ईश्वर दुबे
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Bhilai
धरमजयगढ़ में देर रात हाथियों ने मचाया उत्पात, 8 दिन में 4 थी मौत सोलर इलेक्ट्रिक बेरिकेड्स नाकाम
सरगुजा से आया 13 हाथियों का समूह, कंचीरा रिजर्व फॉरेस्ट से सटे खेतों में लगी धान की फसल नष्ट की
रायगढ़. धरमजयगढ़ में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है। शुक्रवार को सरगुजा से आए हाथियों के झुंड ने रात साढ़े 12 बजे पहले तो बोरो रेंज में ग्रामीण के घर की दीवार तोड़कर कोठी में रखा धान खाया और फिर बाहर आंगन में सो रही 55 वर्षीय महिला मंगली बाई को मार डाला। महिला की चीख सुनकर घर में सो रहे दूसरे सदस्यों ने किसी तरह भाग-छिपकर अपनी जान बचाई। 8 दिनों के भीतर इलाके में हाथी चार लोगों की जान ले चुके हैं।
वन विभाग की ओर से क्षेत्र में कराई गई मुनादी
क्षेत्र में 20 जून को सरगुजा वन मंडल के सटे जंगल से 13 हाथियों का समूह बोरो रेंज पहुंचा है। वर्तमान में यह समूह कंचीरा रिजर्व फारेस्ट के कम्पार्टमेंट नंबर 706 में विचरण कर रहे हैं। शुक्रवार की रात भी हाथियों ने कंचीरा से सटे पहाड़ के आसपास पहले 5 किसानों की धान की फसल चौपट की। इसके बाद सूखे धान की महक मिलते ही नर हाथियों के झुंड ने घर की दीवार तोड़ दी।
थोड़ी दूर पर मकान के आंगन में महिला मंगली बाई सोई हुई थी। हाथियों की आहट सुनते ही वह उठी, पर संभलने से पहले ही हाथी ने उसपर हमला कर दिया। हाथी ने रौंदकर महिला की जान ले ली। सूचना विभाग को मिलते फारेस्ट की टीम मौके पर पहुंची और क्षेत्र में जनहानि रोकने गांव में मुनादी की गई। मृतका के परिजन को 25 हजार रुपए की सरकारी सहायता दी गई है।
उत्पात रोकने अब बड़े हाथियों का लेंगे सहारा
वन मंडल में लगातार बढ़ रहे हाथियों के उत्पात के बाद एक्सपर्ट द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में छोटे शावकों द्वारा ज्यादा उत्पात मचाने की बात कही गई है। यहां तक की बीते एक सप्ताह छाल में उत्पात मचाने वाला हाथी गणेश भी छोटे शावकों में से एक है और यह अपने झुंड से बिछड़ गया है। ऐसे में अब विभाग इसके उत्पात को कम करने के लिए कुमकी हाथी बाहर से मंगवाने की तैयारी कर रहा है। शोध के अनुसार बड़े हाथियों की मौजूदगी में शावक कम उत्पात मचाते हैं।
लगातार ले रहे हैं जान
8 दिनों में धरमजयगढ़ में हाथी ने 4 लोगों की जान ली। 14 जून की शाम छाल रेंज के कांसाबहार सर्किल में मजदूरी कर लौट रहे श्रमिक की जान ली। भुंडी बहरी में कुड़ेकला बीट गार्ड मुकेश पांडेय व कोरबा रामपुर के युवक भुजेंद्र राठिया को सड़क पर रौंदा दिया। चौथी घटना शुक्रवार की रात हुई।
हाथी का नाम गणेश
छाल रेंज में एक ही तरह से तीन लोगों की जान लेने वाले हाथी की पहचान कर विभाग ने गणेश नाम दिया है। ताकि इसकी सतत निगरानी की जा सके। विभाग जल्द ही इसे वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के एक्सपर्ट की मदद से जीपीएस कॉलर पहनाएगा। कॉलर की मदद से लोकेशन ट्रेस की जा सकेगी।
फिलहाल हम बेरिकेड्स लगा रहे हैं
इन्हें रोकने के लिए हमारे पास कोई और बेहतर विकल्प नहीं है, फिर भी पूरी कोशिश कर रहे हैं। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में लगातार मुनादी और इन्हें जंगल भीतर रोकने सोलर बेरिकेड्स लगा रहे हैं। इससे कुछ जगहों पर मदद भी मिल रही है। शासन से हमने छोटे और उत्पाती हाथियों को सुधारने के लिए बाहर से बड़े हाथी बुलाने की मांग की हैं।
प्रणय मिश्रा, डीएफओ धरमजयगढ़ वन मंडल