छत्तीसगढ़: अजीत जोगी नहीं लड़ेंगे चुनाव, सभी 90 सीटों पर करेंगे धुआंधार प्रचार

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अजीत जोगी इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। वह स्टार प्रचारक के रूप में सक्रिय रहेंगे। इस चुनाव में जोगी की पार्टी, बसपा और सीपीआई के बीच गठबंधन हुआ है। अजीत जोगी सभी 90 सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे। उनकी व्यस्तता के मद्देनजर फैसला लिया गया है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे ताकि प्रचार के काम में पूरा ध्यान लगा सकें।

हयात ने बताया कि इस विषय पर पिछले कुछ दिनों से महागठबंधन के कार्यकर्ता, महागठबंधन के पदाधिकारियों के बीच इस बात को उठा रहे थे कि मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी को पहले चरण में बस्तर की सीटों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है और इसी कारणवश इस संबंध में तत्काल फैसला लेने की आवश्यकता है।
90 सीटों पर सघन प्रचार करेंगे जोगी
उन्होंने बताया कि इस विषय पर गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेताओं एवं पदाधिकारियों के बीच आज चर्चा हुई और यह निर्णय किया गया कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी अजीत जोगी को कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा बल्कि 90 सीटों में सघन प्रचार कराया जाएगा।
महागठबंधन के इस निर्णय का कारण बताते हुए महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि अगर जेसीसीजे अकेले 90 सीटों पर चुनाव लड़ती तो अजीत जोगी ख़ुद चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र थे। लेकिन महागठबंधन होने के वजह से उनके दौरों, सभा और प्रचार कार्यक्रमों की संख्या दुगनी हो गयी है और इसलिए अब उनका समय सभी 90 विधानसभाओं में प्रमुखता से बंटना चाहिए।
हयात ने बताया कि अगर जोगी किसी एक सीट से लड़ेंगे तो उनका अधिक समय उस अकेली सीट में प्रचार करने में व्यतीत होगा जिससे महागठबंधन को बस्तर और अन्य स्थानों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी कारणवश, महागठबंधन के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने यह निर्णय किया है कि मुख़्यमंत्री पद के प्रत्याशी अजीत जोगी को किसी भी सीट से चुनाव न लड़ाया जाए।

जोगी ने कहा, महागठबंधन के निर्णय के अनुसार ही चलूंगा 

महागठबंधन के इस फैसले पर अजीत जोगी ने कहा कि महागठबंधन के निर्णय के अनुसार ही वह चलेंगे। महागठबंधन के बाद उत्पन्न परिस्थितियों और उनकी सभी 90 सीटों पर सघन आवश्यकता के अनुरूप यह निर्णय लिया गया है। यह निर्णय छत्तीसगढ़ में महागठबंधन की सरकार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

छत्तीगसगढ़ में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। राज्य में दो चरणों में 12 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान होगा। पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र और राजनांदगांव जिले की 18 सीटों पर और दूसरे चरण में 20 नवंबर को 72 सीटों पर मतदान होगा।

राज्य में चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने महागठबंधन बनाया है। राज्य में 90 विधानसभा सीटों में बसपा 33 सीटों पर, जनता कांग्रेस 55 सीटों पर तथा भाकपा दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री रमन सिंह की मौजूदा सीट राजनांदगांव से चुनाव लड़ने का फैसला किया था। अब उनके चुनाव नहीं लड़ने के फैसले को राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

12 नवंबर को मतदान

कांग्रेस की ओर से 12 उम्मीदवारों के नाम के एलान के साथ ही राज्य में चुनावी हलचल और तेज हो गई है। पांच राज्यों में सबसे पहले छत्तीसगढ़ में मतदान होना है। यहां 12 और 20 नवंबर को मतदान होगा। बता दें कि पांच राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम में चुनाव होने जा रहे हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा लगातार 15 साल से सत्ता में है। वहीं राजस्थान में भाजपा ने 2013 में सरकार बनाई थी। 

इन पांचों राज्यों में सबसे पहले मतदान छत्तीसगढ़ में होगा। यहां दो दौर में मतदान होगा। पहले फेज में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 12 नवंबर को जबकि दूसरे फेज में 20 नवंबर को चुनाव होगा। छत्तीसगढ़ की सत्ता पर भाजपा 15 साल से काबिज है। डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री पद की कमान संभाले हुए हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती और पूर्व कांग्रेस नेता अजीत जोगी के बीच गठबंधन के एलान के बाद मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है।

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