ईश्वर दुबे
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Bhilai
भिलाई। दुर्ग जिले की हाईप्रोफाईल सीट भिलाईनगर से भाजपा के प्रेमप्रकाश पांडेय और कांग्रेस के युवा प्रत्याशी देैवेंद्र यादव का मध्य कांटे की टक्कर है। इस सीट से युवा चेहरे को प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस ने चुनाव को काफी रोचक और बना दिया है। सोशल मीडिया में एक दूसरे के उपर प्रहार जारी है तथा कई प्रकार के आरोप प्रत्यारोप निरंतर जारी है जिसे जनता देख समझ रही है तथा किस प्रत्याशी को मत देना है उसके लिए पूर्व आकल कर रही है। कांटे की टक्कर इसलिए क्योंकि भिलाईनगर विधानसभा क्षेत्र की जनता को प्रदेश में सबसे शिक्षित जनता के रुप में जाना जाता है। भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत कर्मचारियों, अधिकारियों के अलावा खुर्सीपार तथा अन्य दीगर क्षेत्रों की जनता भी शामिल हैं जिन्हें अपना विकास पुरुष चुनना है। भिलाई विधायक के रुप में प्रेमप्रकाश के द्वारा किए गए विकास कार्यों को नकारा नहीं जा सकता है वहीं दूसरी ओर वे मंत्री के ओहदे पर काबिज रहके कार्यों को सरकार के बलबूते पर निष्पादित करवाने में सफल रहे। वहीं दूसरी ओर विपक्ष में रहने के बावजूद कांग्रेस के निर्वाचित महापौर के रुप में देवेंद्र यादव नें अल्प अधिकार रहने के बाद भी जनता के सुख दुख में सदैव सहभागी रहते हुए विकास कार्यों को निगम महापौर के रुप में आगे बढाया है। महापौर देवेंद्र यादव के प्रयासों के कारण ही डेंगू पर रोकथाम करने में प्रशासन सफल हुआ, भिलाई डेंगू से मुक्त हुआ। महामारी के दौर में भी देवेंद्र यादव एक एक अस्पताल में जाकर मरीजों का हाल जानते रहे तथा प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करके सहयोग की मांग कर डाली। महापौर देवेंद्र यादव में कुछ कर गुजरने का जज्बा जनता को समझ में आ चुका है। कुछ कर गुजरने का जज्बा प्रेमप्रकाश पांडेय में भी है वे जो ठान लेते हैं करके रहते हैं। भिलाई में प्रेमप्रकाश पांडेय को टक्कर देने के लिए युवा देवेंद्र यादव के सामने आने से उनकी जीत की राह में कांटे की टक्कर जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसे जनता जनार्दन भी स्वीकार कर रही है। बहरहाल प्रेमप्रकाश और देवेंद्र यादव दोनों को जनता का अपार जनसमर्थन चुनावी प्रचार के दौरान देखने को मिल रहा है। कहते हैं चुनाव में अंतिम समय में बाजी पलट जाती है देखते हैं कौन प्रत्याशी बाजी मार ले जाएगा और कौन हार का स्वाद चखेगा। इसी क्रम में देवेंद्र यादव के खिलाफ 9 आपराधिक मामलों की जानकारी सोशल मीडिया में डाली गई है तथा प्रेमप्रकाश को अफवाह वाले बाबा तथा दंभी नेता के रुप में चित्रित किया जा रहा है। वोट के लिए एक दूसरे के समर्थन सोशल मीडिया को हथियार बनाए हुए हैं। जबकि साफ तौर पर देवेंद्र के उपर दर्ज सभी मामले राजनीतिक जुलुस धरना के लिए दर्ज अपराध हैं जो कि विपक्ष में बैठे सक्रिय नेता के लिए आम बात है। दूसरी ओर प्रेमप्रकाश के बड़े विकास कार्यों को जनता सदैव याद रखी हुई है। वृहद पेयजल योजना, आई आई टी, स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्व. सहित कई बड़े विकास कार्यों की लंबी फेहरिश्त है। एैसे में दोनों प्रत्याशियों को कमतर आंकना भूल होगी। भिलाईनगर में 40000 युवा वोटर्स हैं, जो कि चुनाव की दशा और दिशा बदलने की ताकत रखते हैं। प्रेमप्रकाश और देवेंद्र दोनों में युवाओं जैसा जोश है युवा वर्ग की पसंद पर चुनाव परिणाम निधारित होना तय हो जायेगा। देखना यह कि महिलाओं का किसको सपोर्ट है भिलाईनगर में महिलाओं का वोट भी चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की ताकत रखता है। शिक्षित क्षेत्र में चुनाव में बाजी पलटने के लिए किसी का वश नहीं चलता यह इतिहास गवाह है कि शिक्षित व्यक्तियों का वोट योग्यता, व्यवहार कुशलता, विकास कार्यों के प्रतिनिधि को ही जाएगा। परंपरागत रुप से प्रेमप्रकाश के खिलाफ चुनाव लडने वाले बी.डी. कुरैशी और प्रेमप्रकाश कभी दुबारा चुनाव नहीं जीत सके। पांच साल के बाद सदैव परिवर्तन हुआ है। भिलाई की जनता नें कभी किसी को दुबारा मौका नहीं दिया। लगातार चुनाव जीतने के लिए भिलाई में जनता का लाडला अभी तक उत्पन्न नहीं हो सका। इस बार देखना यह कि किसे जिताकर जनता अपना विधायक चुनती है?