ईश्वर दुबे
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Bhilai
शेड निर्माण से रजनी की बकरियों को मिला सुरक्षित आश्रय
अम्बिकापुर. महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही परिसंपत्ति निर्माण के जरिये मददगार साबित हो रहा है। डबरी निर्माण, कूप खनन, मुर्गी शेड ,बकरी शेड जैसे व्यक्तिमूलक निर्माण कार्य से अब ग्रामीणों को अपनी परिसंपत्ति निर्माण का लाभ मिल रहा है।
रजनी के घर में खुशियों का दस्तक उस समय हुआ जब पता चला कि महात्मा गांधी नरेगा योजना से मवेशियों को रखने की समस्या से निजात पाने शेड निर्माण कार्य स्वीकृत कराया जा सकता है। उसने ग्राम पंचायत जा कर इस संबंध में सभी जानकारी लेकर अपने नाम से पक्का शेड स्वीकृति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। जनपद पंचायत से प्रस्ताव जिला कार्यालय को प्रेषित किया गया जहां से शासन के महत्वपूर्ण महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत श्रीमती रजनी पति बुधसाय के नाम से शेड निर्माण हेतु 65 हजार 900 रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। पक्का चारदीवारीयुक्त शेड निर्माण हो जाने से अब रजनी के बकरियों को सुरक्षित आश्रय मिल गया है ।
जनपद पंचायत उदयपुर के ग्राम पंचायत भकुरमा निवासी श्रीमती रजनी के पास 15 बकरियाँ थी जिन्हें रखने के लिए काफी दिक्कत होती थी। बारिश एवं ठण्ड में बकरियों को रखने की सुरक्षात्मक जगह की कमी से बाहर ही बांधना पड़ता था जिससे जंगली जानवर आदि का खतरा रहता था। बकरी शेड के बन जाने से अब उनकी बकरियाँ बारिश, ठंड और जंगली जानवरों से सुरक्षित हैं। श्रीमती रजनी बाजार में बकरियाँ बेचकर आय बढ़ा कर रही हैं। उनके द्वारा अब तक 15 हजार रुपये की बकरी बेचकर आय अर्जित किया जा चुका है। रजनी ने बकरियों को रखने के लिये मनरेगा में पक्के शेड मिलने से शासन-प्रशासन को धन्यवाद दिया है।
मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में शेड निर्माण में मवेशी पालक रुचि ले रहे हैं। इससे मवेशियों को बारिश व सर्दी में सुरक्षा मिलेगी। इसके अलावा बकरी व भेड़ों को कुत्तों व अन्य जानवरों के शिकार करने का भी भय नहीं सताएगा।