गणित के छात्र चुन ले रहे हैं साइकोलॉजी तो कोई चुन रहा भू-विज्ञान के साथ फॉरेस्ट्री भी Featured

यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में गड़बड़ी, पीजी कॉलेज में मनमाना विषय चुनने के 150 से ज्यादा मामले
फर्स्ट ईयर में विज्ञान और गणित समूह के छात्रों के लिए विषय के विकल्प के साथ ग्रुप ही नहीं दिए गए हैं इस बार
जगदलपुर.  बस्तर यूनिवर्सिटी के तहत आने वाले कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया से लेकर फर्स्ट ईयर में सब्जेक्ट चुनने की पूरी प्रक्रिया के बाद पीजी कॉलेज प्रशासन सकते में है। पहले बीयू ने दाखिले के लिए 30 जून तक समय निर्धारित किया। जिसके बाद पीजी कॉलेज ने 26 जून को ही फाइनल लिस्ट जारी कर दी। इस बीच एक नया खुलासा यह हुआ है कि बीयू की वेबसाइट ही गलतियों से भरी पड़ी है। इस गलतियों का असर कॉलेज और छात्रों के दाखिले की प्रक्रिया पर पड़ रहा है।
दाखिले के लिए 30 जून तक समय निर्धारित किया विवि ने, सेकेंड व फाइनल ईयर के लिए ऑफलाइन दाखिले की तैयारी
यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में फर्स्ट ईयर का दाखिला लेने वाले छात्रों ने बताया कि उनसे दाखिले के लिए बीयू के वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करने कहा गया था। इस प्रक्रिया के दौरान छात्रों को विषय का चयन करने को कहा गया और ऑप्शन में क्रमवार करीब 20 से ज्यादा सब्जेक्ट की लिस्ट उपलब्ध करवाई गई। जबकि सब्जेक्ट की लिस्ट क्रमवार न होकर समूह में होनी चाहिए थी। हर संकाय के छात्रों के लिए अलग-अलग विषय समूह के अनुसार उपलब्ध होने थे।
वेबसाइट में ऐसी कोई व्यवस्था भी नहीं है कि छात्रों को यह पता चल सके कि वे जिस संकाय में प्रवेश ले रहे है उनमें सब्जेक्ट के कौन-कौन से ग्रुप हैं और कैसे सब्जेक्ट चुनने हैं। इस व्यवस्था के न होने से गणित संकाय के कई छात्रों ने अपनी सुविधानुसार मनोविज्ञान और इतिहास विषय भी जोड़ लिया हैं। इसी तरह कई छात्रों ने भू विज्ञान के साथ फारेस्ट्री जैसे विषय ले लिए हैं, जबकि इनका कोई समूह ही नहीं है। वेबसाइट और छात्रों की गलती के चलते अब प्रवेश के लिए फिर से मैनुअल स्क्रूटनी करनी पड़ रही है।
जिम्मेदार बोले- छात्रों को घर से ढूंढ़कर ठीक करवाएंगे
वेबसाइट में सब्जेक्ट के ग्रुपिंग की व्यवस्था नहीं होने से अकेले पीजी कॉलेज में दाखिला लेने वाले 150 से ज्यादा छात्रों ने गलती की है। वेबसाइट के चलते हुए गलती की जानकारी जब यूनिवर्सिटी तक कॉलेज प्रबंधन ने पहुंचाई और दिशा निर्देश मांगा तो वहां से कह दिया गया कि गलतियों को ऑफलाइन प्रक्रिया के तहत सुधारा जाए और इसके लिए तत्काल छात्रों को उनके फोन नंबर या पते के आधार पर ढूंढ़कर कॉलेज बुलाकर सुधार करते हुए प्रवेश प्रदान किया जाए।
गड़बड़ी चेक करवाता हूं
सब्जेक्ट के ग्रुपिंग की व्यवस्था वेबसाइट में करवाई गई है लेकिन यदि यह ऑप्शन छात्रों को वेबसाइट में कैसे नहीं मिला इसे चेक करवा लेता हूं। छात्रों के दाखिले पर सब्जेक्ट की गलती का असर नहीं पड़ने दिया जाएगा उनके लिए जो सही और बेहतर व्यवस्था होगी वह करवा दी जाएगी।
प्रो. शैलेंद्र कुमार, कुलपति बस्तर यूनिवर्सिटी

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