छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: बिलासपुर का चुनावी रण होगा किसके नाम ?

बिलासपुर को छत्तीसगढ़ की न्यायधानी कहा जाता है। यहां विधानसभा की कुल सात सीटें हैं, जिनमें पांच सामान्य और एक अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। बिलासपुर की सातों विधानसभा में पक्के प्रत्याशी हैं, मतलब वे लंबे समय से जीत हासिल करते आए हैं।  लेकिन इस बार चुनावी गणित में बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है। आइए डालते हैं नजर बिलासपुर की सातों विधानसभाओं पर-
 
मरवाही विधानसभा 
इस विधानसभा सीट पर कई सालों से जोगी परिवार का कब्जा रहा है। यहां से फिलहाल अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी विधायक हैं। लेकिन इस बार यहां के सियासी समीकरण में बदलाव होने के आसार प्रबल हैं। फिलहाल मरवाही से कांग्रेस ने गुलाब सिंह राज को उतारा है। 

कोटा विधानसभा
कोटा सीट पर पिछले 66 सालों से एक ही पार्टी ने जीत का परचम लहराया है। पिछले 14 विधानसभा चुनावों से कांग्रेस का ही यहां बोलबाला रहा है। इस सीट से कांग्रेस की तरफ से अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी ने चुनाव लड़ा है, लेकिन इस बार जोगी कांग्रेस यहां का सियासी खेल बिगाड़ सकती है। 

 

तखतपुर विधानसभा
तखतपुर विधानसभा सीट पर भाजपा का एकछत्र राज है, लेकिन इस बार अजीत जोगी की पार्टी भी पूरे दमखम के साथ उतर रही है। बिलासपुर जिले में अजीत जोगी का अच्छा खासा वर्चस्व है। ऐसे में भाजपा को यहां अपना ताज बचाए रखने में मुश्किलात हो सकती है।

बिल्हा विधानसभा
बिल्हा दो जिलों के नक्शे में शामिल है, इस सीट का आधे से ज्यादा हिस्सा मुगेली और एक हिस्सा बिलासपुर जिले में आता है। बिल्हा का चुनावी रण भाजपा के धरमलाल कौशिक और कांग्रेस के सियराम कौशिक के नाम रहा है। 

बिलासपुर विधानसभा
इसे राज्य की हाईप्रोफाइल सीट माना जाता है। यह हमेशा से ही भाजपा का गढ़ रहा है। भाजपा विधायक अमर अग्रवाल यहां से चार बार चुनाव जीत चुके हैं। कांग्रेस के लाख एक्सपेरिमेंट के बाद भी यह सीट उसके हाथों नहीं आ पाई है। 

 

बेलतरा विधानसभा
बेलतरा विधानसभा भी भाजपा का मजबूत किला है। परिसीमन के बाद 15 वर्षों से यहां भाजपा के बद्रीधर दीवान ने यहां जीत दर्ज करते आए हैं। कांग्रेस के लिए इस बार यहा अपनी विजयी गाथा लिखना आसान नहीं होगा। 

मस्तुरी विधानसभा
मस्तुरी विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। लेकिन कांग्रेस ने यह जीत बीजेपी के विजयी रथ को रोककर हासिल की  है। पिछले विधानसभा चुनाव में दिलीप सिंह लहरिया ने भाजपा के कृष्णमूर्ति बांधी को हराकर कांग्रेस को अविश्वसनीय जीत दिलाई थी।
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