक्स कलेक्शन ग्रोथ |
केरल | 44% |
झारखंड | 20% |
राजस्थान | 14% |
उत्तराखंड | 13% |
महाराष्ट्र | 11% |
पिछले महीनों में जीएसटी के आंकड़े
महीना | जीएसटी कलेक्शन (रुपए करोड़) |
सितंबर | 94,442 |
अगस्त | 93,960 |
जुलाई | 96,483 |
जून | 95,610 |
मई | 94,016 |
अप्रैल | 1,03,458 |
वर्ल्ड बैंक ने कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा बदलाव जीएसटी से आया
बुधवार को जारी हुई वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में भारत को 77वीं रैंक दी गई। भारत की रैंकिंग में एक साल में 23 पायदान का सुधार हुआ। वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा बदलाव जीएसटी के जरिए आया है। पिछले साल की रैंकिंग में जीएसटी को शामिल नहीं किया गया था। जीएसटी ने कारोबार की शुरुआत करना आसान बना दिया है, क्योंकि इसमें कई सारे एप्लीकेशन फॉर्म को इंटिग्रेट कर एक सिंगल जनरल इनकॉर्पोरेशन फॉर्म लाया गया है। इससे रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तेज हुई है।
लगातार लचर प्रदर्शन के कारण दबाव झेल रहे महेंद्र सिंह धोनी आज कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। भारत और वेस्टइंडीज के बीच पांचवा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच इस साल का आखिरी एकदिवसीय मुकाबला है। इस मुकाबले के बाद अगला एकदिवसीय 2019 में होगा। धोनी को वेस्टइंडीज और आस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 श्रृंखलाओं के लिये भारतीय टीम में नहीं चुना गया है। धोनी पिछले कुछ समय से वनडे में बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे हैं। इसी को देखते हुए कहा जा रहा है कि शायद धोनी इस बीच में अपने क्रिकेट से सन्यास लेने की घोषणा कर दें।
नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दावों पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि ग्रामोफोन की तरह उनकी पिन अटक गई है जिसके कारण वह ऐसी बचकानी बाते कर रहे हैं और लोग उनके दावों का मजाक उड़ाते हैं।
दी ने कहा कि इनको समझ नहीं आ रहा है कि वक्त बदल गया है, जनता को मूर्ख समझना बंद करें। ‘‘ इस प्रकार की बचकानी बातें किसी के गले नहीं उतरती है और लोग मजाक उड़ाते हैं।’’ भाजपा के एक कार्यकर्ता द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी चिंता न करें। पहले ग्रामोफोन के रिकार्ड में पिन अटक जाती है तो कुछ ही शब्द बार बार सुनाई देती है। ऐसे ही कुछ लोग भी होते हैं जिनकी पिन अटक जाती है । एक ही चीज दिमाग में भर जाती है जो बार बार एक ही बात बोलते हैं। ऐसे में इन बातों का मजा उठाना चाहिए, आनंद लेना चाहिए। मोदी ने कहा, ‘‘ चुनाव की आपाधापी में इन चीजों का आनंद उठायें।’’सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय की जजों की रिक्तियों को लेकर खिंचाई की है। बता दें कि अदालतों में 200 से अधिक जजों की नियुक्तियां होनी हैं लेकिन भर्ती प्रक्रिया में लगातार हो रही देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज सख्त दिखाई दिया और दिल्ली उच्च न्यायालय की खिंचाई कर दी।
जजों की नियुक्ति को लेकर यह टकराव नई नहीं है। न्यायपालिका और केंद्र सरकार के बीच भी इस मामले में सीधा टकराव होता दिखाई दे रहा है। जजों की रिक्तियों के मामले को लेकर न्यायाधीश मदन बी लोकुर और अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के बीच जमकर बहस भी हो चुकी है।
मणिपुर के एक मामले की यह सुनवाई इसी साल मई माह में हुई थी। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश लोकुर ने के के वेणुगोपाल से पूछा कि फिलहाल उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति को लेकर कोलेजियम की कितनी सिफारिश लम्बित हैं? केके ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी जुटानी पड़ेगी।
के के वेणुगोपाल के इस जवाब से नाराज जस्टिस लोकुर ने कहा कि सरकार के साथ यही दिक्कत है मौके पर सरकार कहती है कि जानकारी लेनी होगी। इस पर केके ने कहा कि कोलेजियम को बड़ी तस्वीर देखनी चाहिए। ज्यादा नामों की सिफारिश भेजनी चाहिए।
बता दें कि फिलहाल 200 जजों के पद खाली हैं। जिसे लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने आज उच्च न्यायालय को फटकार लगाई है।
अगले लोकसभा चुनावों में भाजपा क्या अपने अध्यक्ष अमित शाह को कोलकाता उत्तर लोकसभा सीट से मैदान में उतारने पर विचार कर रही है? यहां राजनीतिक हलकों में तो यही कयास लगाए जा रहे हैं। दरअसल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के बयान से इन कयासों को बल मिला है। यहां मंगलवार को एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में घोष ने कहा कि वे चाहते हैं कि अमित शाह कोलकाता उत्तर सीट से चुनाव लड़ें। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार ओडीशा में पुरी से लड़ सकते हैं। हम भी अमित शाह से कोलकाता उत्तर सीट से चुनाव लड़ने का अनुरोध कर सकते हैं।
जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा फिलहाल शाह के लिए कोलकाता उत्तर के अलावा आसनसोल सीट पर भी विचार कर रही है। बीते लोकसभा चुनावों में पार्टी को राज्य में 17 फीसदी वोट मिले थे। पार्टी को उम्मीद है कि शाह की उम्मीदवारी से पार्टी को मिलने वाले वोटों का ग्राफ तेजी से चढ़ेगा, लेकिन आखिर कोलकाता उत्तर सीट का नाम चर्चा में कैसे आया ? राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि इलाके में गैर-बांग्लाभाषी वोटरों की भारी तादाद इसकी एक वजह है। इसके अलावा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा था।
कोलकाता उत्तर में वर्ष 2009 में इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस व कांग्रेस के साझा उम्मीदवार को 52.4 फीसदी वोट मिले थे जबकि चार फीसदी वोटों के साथ भाजपा तीसरे नंबर पर रही थी। दूसरे स्थान पर रही माकपा को 40 फीसद वोट मिले थे। इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार को लगभग 37 हजार वोट मिले थे। वर्ष 2014 में भी यह सीट तृणमूल ने ही जीती, लेकिन नतीजे पहले के मुकाबले से अलग थे, तब तृणमूल कांग्रेस व कांग्रेस का गठबंधन टूट गया था। यहां तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार को 36 फीसदी वोट ही मिले थे। लेकिन 26 फीसदी वोटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर पहुंच गई थी। 21 फीसदी वोट लेकर माकपा उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहा था।