ईश्वर दुबे
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Bhilai
भिलाई । छत्तीसगढ़ के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अंतर्राष्ट्रीय कलाजगत में प्रसिद्धि बटोरने वाले कलाकार लिम्का बुक ऑफ द वल्र्ड रिकार्ड पुरस्कृत अंकुश देवांगन को भोपाल राजभवन की कलात्मक सजावट के लिए आमंत्रित किया है। राजभवन द्वारा महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिए जाने के समय संस्कृति विभाग से संजय झरबड़े तथा भिलाई से पूर्णानंद देवांगन उपस्थित थे, इस दौरान कलाकारों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा उन्हें भेंट दी। भोपाल शहर मध्य भारत के प्रमुख सांस्कृतिक धरोहर एवं कलाकारों के गढ़ के रुप में जाना जाता है। जहां भारत भवन, मानव संग्रहालय जैसे अनेक अविस्मरणीय कलाकेन्द्र बने हैं, इन केन्द्रों में प्रतिवर्ष हजारों विदेशी पर्यटक आते हैं। इसके केन्द्र स्थल राजभवन में कलाकृति बनाने के लिए राज्य के कलाकारों को बुलाया जाना छत्तीसगढ़ी कलाजगत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। ज्ञातव्य हो कि आनंदीबेन पटेल छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश दोनों जगह की राज्यपाल हैं यहां वे अंकुश देवांगन द्वारा किए गये कार्यों से बेहद प्रभावित हुई हैं। उनके द्वारा किये गए देश भर में उल्लेखनीय कार्यों के अलावा पुरखौती मुक्तांगन की कलाओं ने राज्य का मान बढ़ाया हैै जिसके कारण संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ सरकार ने भी उनके नाम की संस्तुति की है। साथ ही बताया है कि उनके द्वारा किए गये कार्य न सिर्फ नायाब होते हैं, बल्कि करोड़ों रुपयों में बनने वाली कलाकृतियों को वे मात्र चंद मजदूरों की मेहनत पर बना देते हैं। संस्कृति विभाग नें बताया कि सुरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला हरियाणा-2015 में राज्य शासन तथा लेबनान देश के सहप्रयोजन में उनके नेतृत्व में बनाये गये छत्तीसगढ़ी मड़ई-मेला का विहंगम दृश्य किसी भव्य फिल्मी सेट से कम नहीं था। इसे 45 वर्षों के इतिहास में अब तक का सर्वश्र्रेष्ठ मेला का पुरस्कार भी मिला है, वहीं इसमें उन्होंने शासन का करोड़ों रुपया भी बचाया था। अंकुश भिलाई ईस्पात संयंत्र में भी न्यूनतम व शून्य बजट पर एक से बढक़र एक कलाकृतियां बना चुके हैं। जिसमें सिविक सेंटर का कृष्ण-अर्जुन रथ, भिलाई होटल का नटराज, रुवाबांधा का पंथी चैक, दल्लीराजहरा में छ: मंजिली इमारत जितना विश्व का सबसे बड़ा लौहरथ, दुनिया की
सबसे छोटी मूर्तियां, चांवल के दानो पर पेन्टींग, दुर्गापुर स्टील प्लांट-पश्चिम बंगाल में अनेकानेक कृतियां प्रमुख है।
उनके द्वारा बनाये गये कालजयी कलाकृतियों की विशेषता है कि वे जिन शहरों में भी बनी हैं वहां की पहचान बन चुकी हैं। अब भोपाल की बारी है जहां कलात्मक अभिव्यक्तियों की प्रस्तुति के दौरान प्रख्यात माडर्न आर्ट चित्रकार-डी.एस. विद्यार्थी का सान्निध्य एवं निर्देशन उन्हें प्राप्त होगा। जिससे नयनाभिराम कृतियों के सृजन की वे उम्मीद करते हैं। इन निर्माणों में रेल्वे दुर्ग के सुप्रसिद्ध कलाकार अशोक देवांगन भी उनका साथ देंगे। भारतीय कलाजगत में अंकुश देवांगन द्वारा निरंतर उच्चतम प्रतिमानों को स्थापित करने पर भिलाई कलाजगत से स्वरकोकिला -रजनी रजक, रुपा साहू, शिखा साहू, समाजसेवी-विमान भट्टाचार्य, रमेश भारती, रंगकर्मी- राजेन्द्र रजक तथा प्रेमचंद साहू ने उन्हें बधाई और नये कार्यों के लिए शुभकामनाएं दी है।