ईश्वर दुबे
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Bhilai
रायपुर :
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप और श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन आज राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए। सहकार भारती द्वारा राजधानी रायपुर के जैनम मानस भवन में 23 अगस्त और 24 अगस्त को देश में पहली बार राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन का आयोजन किया गया है। इसमें 28 राज्यों से विभिन्न बुनकर संघों के एक हजार से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के वीडियो संदेश का प्रसारण किया गया। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में विभिन्न क्षेत्रों में सहकारिता को मजबूत करने के लिए किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने अधिवेशन की सफलता के लिए आयोजकों और प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं भी दीं। विधायक श्री मोतीलाल साहू, छत्तीसगढ़ अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री केदार गुप्ता और खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राकेश पाण्डेय भी उद्घाटन सत्र में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारिता हमारे रग-रग में बसी हुई है। हम सब 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना से पले-बढ़े हैं। भारत अपने कुटीर उद्योगों और ग्राम उद्योगों की बदौलत लंबे समय तक पूरी दुनिया के लिए 'सोने की चिड़िया' था। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक तरक्की में बुनकरों का बड़ा योगदान है। हमारे बुनकर बड़ी मेहनत और लगन से कपड़ा उद्योग को मजबूती दे रहे हैं। सहकारिता के माध्यम से उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को नए आयाम दिए जा सकते हैं। आजीविका के अवसरों को बढ़ाने, देश को आत्मनिर्भर एवं सक्षम बनाने में बुनकर और उनकी सहकार की भावना काफी अहम है।
सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष में यह अधिवेशन छत्तीसगढ़ में हो रहा है। सहकार से समृद्धि के तहत राज्य में 54 पहल किए गए हैं जो सीधे-सीधे गांवों, गरीबों व किसानों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 20 हजार हाथकरघा कार्यरत हैं जिनके माध्यम से 60 हजार 300 लोगों को रोजगार मिल रहा है। राज्य में 329 पंजीकृत प्राथमिक बुनकर सहकारी समितियां महासंघ से जुड़ी हुई हैं जो सरकारी वस्त्र उत्पादन में सक्रिय हैं। महासंघ द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों को स्कूल यूनिफार्म, पुलिस ड्रेस, कंबल, चादर और अन्य प्रकार के कपड़ों की आपूर्ति की जा रही है। बुनकर सहकारी समितियों को सुदृढ़ बनाने के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ में भी सहकारी नीति तैयार की जा रही है। श्री कश्यप ने सहकार भारती के पदाधिकारियों को अधिवेशन की सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस अधिवेशन से बुनकरों में जागरूकता बढ़ाने और सहकारिता आंदोलन को गति प्रदान करने में मदद मिलेगी।