कुछ जरूरी काम गांव के स्तर पर हों तो कोरोना मुक्त हो सकते हैं गाँव Featured

कोरोना मुक्त गांवों के लक्ष्य को लेकर वेबिनार आयोजित.

दुर्ग। गांवों को पूरी तरह से कोरोना से कैसे मुक्त रख सकें। इस विषय पर सार्थक चर्चा वेबिनार के माध्यम से हुई। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डिप्टी कलेक्टर डॉ. प्रियंका वर्मा दुर्ग ने वेबिनार को सम्बोधित किया और बताया कि किस तरह से दुर्ग जिले में कोविड के रोकथाम के लिया कार्य किया गया। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि वैक्सीन से ही कोविड जैसी महामारी को नियंत्रण में किया जा सकता है। उन्होने पंचायत स्तर पर समितियों का गठन कर कोरोना से बचाव, रोकथाम पर काबू पाने की भी बात कही।
इसके पश्चात जनपद सीईओ जी एस राजपूत ने पूरे कार्यक्रम का संक्षेप में वर्णन किया और कल्याणी नशा मुक्ति केंद्र को ऐसे वेबीनार के आयोजन हेतु धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में मुख्य वक्ता लेखक, चिंतक, आई आर एस सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ डॉ. आर के पालीवाल ने सभी सरपंचों को उनके काम के लिए बधाई दी और कहा कि बचाव ही सबसे बड़ा इलाज है। उन्होंने इस बात से सभी को अवगत कराया की वैक्सीन के बाद भी कोरोना हो सकता है, इसलिए किसी को भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सरकार पर हमारी निर्भरता ज्यादा नहीं होनी चाहिए क्योंकि उनको बहुत कुछ देखना होता है और हमें स्वयं जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसके पश्चात उन्होंने गावों में रखने वाली सावधानियों से अवगत कराया जिसमे मुख्य रूप से साफ सफाई पर जोर दिया जिससे न केवल कोरोना बल्कि अन्य सभी बिमारियों से भी बचाव हो सके। गांवों के हाट बाजारों को भी बंद रखने की सलाह दी। जो व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करे उनको जोर जबरदस्ती की बजाय गाँधीवादी तरीके से समझाइश देकर नियमो का पालन कराने को कहा। अंत में उन्होंने चार बातों पर जोर दिया। पहला मास्क लगाना, दूसरा बार बार हाथ धोना, तीसरा भौतिक दूरी बनाये रखना और चौथा वैक्सीन लगाना।
इसके साथ ही उन्होंने स्वस्थ गांव बनाने की ओर कदम बढ़ाने और जैविक खाद्य सामग्री को भी प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने कोरोना मुक्त गांव की जगह स्वस्थ और समृद्ध गांव बनाने का नारा दिया। उन्होंने गांधीजी का स्मरण करते हुए यह कहकर अपनी बात समाप्त की कि श्रमदान करने और आलस्य से दूर रहने से बहुत से काम हो सकते है ।
इसके पश्चात नमन सेवा समिति के संचालक शिशिर ने अपनी संस्था के द्वारा किए गए कार्यो का वीडियो दिखलाया। उन्होंने गांवों में चलाये जाने वाले अपने जन जागरण अभियानों का परिचय दिया और अपने शुरू किए गए कार्यक्रमों से सभी को अवगत कराया जिसमे स्व-सहायता समूहों का गठन, जैविक खेती से सम्बंधित प्रशिक्षण आदि शामिल है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया की कैसे उन्होंने दुग्ध उत्पादन संघ और कोपरेटिव बनाये। उन्होंने नमन प्रेरको (जो की उनके उनकी संस्था के काम को आगे बढ़ाते है) की सहायता से, कोरोना की रोकथाम में किए गए कार्यो की जानकारी व सहायता करने की पेशकश करते हुए अपनी बात समाप्त की ।
तत्पश्चात कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. सुरेश गर्ग ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरपंच गांव के मुख्यमंत्री जैसे होते है और जिन्होंने भी आदर्श गांव बनाये है उनमे जाग्रति आयी है जिसके कारण वे ऐसा कर पाए। आगे उन्होंने कहा कि ये पहला ऐसा सेमिनार है जिसमे पूरे जिले के प्रबंधन के व्यक्ति सीधे जुड़कर वेबिनार के माध्यम से भाग ले रहे है। उन्होंने डॉक्टर होने के नाते सभी के टीकाकरण पर जोर दिया और अंत में हाथ धोने की आदत एवं सोशल डिस्टन्सिंग का ठीक ठीक पालन करने पर जोर देते हुए ये कहा कि अगर हर एक गांव के सरपंच व सचिव इन बातो का अपने अपने गांवो में प्रचार प्रसार करे तो निश्चित तौर पर हमें कोरोना मुक्त गांव बनाने के लक्ष्य में सफल होंगे। डॉ. गर्ग ने उपस्थित सभी सरपंच व सचिव से यह भी आग्रह किया कि यदि आप अपने गांव को एक आदर्श गांव बनाना चाहते है तो हमारी टीम ग्राम स्तर पर यह आयोजन कर आप लोगों का सहयोग करेगी।
इसके पश्चात डॉ. सुरेश गर्ग एवं डॉ. आर के पालीवाल ने ग्राम सचिव शेष एवं राजेंद्र वर्मा व सरपंच पोषण साहू एवं धन्नू गौतम के प्रश्नो के उत्तर देकर समाधान पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम का संचालन कल्याणी नशा मुक्ति केंद्र के निदेशक अजय कल्याणी ने किया एवं सभी वक्ताओं व सहभगियो का आभार व धन्यवाद ज्ञापन संस्था के अध्यक्ष चिरंजीव राव ने किया।

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