उपराष्ट्रपति  सी. पी. राधाकृष्णन ने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के मॉडल के रूप में ‘लखपति दीदी’ पहल की सराहना की Featured

 

उपराष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में ‘लखपति दीदी सम्मेलन’ में भाग लिया

उपराष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ में बिजली की कमी से उबरकर अधिशेष बिजली संबंधी बदलाव की सराहना की

उपराष्ट्रपति ने नक्सलवाद पर अंकुश लगाने में केन्द्र, राज्य और सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की

छत्तीसगढ़ में शांति और प्रगति सामूहिक राजनीतिक इच्छाशक्ति और विकासोन्मुखी शासन का परिणाम

लोकतंत्र केवल संसद में ही नहीं, बल्कि ग्राम सभाओं, पंचायतों और स्वयं सहायता समूहों में भी बसता है: उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र – मोतियाबिंद से मुक्ति संबंधी पहल से लेकर आयुष्मान भारत के कार्यान्वयन तक - में छत्तीसगढ़ की प्रगति की सराहना की

रायपुर 5 नवम्बर 2025/ उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने आज छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में “लखपति दीदी सम्मेलन” में भाग लिया।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने ‘लखपति दीदी’ पहल की सराहना की तथा इसे भारत की महिलाओं की शक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताया।

उन्होंने कहा कि यह पहल उन महिलाओं - दीदियों - के संकल्प को दर्शाती है जो चुनौतियों को अवसरों में बदल रही हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि “लखपति दीदी” शब्द केवल आय का नहीं, बल्कि स्वतंत्रता, सम्मान और आत्मविश्वास का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि देशभर में महिलाओं के नेतृत्व में हजारों स्वयं सहायता समूह इस बात को दर्शा रहे हैं कि कड़ी मेहनत, अनुशासन और एकजुटता कैसे जीवन को बदल सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन महिलाओं की उपलब्धियां देश की उन बहनों की परिवर्तनकारी शक्ति को रेखांकित करती हैं, जो ग्रामीण भारत की रीढ़ हैं।

सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का सपना महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की दिशा में एक असाधारण कदम है - एक ऐसा आंदोलन, जिसकी छत्तीसगढ़ में स्पष्ट अभिव्यक्ति हुई है।

उपराष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ एवं पूरे देश में महिलाओं के बढ़ते नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने ‘लखपति दीदी’ पहल को एक ऐसा जीवंत आंदोलन बताया, जिसने देशभर में दो करोड़ से अधिक महिलाओं और छत्तीसगढ़ में पांच लाख महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों एवं आय-सृजन की गतिविधियों के जरिए वित्तीय आजादी हासिल करने में सक्षम बनाया है।

उन्होंने राज्य सरकार और राजनांदगांव जिला प्रशासन के समर्पित प्रयासों की सराहना की, जिससे 9,663 स्वयं सहायता समूहों के जरिए एक लाख से अधिक महिलाओं को जोड़ा गया है और 700 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि महिला सम्मान योजना के तहत राज्य द्वारा 20 किश्तों में कुल 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के सीधे हस्तांतरण ने महिला लाभार्थियों को सशक्त बनाया है।

श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में राजनांदगांव की अनूठी स्थिति पर प्रकाश डाला और कहा कि 1,000 से अधिक महिलाएं स्थानीय स्वशासन में पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि लोकतंत्र केवल संसद तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्राम सभाओं, पंचायतों और स्वयं सहायता समूहों में भी बसता है, जहां नागरिक मिलकर चर्चा करते हैं, निर्णय लेते हैं और विकास करते हैं। उन्होंने कहा कि लखपति दीदी आंदोलन भागीदारी, पारदर्शिता और स्थानीय सशक्तिकरण को सुनिश्चित करके लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करता है।

उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल ने इस धारणा को बदल दिया है कि महिलाओं को केवल घर तक ही सीमित रहना चाहिए। आज, वे प्रशासक के रूप में उभर रही हैं, आर्थिक आजादी हासिल कर रही हैं और भावी नेताओं को प्रेरित कर रही हैं।

उपराष्ट्रपति ने सरकारी सहायता से सभी बाधाओं पर विजय पाने के लिए लखपति दीदियों के साहस और दृढ़ संकल्प की सराहना की तथा आशा व्यक्त की कि वे शीघ्र ही करोड़पति दीदी बन जायेंगी।

छत्तीसगढ़ में हुई प्रगति को याद करते हुए, उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब इस राज्य को पानी, बिजली और विकास के अभाव का सामना करना पड़ता था, लेकिन आज यह राज्य पूरे देश के लिए बिजली का उत्पादन करता है और इसने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार किया है।

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