ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
रायपुर :
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एन.सी.डी.सी.), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार; राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एन.आई.डी.एम.), गृह मंत्रालय, भारत सरकार; स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार तथा यू.एस. सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के संयुक्त तत्वावधान में “सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल एवं आपदा प्रबंधन – व्यावसायिक विकास कार्यक्रम (पी.एच.ई.डी.एम.-पी.डी.पी.) प्रशिक्षण (बैच-1)” का आयोजन 10 से 12 नवम्बर तक राजधानी रायपुर में किया गया।
सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री अमित कटारिया तथा आयुक्त, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला के मार्गदर्शन में राज्य के विभिन्न विभागों के समन्वय से इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य राज्य में एक सशक्त आपदा प्रबंधन टीम का गठन करना है। प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता डॉ. एस. के. पामभोई, संचालक (महामारी नियंत्रण), छत्तीसगढ़ ने की। इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में डॉ. शुभांगी कुलसंगे, संयुक्त निदेशक, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र; डॉ. खेमराज सोनवानी, उप-संचालक एवं राज्य निगरानी अधिकारी (IDSP); डॉ. स्मृति देवांगन, उप-संचालक, NPCCHH एवं डिजास्टर मैनेजमेंट, छत्तीसगढ़; तथा श्री विलियम अब्राम्स, उप निदेशक, डी.जी.एच.पी., सी.डी.सी.-भारत कार्यालय उपस्थित रहे।
तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य जिला स्तर पर कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों और आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने हेतु आवश्यक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल प्रदान करना है। ‘मेंटर्स और मेंटीज’ की अवधारणा पर आधारित प्रशिक्षण में तकनीकी सत्रों, प्रश्नोत्तरी, समूह गतिविधियों, केस स्टडी और सिमुलेशन अभ्यासों के माध्यम से प्रतिभागियों को व्यावहारिक अनुभव दिया गया।
स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, पशुपालन, वन, नगर निगम, भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी सहित विभिन्न विभागों के लगभग 53 प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण सत्र में हिस्सा लेकर लाभ प्राप्त किया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य में आपदा प्रबंधन की तत्परता, अंतर-विभागीय समन्वय और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।