ईश्वर दुबे
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Bhilai
बिलासपुर . जबरन दुष्कर्म की वजह से गर्भ ठहरने की जानकारी देते हुए युवती ने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर एबॉर्शन की अनुमति मांगी थी। बिलासपुर के सीएमएचओ की रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने इसकी अनुमति दी है। एमटीपी एक्ट के तहत एबार्शन के लिए निर्धारित अवधि से अधिक हो चुकी है, इस वजह से हाईकोर्ट ने शनिवार को सिम्स में एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम को एबार्शन करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, कुदुदंड में रहने वाले युवक के खिलाफ सिविल लाइन थाने में नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के कारण हाईकोर्ट ने भ्रूण का डीएनए सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं। बिलासपुर के कुदुदंड में रहने वाले युवक मनीष शुक्ला पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए युवती ने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर कहा है कि इस वजह से वह गर्भवती हो गई है। उसने हाईकोर्ट से एबार्शन की अनुमति देने की मांग की थी।
मंगलवार को याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच ने युवती को बुधवार को बिलासपुर के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए थे। सीएमएचओ को युवती का स्वास्थ्य परीक्षण कर यह बताने के निर्देश दिए गए थे कि एमटीपी एक्ट 1971 के प्रावधानों के मुताबिक गर्भपात की अनुमति दी जा सकती है या नहीं? हाईकोर्ट ने राज्य शासन को मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। गुरुवार को सीएमएचओ की तरफ से रिपोर्ट प्रस्तुत कर बताया कि भ्रूण करीब 19 सप्ताह का है।
रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने युवती को एबार्शन की अनुमति दे दी है। युवती को गुरुवार या शुक्रवार की सुबह सिम्स में एडमिट होने के लिए कहा गया है। सिम्स अधीक्षक को दो एक्सपर्ट डॉक्टरों की जिम्मेदारी तय कर युवती से कंसेट लेते हुए एबार्शन करने के लिए कहा गया है। वहीं, सिविल लाइन में आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के कारण भ्रूण का डीएनए सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।