ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
रायपुर :
धान उपार्जन की प्रक्रिया को अधिक कृषक उन्मुख, दक्ष और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से खाद्य विभाग द्वारा संभागवार जिला स्तरीय अधिकारियों की कार्यशाला सह-प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला 15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2025 तक नागरिक आपूर्ति निगम के सभाकक्ष में आयोजित की जा रही है।
सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, प्रबंध संचालक, विपणन संघ तथा संचालक, खाद्य विभाग के मार्गदर्शन में रायपुर एवं बिलासपुर संभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को 15 अक्टूबर 2025 को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस प्रशिक्षण में जिलों से नोडल अधिकारी के रूप में अपर कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर सम्मिलित हुए, साथ ही जिला विपणन अधिकारी, जिला खाद्य अधिकारी, उप-पंजीयक / सहायक पंजीयक सहकारिता, संग्रहण केंद्र प्रभारी, उपार्जन केंद्र प्रभारी और डाटा एंट्री ऑपरेटर आदि भी प्रशिक्षणार्थी के रूप में उपस्थित थे।
कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से होगी धान उपार्जन की सतत निगरानी
उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा धान उपार्जन एवं निराकरण प्रक्रिया में संभावित अनियमितताओं को नियंत्रित करने के उद्देश्य से विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर ‘इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर’ की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
इसके क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर भी कंट्रोल एंड कमांड सेंटर स्थापित किये जा रहे हैं। इस संदर्भ में मोबाइल एप के माध्यम से विभिन्न प्रकार के अलर्ट के निराकरण की प्रक्रिया पर संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस हेतु पर्याप्त मानव संसाधन एवं तकनीकी अधोसंरचना की उपलब्धता के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन जिला अधिकारियों को प्रदान किया गया है, जिसे निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूर्ण करना अनिवार्य किया गया है।
किसानों की सुविधा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु विशेष प्रशिक्षण
उपार्जन केंद्रों में धान के उचित रखरखाव एवं किसानों की सुविधाओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने हेतु उपार्जन केंद्र प्रभारियों और सहकारिता विभाग के अधिकारियों को भी प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा किसानों से एक-एक दाना धान खरीदे जाने की प्रतिबद्धता को पूर्ण करने के लिए समिति एवं जिला स्तर के अधिकारियों की संवेदनशीलता और तत्परता अपेक्षित है। इसी अनुक्रम में, धान उपार्जन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा या समस्या का तत्काल निराकरण किया जाए।