ईश्वर दुबे
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Bhilai
प्रशासनिक कार्यकुशलता और समय की पाबंदी को सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा कदम
रायपुर 19 नवंबर 2025/ पारदर्शिता, समयपालन और प्रशासनिक कार्यकुशलता को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने महानदी भवन और इन्द्रावती भवन में कार्यरत सभी विभागों में आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (AEBAS) लागू करने की घोषणा की है।
आज वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में मुख्य सचिव श्री विकास शील की उपस्थिति में नए सिस्टम का लाइव प्रदर्शन किया गया, जिसमें फेसियल ऑथेंटिकेशन आधारित उपस्थिति प्रणाली तथा दीवार पर लगाए गए आधार-सक्षम बायोमेट्रिक उपकरणों का डेमो प्रस्तुत किया गया। इस प्रणाली का परीक्षण कल से प्रारंभ होगा और 01 दिसंबर 2025 से मंत्रालय में AEBAS के माध्यम से उपस्थिति अनिवार्य होगी।
मुख्य सचिव श्री विकास शील ने निर्देशित किया है कि 01 जनवरी 2026 से यह प्रणाली सभी संचालनालयों/ विभागाध्यक्ष कार्यालयों में भी लागू कर दी जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समय पालन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को कड़ाई से इसका पालन करना होगा।
कर्मचारियों के लिए उपस्थिति दर्ज करने के तरीके
नए प्रोटोकॉल के अनुसार, प्रत्येक कर्मचारी को रोज़ाना दो बार—प्रवेश के समय “IN” और प्रस्थान के समय “OUT”—उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इसके लिए दो विकल्प उपलब्ध किए गए हैं:
1. मोबाइल ऐप के माध्यम से फेसियल ऑथेंटिकेशन
कर्मचारी अपने स्मार्टफोन पर आधार-आधारित फेसियल वेरिफिकेशन के माध्यम से IN/OUT उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। यह प्रणाली सुविधा और बायोमेट्रिक सुरक्षा—दोनों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
2. प्रवेश द्वारों पर लगे आधार-सक्षम बायोमेट्रिक उपकरण
मंत्रालय भवनों के प्रमुख प्रवेश द्वारों पर दीवार पर लगे थम्ब-बेस्ड आधार-सक्षम बायोमेट्रिक डिवाइसेज़ स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से कर्मचारी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे।
दोनों प्रणालियाँ समानांतर रूप से संचालित होंगी और कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी विकल्प का उपयोग कर सकते हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने सभी निर्धारित प्रवेश द्वारों पर आधार-सक्षम बायोमेट्रिक उपकरण स्थापित कर दिए हैं और नोडल अधिकारियों का प्रशिक्षण भी पूरा कर लिया है, जिससे व्यवस्थित और निर्बाध क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके। सभी कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि उनके आधार और सेवा संबंधी विवरण उपस्थिति पोर्टल में सही ढंग से अपडेट हों।नई उपस्थिति व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही, ढिलाई या अनुपालन न करने को गंभीरता से लिया जाएगा।
आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (AEBAS) की शुरुआत राज्य सरकार की प्रशासनिक जवाबदेही, कार्यकुशलता और सेवा प्रदायगी की गुणवत्ता में सुधार लाने की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है। यह प्रणाली न केवल विभागीय संचालन को सरल बनाएगी, बल्कि प्रशासनिक तंत्र में अनुशासन और पारदर्शिता की संस्कृति को भी स्थापित करेगी।
“महानदी और इन्द्रावती भवन के सभी विभागों में आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (AEBAS) का क्रियान्वयन पारदर्शिता, समयपालन और प्रशासनिक दक्षता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आज मुख्य सचिव और सभी सचिवों की उपस्थिति में फेसियल ऑथेंटिकेशन आधारित उपस्थिति प्रणाली और दीवार पर लगे आधार-सक्षम बायोमेट्रिक उपकरणों का विस्तृत प्रदर्शन किया गया। 1 दिसंबर 2025 से मंत्रालय में AEBAS आधारित उपस्थिति अनिवार्य होगी और 01 जनवरी 2026 से यह प्रणाली सभी संचालनालयों में लागू कर दी जाएगी। मैं अपेक्षा करता हूँ कि हर अधिकारी और कर्मचारी समयपालन और पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करेंगे, ताकि हम आधुनिक, तकनीक-आधारित और जवाबदेह शासन व्यवस्था की ओर निरंतर अग्रसर हो सकें।”
मुख्यमंत्री ने किया भोपाल उत्सव मेले का शुभारंभ
यात्रियों के लिए ऐप पर हो बस की बुकिंग, किराया भुगतान आदि की व्यवस्था
प्रतियोगिता के माध्यम से विकसित करें यात्री परिवहन सेवा का लोगो
अन्य राज्यों की यात्री बस सेवा की बेस्ट प्रैक्टिसेस को भी अपनाया जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई मध्यप्रदेश यात्री परिवहन एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की बैठक
मिशन वात्सल्य योजना अंतर्गत गैर संस्थागत सेवा योजना को आगामी 5 वर्षों तक संचालित करने की स्वीकृति
प्रदेश के 13 जिलों के आयुष चिकित्सालयों में 373 नवीन पदों की स्वीकृतिे
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् में भर्ती के लिए सेवा शर्ते एवं नियम 2025 अनुमोदित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय
6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में गुना को किया पुरस्कृत
जल संचय जन भागीदारी पहल में भी अग्रणी मप्र
जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार : कैच द रेन के अंतर्गत साउथ जोन की श्रेणी एक में पहला पुरस्कार ईस्ट निमाड़ जिले को
श्रेष्ठ 50 शहरी निकायों में श्रेणी-3 में गुना को दूसरी रैंक श्रेणी-3 में बैतूल, धार, देवास, सिवनी और खरगौन भी पुरस्कृत
रायपुर :
जल संरक्षण एवं सामुदायिक भागीदारी के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित कर छत्तीसगढ़ के 12 जिलों रायपुर, गरियाबंद, महासमुंद, राजनांदगांव, बलौदाबाजार-भाटापारा, धमतरी, बालोद, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग और सूरजपुर ने राष्ट्रीय स्तर पर नया इतिहास रच दिया है। विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आज 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार एवं जल संचय जनभागीदारी 1.0 अवार्ड समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने इन जिलों को सम्मानित किया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और संवेदनशील प्रशासनिक प्रयासों के परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ ने जल संरक्षण की दिशा में देशभर में विशेष पहचान बनाई है। पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार के अभिनव प्रयासों और जनभागीदारी ने जल संचयन की दिशा में नए आयाम हासिल किए हैं। मुख्यमंत्री ने इन जिलों के नागरिकों और जिला प्रशासन को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि जल संचयन के प्रति लोगों में आई यह चेतना जल के समुचित उपयोग को बढ़ावा देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का जल भविष्य सुरक्षित करने में यह पुरस्कार प्रेरणादायी होगा।
रायपुर जिले को जल संचय जनभागीदारी अभियान में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया है। देशभर के नगर निगमों में रायपुर नगर निगम प्रथम स्थान पर रहा, जबकि पूर्वी जोन कैटेगरी 01 में रायपुर जिला तीसरे स्थान पर रहा। रायपुर जिले और नगर निगम ने मिलकर सामुदायिक सहभागिता को जल संचय का व्यापक अभियान बनाया। रायपुर नगर निगम द्वारा 33,082 कार्य और जिला प्रशासन द्वारा 36,282 कार्य किए गए हैं।
रायपुर :
राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा के विशेष सत्र में नई बिजली योजना की घोषणा की। अब प्रदेश के ऐसे घरेलू उपभोक्ताओं को जिनका 200 यूनिट तक विद्युत खपत है उन्हें 200 यूनिट तक हाफ बिजली का पूरा लाभ प्राप्त होगा। इस निर्णय से राज्य के 36 लाख घरेलू उपभोक्ता सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। 200 से 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को भी अगले 1 वर्ष तक 200 यूनिट तक हॉफ बिजली बिल का लाभ मिलेगा, इससे 6 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। इन उपभोक्ताओं को 1 वर्ष तक की छूट दी गई है ताकि इस अवधि में वे अपने घरों में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत सोलर प्लांट स्थापित करा सके। इस तरह 200 यूनिट तक हॉफ बिजली बिल योजना से प्रदेश के 45 लाख उपभोक्ताओं में से 42 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे, वहीं प्रधानमंत्री सूर्य घर मुक्त बिजली योजना का लाभ प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता हर उपभोक्ता को सस्ती, सुचारू और भरोसेमंद विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराना है। सोलर प्लांट स्थापना प्रक्रिया में समय लगने के कारण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 1 दिसंबर से नई योजना लागू की जा रही है, जिससे आम जनता के बिजली बिल में महत्वपूर्ण कमी आएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी बताया कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत राज्य शासन की ओर से सब्सिडी दी जा रही है। जिसके तहत 1 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट पर 15,000 रुपये तथा 2 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता के प्लांट पर 30,000 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। यह व्यवस्था राज्य में सौर ऊर्जा अपनाने को प्रोत्साहित करेगी और आने वाले समय में उपभोक्ताओं को हाफ बिजली से फ्री बिजली की ओर ले जाएगी।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह निर्णय न केवल जनता के बिजली बिल को कम करेगा बल्कि राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा।
रायपुर :
राज्य के सभी जिलों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का का सिलसिला बिना किसी व्यवधान के अनवरत रूप से जारी है। धान खरीदी शुरू हुए अभी चार दिन ही हुए है, इसके बावजूद भी राज्य के उपार्जन केंद्रों में धान की आवक तेजी से होने लगी है। सहकारी समिति के कर्मचारियों के हड़ताल के बावजूद भी पूरे राज्य में धान खरीदी अप्रभावित है। सभी समितियों एवं उपार्जन केंद्रों में धान लेकर आने वाले किसानों से बिना किसी रूकावट के धान खरीदी की जा रही है। आज 18 नवंबर को 4 लाख 56 हजार 859 क्विंटल धान की खरीदी किसानों से समर्थन मूल्य पर की गई। बीते 15 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी के तहत अब तक राज्य में कुल 7 लाख 28 हजार 4 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है, जिसमें 3 लाख 4 हजार 512 क्विंटल मोटा धान, 2 लाख 1 हजार 174 क्विंटल पतला तथा 2 लाख 22 हजार 317 क्विंटल सरना धान शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप राज्य के सभी 2739 धान उपार्जन केन्द्रों में किसानों की सुविधा हेतु पारदर्शी टोकन प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन, नमी मापक यंत्र, बारदाना एवं अन्य सुविधाएं सुनिश्चित की गई है, ताकि किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो। धान उपार्जन के समानांतर किसानों को भुगतान की व्यवस्था भी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सुनिश्चित की गई है। इस साल धान खरीदी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ को 26,200 करोड़ रूपए की बैंक गांरटी दी है, ताकि किसानों को समर्थन मूल्य के भुगतान में किसी भी तरह की दिक्कत न होने पाएं।
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के सभी 33 जिलों में धान खरीदी की शुरूआत हो चुकी है। 18 नवंबर की स्थिति में 1155 उपार्जन केन्द्रों में किसानों ने अपना धान बेचा है। बेमेतरा जिले में सर्वाधिक 97698.8 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है, जबकि राजनांदगांव जिले ने 92390.4 क्विंटल और रायपुर जिले ने 83299.2 क्विंटल धान का उपार्जन कर राज्य में धान खरीदी के मामले में क्रमशः दूसरे एवं तीसरे स्थान पर है। खाद्य विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 18 नवंबर तक बस्तर जिलें में 395.6 क्विंटल बीजापुर में 155.2 क्विंटल, दंतेवाड़ा में 6.4 क्विंटल, कांकेर में 754.8, कोण्डागांव में 5351.2, नारायणपुर में 7.2, सुकमा में 24.4, बिलासपुर में 4050.4, गौरेला-पेड्रा-मरवाही में 6668.4, जांजगीर चांपा में 67.6, कोरबा में 396.8, मुंगेली में 8806.8, रायगढ़ में 3949.6, सक्ती में 48, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 3922.8, बालोद में 70197.2, बेमेतरा में 97698.8, दुर्ग में 73033.6, कवर्धा में 22252.4, राजनांदगांव में 92390.4, खैरागढ़-छूईखदान-गंडई में 50926, मोहला-मानपुर-अंबागढ़-चौकी में 3214, बलौदाबाजार में 60551.2, धमतरी में 75660.8, गरियाबंद में 28674.4, महासमुंद में 23388.8, रायपुर में 83299.2, बलरामपुर में 1490.4, जशपुर में 248, कोरिया में 4200, सरगुजा में 645.2, सूजरपुर में 3415.2, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 1513.6 क्विंटल धान का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया गया। जिलों से मिली रही सूचना के अनुसार उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की चॉक-चौबंद व्यवस्था को लेकर किसान प्रसन्न है। उन्हें उपार्जन केन्द्र में धान बेचने के लिए न तो इंतजार करना पड़ रहा है, न ही धान तौलाई में किसी भी तरह की दिक्कत हो रही है।
रायपुर :
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत प्रदेश के किसानों को एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल 19 नवम्बर को देशभर के किसानों को पीएम सम्मान निधि योजना की 21 वीं किश्त की राशि ऑनलाईन जारी करेंगे। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 24 लाख 17 हजार 640 किसानों को उनके बैंक खातों में 494 करोड़ रूपये से अधिक की राशि अंतरित की जाएगी।
पीएम किसान सम्मान निधि के राज्यस्तरीय समारोह का आयोजन धमतरी में कल 19 नवम्बर को किया जा रहा है। इस समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय शामिल होंगे। यह कार्यक्रम धमतरी के डॉ.शोभाराम देवांगन शासकीय स्कूल परिसर में 12.30 बजे से आयोजित किया जाएगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत 100 से अधिक आबादी वाले 780 बसाहटों को जोड़ने हेतु प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना 4-क के तहत 2242 करोड़ रूपयों से अधिक लागत की लगभग 2442 किलोमीटर लंबी 774 सड़कों के निर्माण कार्य का शिलान्यास एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) योजना के अंतर्गत 17,357 स्वसहायता समूहों को चक्रीय निधि, सामुदायिक निवेश निधि, बैंक क्रेडिट लिंकेज निधि के 286 करोड़ रूपयों का वितरण करेंगे।
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान वॉटरशेड कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित प्रदेश स्तरीय वॉटरशेड महोत्सव का भी शुभारंभ करेंगे। इसके अतिरिक्त वे विभिन्न कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन एवं विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हितग्राहियों को सम्मानित भी करेंगे।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आज विधानसभा परिसर से प्रतिष्ठित एफआईएच जूनियर मेन्स हॉकी वर्ल्ड कप 2025 की ट्रॉफी का अनावरण किया। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री केदार कश्यप तथा उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि विश्व की प्रतिष्ठित एफआईएच जूनियर मेन्स हॉकी वर्ल्ड कप 2025 की चमचमाती ट्रॉफी पहली बार भारत टूर के तहत आज छत्तीसगढ़ पहुंची और विधानसभा परिसर में आयोजित गरिमामयी समारोह में इसका अनावरण किया गया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि भारत में एफआईएच जूनियर वर्ल्ड कप 2025 का आयोजन होना अत्यंत गर्व की बात है और इस ट्रॉफी का छत्तीसगढ़ आगमन राज्य के लिए विशेष सम्मान का अवसर है। उन्होंने हॉकी इंडिया के प्रति आभार जताते हुए कहा कि ट्रॉफी टूर देशभर में खेलों के प्रति उत्साह एवं प्रेरणा को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण प्रयास है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया द्वारा इस अभियान का शुभारंभ देश में खेल भावना को नई ऊर्जा प्रदान करने वाला कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ शुरू से ही हॉकी की उर्वर भूमि रहा है। राजनांदगांव, बस्तर, जशपुर, सरगुजा, रायपुर, बिलासपुर और कोरबा जैसे जिलों से बड़ी संख्या में बच्चे हॉकी खेल में अपना भविष्य संवार रहे हैं। ट्रॉफी का यहां आगमन राज्य के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायी होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेल अधोसंरचना के विस्तार, प्रशिक्षण सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण और उभरती प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री साय ने कहा कि यह ट्रॉफी दुनिया के श्रेष्ठ खिलाड़ियों की मेहनत, अनुशासन और सपनों का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हॉकी इंडिया, छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ और छत्तीसगढ़ हॉकी को बधाई और शुभकामनाएं भी दी।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने ट्रॉफी के भव्य अनावरण के लिए छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ और छत्तीसगढ़ हॉकी के पदाधिकारियों और खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव विक्रम सिसोदिया, संघ के अन्य पदाधिकारी, हॉकी संगठन के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में खिलाड़ी उपस्थित रहे।
’भारत पहली बार बनेगा जूनियर वर्ल्ड कप का मेजबान’
गौरतलब है कि एफआईएच हॉकी जूनियर मेन्स वर्ल्ड कप 2025 की मेजबानी भारत पहली बार कर रहा है। प्रतियोगिता 28 नवंबर से 10 दिसंबर तक चलेगी और तमिलनाडु के चेन्नई व मदुरै में आयोजित की जाएगी।