प्रथम चरण की तरह छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के दूसरे एवं अंतिम चरण में भी मतदान का औसत 2013 के मुकाबले कम रहा है। दूसरे चरण में 19 जिलों की 72 विधानसभा सीटों पर मतदान का कुल औसत 71.93 प्रतिशत रहा, जबकि 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में यह 77.12 प्रतिशत था। वहीं दूसरे चरण में ईवीएम खराब होने की बेहद शिकायतें दर्ज की गईं।
मुख्य निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा ने निर्वाचन सदन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 72 विधानसभा सीटों पर 1079 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। 2 सीटों पर सुबह 7 बजे से 3 बजे तक मतदान हुआ, जबकि बाकी विधानसभा सीटों पर सुबह 8 बजे से 5 बजे तक मतदान हुआ। उप निर्वाचन आयुक्त के मुताबिक दूसरे चरण में एक करोड़ 54 लाख मतदाता थे, जिनमें पुरुषों की संख्या 77 लाख 53 हजार और महिलाओं की संख्या 76 लाख 46 हजार थी। जबकि थर्ड जेंडर के मतदाताओं की संख्या 877 रही।
सिन्हा ने बताया कि पहले चरण में मतदान का औसत 76.42 फीसदी रहा, जबकि दूसरे चरण में 71.93 प्रतिशत रहा। दोनों चरणों को मिला कर मतदान का कुल औसत 74.17 प्रतिशत रहा। 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में प्रथम चरण में 75.06 प्रतिशत और दूसरे चरण में 77.12 प्रतिशत की वोटिंग हुई थी। जबकि दोनों चरणों का कुल औसत 77.4 रहा था। उन्होंने बताया कि ये अंतरिम आंकड़ें हैं, और देर रात या सुबह तक ही सही औसत का पता चल सकेगा। हालांकि राज्य निर्वाचन पदाधिकारी की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक शाम छह बजे तक 66.63 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
सिन्हा ने बताया कि सघन नक्सल प्रभावित बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा के दो मतदान केन्द्रों आमामोरा और औढ़ में 82 और 82.5 प्रतिशत की वोटिंग दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा मतदान बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्रों में 83 प्रतिशत, संजारी बालोद में 82.12 प्रतिशत, गुंडर देही में 81 प्रतिशत, पाटन में 80 प्रतिशत दर्ज का गया। वहीं चंद्रपुर, बागरेल और जमुनापाली मतदान केन्द्रों पर शून्य प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं परेवापाली में सड़क न बनने के चलते मतदान का बहिष्कार किया।
सिन्हा ने बताया कि प्रथम चरण की तरह दूसरे चरण में भी 100 की उम्र पार कर चुके कई बुजुर्ग मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया और कई ने तो सेल्फी भी खिंचवाई। आयोग के मुताबिक राज्य में 100 साल से ऊपर वोटरों की संख्या 3,630 से ज्यादा है। उन्होंने बताया कि मिस ट्रांसजेंडर इंडिया वीणा शिंदे समेत थर्ड जेंडर समुदाय के लोगों ने भी बढ़ चढ़ कर वोटिंग की। राज्य में कुल 964 वोटर थर्ड जेंडर समुदाय के हैं।
उप निर्वाचन आयुक्त संदीप जैन के मुताबिक दूसरे चरण में 19 हजार 336 ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल हुआ, जिनमें से अतिरिक्त 25 प्रतिशत ईवीएम रिजर्व में रखी गई थीं।
उन्होंने बताया कि सेक्टर मजिस्ट्रेट को भी अलग से एक-दो ईवीएम दी जाती हैं। मतदान के दौरान 114 बैलेट यूनिट (.44 प्रतिशत) में खराबी की शिकायतें आईं, जबकि 89 सेंट्रल यूनिट (.46 प्रतिशत) और 359 वीवीपैट यूनिट (1.66 प्रतिशत) में खराबी पाई गई, जिन्हें तुरंत बदल दिया गया।
ज्यादा वीवीपैट खराब होने के पीछे जैन ने वजह बताई कि जब भी बैलट यूनिट या सेंट्रल यूनिट में खराबी आती है, तो वीवीपैट को भी बदलना पड़ता है, जिसकी वजह से वीपीपैट खराब होने के ज्यादा मामले सामने आते हैं। आयोग के डीजी दिलीप शर्मा ने बताया कि दूसरे चरण में सी-विजिल एप पर 1819 शिकायतें आईं, जिनमें से 1768 का तुरंत निराकरण कर दिया गया, वहीं 48 में जांच जारी है और 3 मामले अभी पेंडिंग हैं।
उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में 12 करोड़ 51 लाख रुपए का सामान आर नकदी जब्त की गई। जिसमें 4 करोड़ 47 लाख 13 हजार रुपए नकद, 1 लाख 24 हजार लीटर अवैध शराब, जिसकी बाजार में कीमत 1 करोड़ 55 लाख के आसपास थी। वहीं 29 लाख 13 की कीमत का सोना और चांदी, एक लाख 76 हजार की ड्रग, 6 करोड़ 17 लाख की गाड़ियां, साड़ियां और कूकर को जब्त किया गया।