ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
बोले... मधुबन रोड से शराब भट्टी हटाई जाए या फिर महारानी स्कूल को ही हटा दो कलेक्टर साहब...!
बिलासपुर- वार्ड क्रमांक 36 बसंत भाई पटेल नगर के मधुबन क्षेत्र में खुली शराब भट्टी से नागरिक काफी परेशान है। शराब दुकान से सबसे ज्यादा परेशानी महारानी लक्ष्मीबाई स्कूल की छात्राओं को हो रहा है। यहां पढ़ने वाली छात्राएं सुबह-शाम शराब भट्टी के कारण आने वाले असामाजिक तत्व और शराबियों के छींटाकशी के शिकार हो रहे हैं। पास में ही झोपड़पट्टी में निवास करने वाले और आवास क्वार्टर में रहने वाले वार्ड के नागरिक भी इस मुसीबत को बहुत दिनों से सामना कर रहे हैं। छेड़खानी,गुंडागर्दी,शराब पीकर हुड़दंग करना यहां आए दिन की बात हो गई है। इस मार्ग में चलने से नागरिकों को शर्म महसूस होने लगी है। इसलिए कलेक्टर साहब,आबकारी विभाग और शासन से आग्रह करता हूं कि मधुबन मार्ग से शराब भट्टी हटा दिया जाए। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो फिर महारानी लक्ष्मीबाई स्कूल को ही वहां से कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए। पूर्व पार्षद ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो चुनाव खत्म होने के बाद वे वार्ड के नागरिकों के साथ सड़क पर आकर धरना प्रदर्शन करेंगे और शासन से मांग को मनवाने के लिए हर स्तर पर जाकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह शराब दुकान की खिलाफत नहीं कर रहे हैं मगर जिस जगह पर दुकान है उस जगह की परिस्थितियों को देखकर वहां से उसको हटाने की मांग कर रहे हैं। चुनाव के समय इस तरह की मांग पर उन्होंने कहा कि इसी समय क्षेत्र की महिलाएं और नागरिकों ने उनसे मांग की और कहा कि अगर शराब दुकान नहीं हटाई जाती है तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे,इसीलिए उन्होंने यह निर्णय ऐसे समय में लिया है। उमेश चन्द्र ने यह भी कहा कि वे शराब दुकान के विरोधी नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे पिछले 1995 से लगातार क्षेत्र के पार्षद रहे हैं। छह बार की पार्षदी में उन्होंने सिर्फ और सिर्फ वार्ड वासियों की सेवा की है।इसलिए फिर से सेवा के लिए ही पार्षद बनना चाह रहे हैं। उन्हें भाजपा से टिकट भले न मिली हो मगर पार्टी के खिलाफ नहीं है। पार्टी से नाराज भी नहीं है,केवल लोगों की सेवा के लिए ही वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और जीतकर वे फिर से आएंगे। भाजपा सरकार के साथ आज भी हूं कल भी रहूंगा।