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  • कोहली ने विशाखापट्टन वनडे में 157 रन की पारी खेली थी
  • इस पारी में 150वां रन बनाने के दौरान उन्हें डाइव मारना पड़ा
  • कोहली ने उस मैच के दौरान वनडे क्रिकेट में अपने दस हजार रन भी पूरे किए थे

खेल डेस्क. वेस्टइंडीज के खिलाफ विशाखापट्टन में खेले गए दूसरे वनडे में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने 157 रन की पारी खेली। इस पारी के दौरान 150वां रन बनाने के दौरान क्रीज में पहुंचने के लिए उन्हें डाइव मारना पड़ा। इस पर कोहली ने कहा, "अगर मुझे एक ओवर में रन के लिए छह बार डाइव लगाना पड़े तो मैं टीम के लिए करूंगा। मैंने यह किसी के लिए नहीं किया। यह मेरा कर्तव्य है।"

रन बनाने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए: कोहली

  1.  

    कोहली ने डाइव मारने पर आगे कहा, "यह सिर्फ टीम के स्कोर में एक अतिरिक्त रन जोड़ने का प्रयास था। आपको रन बनाने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। मैं अब भी रन के लिए कड़ी मेहनत करूंगा।"

    कोहली

     

  2.  

    10 हजार वनडे रन पूरा करने पर कोहली ने कहा, "मैं इसके लिए सबका आभारी हूं। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि वनडे क्रिकेट में इस मुकाम तक पहुंच पाऊंगा। मैं वास्तव में भगवान का शुक्रिया करना चाहता हूं। 10 साल तक देश के लिए खेलना बड़ी बात है।"

    कोहली

     

  3.  

    कोहली ने 194 पारी में नौ हजार वनडे रन पूरे किए थे। इसके बाद 11 पारियों में ही 10 हजार के आंकड़े को भी छू लिया। इस पर उन्होंने कहा, "पिछली 11 पारियों में से आठ या नौ विदेशों में खेला। दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ खेलना मुश्किल था। मैंने रन बनाने की जिम्मेदारी उठाई और आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व किया।"

  • लैलूंगा क्षेत्र के राजपुर गांव में शरद पूर्णिमा पर मेला घूमने आई थी किशोरी
  • बहलाकर कार में बिठा ले गए थे पांच युवक, दो आरोपियों की तलाश जारी

जशपुर. पत्थलगांव में शरद पूर्णिमा के अवसर पर मेला घूमने आई एक किशोरी से पांच युवकों ने दुष्कर्म किया। आरोपियों ने किशोरी को बहलाकर कार में बिठा लिया और फिर सूनसान जगह ले जाकर दुष्कर्म किया। पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार को तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। बाकी दो आरोपियों की तलाश की जा रही है।

 जानकारी के मुताबिक, लैलूंगा थाना क्षेत्र के राजपुर गांव में शरद पूर्णिमा के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में दूर-दूर से भी लोग आते हैं। इसी मेले में तमनार क्षेत्र के भालूमंड़ा गांव की एक किशोरी भी अपने रिश्तेदारों के साथ पहुंची थी। वह फुलिकुंडा गांव में अपने एक रिश्तेदार के यहां रुकी हुई थी। 

 मेला घूमने के दौरान किशोरी को वहां पांच युवक मिल गए। आरोप है कि युवकों ने किशोरी को बहलाकर और झांसा देकर अपनी कार में बिठा लिया और फिर सूनसान जगह ले जाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। 

 किसी तरह से किशोरी अपने परिजनों के पास पहुंची और उन्हें सारी बात बताई। इसके बाद परिजनों ने रात में ही थाने पहुंचकर पुलिस में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार को तीन अारोपियों को हिरासत में ले लिया है। जबकि दो अन्य आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

  • भिलाई-3 में कांग्रेसियों की मीटिंग हुई जहां चर्चा हुई कि अगर बाहरी नेता को यहां से उम्मीदवार बनाया गया तो कोई भी काम नहीं करेंगे 

भिलाई. भाजपा के बाद अब कांग्रेस में प्रत्याशी चयन का विरोध शुरू हो गया है। हालांकि, अब तक कांग्रेस में प्रत्याशी तय नहीं हुए हैं, उससे पहले ही कांग्रेस में बवाल शुरू हो गया है। अहिवारा विधानसभा में गुरुवार को यह देखने को मिला। यहां 4 ब्लॉक अध्यक्ष, जामुल पालिका अध्यक्ष समेत 10 से अधिक कांग्रेसी पार्षद व 200 पदाधिकरियों ने इस्तीफे की पेशकश की है। वे स्थानीय प्रत्याशी की मांग कर बाहरी प्रत्याशी का विरोध कर रहे हैं। 

 

कार्यकर्ताओं का कहना है कि, अहिवारा में कांग्रेस बाहरी प्रत्याशी को टिकट दे रही है। यहां स्थानीय कार्यकर्ता को मौका देना चाहिए। तभी कांग्रेस जीतेगी। गुरुवार को भिलाई-3 में कांग्रेसियों की मीटिंग हुई। जहां चर्चा हुई कि अगर बाहरी नेता को यहां से उम्मीदवार बनाया गया तो कोई भी काम नहीं करेंगे। अहिवारा में आरंग के पूर्व विधायक रूद्रगुरू ने दावेदारी की है। इनके अलावा पूर्व जिलाध्यक्ष हेमंत बंजारे, निर्मल कोसरे, अशोक डोंगरे समेत अन्य ने दावेदारी की है। 

 

इन कांग्रेसियों ने पेशकश की है इस्तीफे की 

प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले निर्मल कोसरे और चरोदा निगम के नेता प्रतिपक्ष संतोष तिवारी ने बताया कि, पीसीसी चीफ भूपेश बघेल को इस्तीफा भेजने वालों में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मनोज मढरिया, अहिवारा ब्लॉक अध्यक्ष हीरा वर्मा, दुर्ग ग्रामीण के कार्यकारी अध्यक्ष रज्जाक खान, अहिवारा नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव, जामुल नगर पालिका अध्यक्ष सरोजनी चंद्राकर, जामुल ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष करीम खान, भिलाई चरोदा के नेता प्रतिपक्ष संतोष तिवारी, पार्षद मोहन साहू, पार्षद धर्मेंद्र कोसरे, पार्षद संतोषी निषाद, संतोष महानंद, पार्षद विमला बंछोर, पार्षद दीपा चंद्राकर, बहल साहू पार्षद, सूरज बंछोर पार्षद, राजकुमारी साहू समेत अन्य हैं। 

  • विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए आयोग ने देर रात जारी की अधिसूचना
  • दूसरे चरण में प्रदेश की 90 में से 72 सीटों के लिए होगा 20 नवंबर को मतदान

रायपुर. छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 18 सीटों के लिए शुक्रवार को नाम वापसी का अंतिम दिन है। वहीं दूसरे चरण के लिए भी सुबह 11 बजे से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसको लेकर चुनाव आयोग ने देर रात अधिसूचना जारी कर दी है। दूसरे चरण में प्रदेश की 90 में से 72 सीटों के लिए मतदान 20 नवंबर को मतदान होना है। 

 

दूसरे चरण की नामांकन प्रक्रिया 2 नवंबर तक चलेगी

 

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 2 नवंबर तक चलेगी। इस चरण में राज्य की कुल 90 में से 72 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होगा। 60 सीटों के लिए भाजपा ने प्रत्याशियों के नामों का एेलान कर दिया है, लेकिन कांग्रेस अब तक सूची फाइनल नहीं कर पाई है। भाजपा भी बाकी बची 12 सीटों को लेकर उलझन में है। वहीं जकांछ- बसपा गठबंधन भी कई सीटों पर अब तक अपने प्रत्याशी तय नहीं किया है। 

 

चुनाव कार्यक्रम

  • नामांकन की अंतिम तारीख 2 नवंबर 2018
  • नामांकन पत्रों की जांच 3 नवंबर 2018
  • नाम वापसी की अंतिम तारीख 5 नवंबर 2018
  • मतदान 20 नवंबर 2018
  • मतगणना 11 दिसंबर 2018

 

दूसरे चरण में

  • विधानसभा क्षेत्र 72
  • जिले 19
  • पुरुष मतदाता 7651938
  • महिला मतदाता 7627620
  • थर्ड जेंडर 970
  • कुल मतदाता 15366299
  • पोलिंग बूथ 19296

 

दूसरे चरण की 72 सीटों पर वर्तमान दलीय स्थिति

  • भाजपा 43
  • कांग्रेस 27
  • बसपा 1
  • निर्दलीय 1

पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया पूरी, 12 को मतदान

पहले चरण की 18 सीटों के लिए लिए भरे गए 421 नामांकन पत्रों में से 190  खारिज हो गए हैं। जांच के दौरान 231 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र ही वैध पाए गए। राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ विधानसभा में 19, डोंगरगढ़ में 11, राजनांदगांव में 40, डोंगरगांव में 14, खुज्जी में 18 और मोहला-मानपुर विधानसभा सीट में 10 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र सही घोषित किए गए हैं। 

 

कांकेर के अंतागढ़ विधानसभा में 14, भानुप्रतापपुर में 10 कांकेर विधानसभा में आठ,कोंडागांव के केशकाल विधानसभा में 9,कोंडागांव में 5,  नारायणपुर के नारायणपुर विधानसभा के लिए 8, बस्तर विधानसभा में 6,जगदलपुर में 25 और चित्रकोट विधानसभा में 10, दंतेवाड़ा विधानसभा के लिए 10, बीजापुर विधानसभा के लिए 8 व सुकमा के कोंटा विधानसभा के लिए 6 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सही पाए गए हैं।

 

पहले चरण की 18 सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग की 12 व राजनांदगांव जिले की छह सीटों के लिए 12 नवंबर को मतदान होगा।

  • गुरुवार को बसपा प्रदेश कार्यालय के सामने से अचानक गायब हो गए थे कटामी 

रायपुर. बसपा प्रदेश कार्यालय के सामने से अचानक गायब हुए कोंटा विधानसभा सीट के बसपा के प्रत्याशी शुक्रवार को सुबह सुकमा पहुंच गए हैं। कटामी ने आरोप लगाया है कि अमित जोगी ने किडनैपिंग कराई थी। कटामी के गायब होने पर राजेंद्र नगर थाने में अपहरण की मौखिक शिकायत की गई थी। 

 

गुरुवार को बसपा ने पहले चरण के अपने 6 उम्मीदवारों को रायपुर के राजेंद्र नगर स्थित प्रदेश कार्यालय में मीटिंग के लिए बुलाया था। इस मीटिंग में हिस्सा लेने कोंटा से बुधराम कटामी भी आए थे। अचानक बुधराम पार्टी कार्यालय के सामने से गायब हो गए। काफी देर तक उनका इंतजार किया गया। उनका फोन भी लगाया गया जो नॉट रिचबल आ रहा था। शाम हो गई, लेकिन कटामी का कोई पता नहीं चला। इधर कटामी के दूसरे पार्टी में जाने की अटकलें भी तेज होने लगीं। इसी बीच बसपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश बाचपेई ने पुलिस से अपहरण का अंदेशा जाहिर किया। एएसपी सिटी प्रफुल्ल ठाकुर ने बताया बुधराम के गायब होने की मौखिक शिकायत मिली है। जिसकी जांच की जा रही है। मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं। इधर शुक्रवार को कटामी खुद ही सुकमा पहुंच गए हैं। सुकमा पहुंचे कटामी से जब पूछा गया कि गुरुवार दोपहर से लेकर देर रात तक वो कहां थे, इसपर उन्होंने कुछ भी साफ नहीं किया। वे कुछ भी कहने से बचते रहे।

 

बैलेट पेपर में नाम नीचे कराने के लिए दिया शपथ पत्र

इधर सुकमा पहुंचते ही बुधराम कटामी ने प्रारूप 4 में अपना नाम क्रम नीचे कराने के लिए निर्वाचन अधिकारी को शपथ पत्र दिया है। कटामी का कहना है कि वे नाम वापस नहीं लेंगे। अल्फाबेट के हिसाब से कटामी का नाम प्रारूप 4 में सबसे ऊपर था। कटामी ने ऐसा क्यों कि इसपर काफी चर्चाएं तेज हो गई हैं। 

  • 1998 में इन्हीं सीटों पर फोकस कर कांग्रेस ने लगातार दूसरी बार बनाई थी सरकार
  • दो दिन में सात बैठकें व सभाएं, शहर के मध्य क्षेत्र में रोड शो और व्यापारियों से सीधा संवाद

 इंदौर . देश का दिल यानी मध्यप्रदेश जीतने के लिए कांग्रेस हरसंभव कोशिश कर रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार सत्ता हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही इंदौर-उज्जैन संभाग की 66 सीटों के साथ निमाड़ में अपना असर डालने दो दिन रहेंगे। राहुल के 29-30 अक्टूबर को होने वाले दौरे के लिए कांग्रेस ने प्लान भी उसी हिसाब से बनाया है।

 दो दिन में सात मीटिंग व सभाएं, इंदौर के मध्य क्षेत्र में रोड शो और व्यापारियों से सीधा संवाद होगा। 1998 में भी कांग्रेस ने इन्हीं सीटों पर फोकस कर प्रदेश में लगातार दूसरी बार अपनी सरकार बनाई थी। राहुल के इस दौरे के लिए दो महीने से तैयारियां चल रही थीं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का कहना है इस बार भाजपा की विदाई की इबारत मालवा-निमाड़ से ही लिखी जाएगी। मालवा-निमाड़ पर हमारा खास फोकस है। प्रदेश की जनता बदलाव चाहती है।

सीटों का हिसाब... 66 में से कम से कम 25 सीटें जीतने की कोशिश

  1.  

    इंदौर-उज्जैन संभाग में 66 सीटें हैं। इनमें से 9 सीटें कांग्रेस के पास हैं। भाजपा के इस अभेद्य गढ़ को भेदने के लिए राहुल की सभा, रोड शो और संवाद प्लान किया गया है। कांग्रेस चाहती है 66 सीटों में से कम से कम 25 सीटें उसकी झोली में आए। उज्जैन में महाकाल के दर्शन कर दो दिनी दौरे की शुरुआत होगी। इससे भगवा वोट बैंक पर असर डालना है। महू में डॉ. आंबेडकर के दर्शन कर दलित वोट बैंक को रिझाना है। धार में आदिवासियों के बीच जयस के असर को कम करना है।

     

  2. मालवा का सेंटर पॉइंट, इसलिए यहां रोड शो और संवाद दोनों करेगी पार्टी

     

    29 को राहुल गांधी उज्जैन से सीधे झाबुआ जाएंगे। वहां पर सभा करेंगे। अगले दिन यानी 30 अक्टूबर को वे धार जाएंगे। इस बार जयस भी मैदान में है। ऐसे में परंपरागत आदिवासी वोट बैंक पर पकड़ रखने के लिए एक दिन झाबुआ तो दूसरे दिन धार का दौरा रखा है। धार की सात सीटों में भी कांग्रेस को काफी संभावनाएं दिख रही हैं। पिछले चुनाव में सात में से दो सीटें ही कांग्रेस जीती थी। इंदौर मालवा का सेंटर पॉइंट है। रोड शो से विधानसभा क्षेत्र 1, 4 और 3 कवर होंगे। क्षेत्र 2 जो भाजपा का गढ़ है, वहां पर राहुल गांधी 30 अक्टूबर को व्यापारिक संवाद करेंगे।

     

  3. 1985 में अर्जुन सिंह, 1998 में दिग्विजय सिंह ने इन्हीं सीटों पर किया था फोकस, जीते भी थे

     

    1985 में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह और 1998 में दूसरी पारी में दिग्विजय सिंह ने इन सीटों पर फोकस किया था और जीत दर्ज की थी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष पं. कृपाशंकर शुक्ला ने कहा ये सीटें सत्ता के सफर में काफी महत्वपूर्ण हैं। शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के अनुसार रोड शो का रूट इस तरह से बनाया है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच से राहुल गांधी गुजर सकें। इंदौर में राहुल गांधी रात्रि विश्राम भी करेंगे। बरसों पहले राजीव गांधी ने रोड शो किया था, तब वे भी बड़ा गणपति से राजबाड़ा होकर गए थे।

  • सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और नंबर-2 अफसर राकेश अस्थाना के बीच रिश्वतखोरी मामले को लेकर विवाद
  • विवाद बढ़ा तो केंद्र ने सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा, नागेश्वर राव को अंतरिम चीफ बनाया
  • सरकार के इसी फैसले के खिलाफ वर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

नई दिल्ली. सीबीआई में रिश्वतखोरी विवाद के बाद जांच एजेंसी के प्रमुख आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने वर्मा से जुड़े मामले की जांच दो हफ्ते में पूरी करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक की अगुआई में यह जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) करेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि सीबीआई के अंतरिम चीफ नागेश्वर राव नीतिगत फैसले नहीं ले सकते। अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।

 

 

सीबीआई चीफ आलोक वर्मा ने उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने और नया अंतरिम चीफ नियुक्त किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान वर्मा की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील फली एस नरीमन ने कहा, ‘‘सीवीसी और केंद्र सरकार का आदेश किसी कानूनी अधिकार के तहत नहीं है।’’ इस पर तीन जजों की बेंच ने कहा- हम इसे देखेंगे। कोर्ट ने वर्मा और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के एनजीओ कॉमन काॅज की याचिकाओं पर केंद्र, सीवीसी और राकेश अस्थाना को नोटिस जारी किया।

 

अस्थाना ने भी लगाई याचिका : सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को इस मामले में अस्थाना ने भी याचिका दायर की। हालांकि, चीफ जस्टिस ने उनके वकील की दलीलें सुनने से इनकार करते हुए कहा- उनकी फाइल कोर्ट के सामने नहीं है।

 

सरकार ने माना- ताजा घटनाक्रमों के चलते सीबीआई की विश्वसनीयता कम हुई
शीर्ष अदालत के फैसले पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘‘सरकार किसी एक व्यक्ति के पक्ष या विपक्ष में नहीं है। हम सिर्फ सीबीआई की संस्थागत ईमानदारी और उसकी छवि बनाए रखना चाहते हैं। ताजा घटनाक्रमों के चलते सीबीआई की विश्वसनीयता कम हुई। सीवीसी ने निष्पक्षता बनाए रखने के लिए ही दो शीर्ष अफसरों को छुट्टी पर भेजने की सिफारिश की थी। दो हफ्ते में जांच का खत्म होना एक सकारात्मक पक्ष होगा। सुप्रीम कोर्ट ने हमारी बात को आगे बढ़ाया। उन्होंने पारदर्शिता का ख्याल रखा। हमारा देश यह कीमत नहीं दे सकता कि भ्रष्टाचार की जांच करने वाली एजेंसी खुद ही उसके घेरे में आ जाए।’’

 

सीबीआई ने दी थी सफाई : इससे पहले गुरुवार को सीबीआई ने इस मामले में सफाई दी। कहा- आलोक वर्मा अभी भी सीबीआई डायरेक्टर और राकेश अस्थाना स्पेशल डायरेक्टर हैं। इन अफसरों को हटाया नहीं गया है। इन्हें सिर्फ जांच से अलग करके छुट्टी पर भेजा गया है।

 

सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका में आलोक वर्मा की दलीलें

वर्मा ने अपनी याचिका में दलील दी कि उन्हें हटाना डीपीएसई एक्ट की धारा 4बी का उल्लंघन है। डायरेक्टर का कार्यकाल दो साल तय है। प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और सीजेआई की कमेटी ही डायरेक्टर को नियुक्त कर सकती है। वही हटा सकती है। इसलिए सरकार ने कानून से बाहर जाकर निर्णय लिया है। कोर्ट ने बार-बार कहा है कि सीबीआई को सरकार से अलग करना चाहिए। डीओपीटी का कंट्रोल एजेंसी के काम में बाधा है।

 

सरकारी दखल कहीं लिखित में नहीं मिलेगा। लेकिन, ये होता है। इसका सामना करने के लिए साहस की जरूरत होती है।

आलोक वर्मा, सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में

 

सरकार ने कहा- एजेंसी की छवि के लिए ऐसा करना जरूरी

सीबीआई विवाद में कार्रवाई को लेकर सरकार ने बुधवार को जवाब दिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा- सीबीआई की ऐतिहासिक छवि रही है और उसकी ईमानदारी को बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया था। सीवीसी की अनुशंसा पर एक एसआईटी पूरे मामले की जांच करेगी। केंद्र ने यह भी साफ किया अगर अधिकारी निर्दोष होंगे तो उनकी वापसी हो जाएगी।

 

माेइन कुरैशी के मामले की जांच से शुरू हुआ रिश्वतखोरी विवाद
सीबीआई में अस्थाना मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मामले की जांच कर रहे थे। इस जांच के दौरान हैदराबाद का सतीश बाबू सना भी घेरे में आया। एजेंसी 50 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन के मामले में उसके खिलाफ जांच कर रही थी। सना ने सीबीआई चीफ को भेजी शिकायत में कहा कि अस्थाना ने इस मामले में उसे क्लीन चिट देने के एवज में पांच करोड़ रुपए मांगे थे। हालांकि, 24 अगस्त को अस्थाना ने सीवीसी को पत्र लिखकर डायरेक्टर आलोक वर्मा पर सना से दो करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाया था। 

 

सीबीआई कैसे पहुंचा राफेल का मामला?
अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर में दावा किया गया है कि सीबीआई चीफ अालोक वर्मा जिन मामलों को देख रहे थे, उनमें सबसे संवेदनशील केस राफेल डील से जुड़ा था। दरअसल, 4 अक्टूबर को ही वर्मा को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण की तरफ से 132 पेज की एक शिकायत मिली थी। इसमें कहा गया था कि फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की सरकार की डील में गड़बड़ी हुई है। आरोप था कि हर एक प्लेन पर अनिल अंबानी की कंपनी को 35% कमीशन मिलने वाला है। दावा है कि आलोक वर्मा को जब हटाया गया, तब वे इस शिकायत के सत्यापन की प्रक्रिया देख रहे थे।

 

सीबीआई में दो बड़े अफसरों के बीच दो साल से टकराव जारी

 

  • 2016 में सीबीआई में नंबर दो अफसर रहे आरके दत्ता का तबादला गृह मंत्रालय में कर अस्थाना को लाया गया था। दत्ता भावी निदेशक माने जा रहे थे। लेकिन गुजरात कैडर के आईपीएस अफसर राकेश अस्थाना सीबीआई के अंतरिम चीफ बना दिए गए।
  • अस्थाना की नियुक्ति को वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। इसके बाद फरवरी में आलोक वर्मा को सीबीआई चीफ बनाया गया।
  • आलोक वर्मा ने अस्थाना को स्पेशल डायरेक्टर बनाने का विरोध कर दिया। उन्होंने कहा था कि अस्थाना पर कई आरोप हैं, वे सीबीआई में रहने लायक नहीं हैं।
  • वर्मा 1984 की आईपीएस बैच के अफसर हैं। अस्थाना 1979 की बैच के आईपीएस अफसर हैं।

 

सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन : आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस शुक्रवार को देशभर में विरोध-प्रदर्शन कर रही है। दिल्ली में भी सीबीआई मुख्यालय के सामने पार्टी के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा है। उधर, कांग्रेस के इस प्रदर्शन का तृणमूल कांग्रेस ने भी समर्थन किया है।

  • दिल्ली में दयाल सिंह कॉलेज से सीबीआई मुख्यालय तक राहुल के नेतृत्व में मार्च निकाला गया
  • राहुल ने बैरिकेड के ऊपर बैठकर प्रदर्शन किया

नई दिल्ली. रिश्वतखोरी विवाद के बाद सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के मोदी सरकार के फैसले के विरोध में कांग्रेस ने शुक्रवार को देशभर में प्रदर्शन किया। दिल्ली में प्रदर्शन की कमान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने संभाली। उनके नेतृत्व में दयाल सिंह कॉलेज से सीबीआई मुख्यालय तक मार्च निकाला गया। राहुल ने बैरिकेड पर चढ़कर धरना दिया। सीबीआई मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन के बाद राहुल ने गिरफ्तारी दी। इसके बाद वे लोधी रोड पुलिस स्टेशन गए। वहां से बाहर निकलने पर उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री भाग सकते हैं, लेकिन आखिर में सच सामने आएगा।

 राहुल का आरोप- वर्मा को छुट्टी पर भेजने के पीछे मोदी का हाथ

राहुल ने इससे पहले गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था- सीबीआई विवाद राफेल से जुड़ा हुआ है। सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ है। सीबीआई चीफ पर कार्रवाई इसलिए हुई, क्योंकि वे राफेल से जुड़े मामले की जांच शुरू करने वाले थे। उनके कमरे को सील किया गया और जो दस्तावेज उनके पास थे, वे ले लिए गए। राफेल से जुड़े सबूतों को मिटाने के लिए यह काम रात दो बजे किया गया। देश नरेंद्र मोदी को छोड़ेगा नहीं, विपक्ष भी उन्हें नहीं छोड़ेगा।

 सीबीआई कैसे पहुंचा राफेल का मामला?
अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर में दावा किया गया है कि सीबीआई चीफ अालोक वर्मा जिन मामलों को देख रहे थे, उनमें सबसे संवेदनशील केस राफेल डील से जुड़ा था। दरअसल, 4 अक्टूबर को ही वर्मा को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण की तरफ से 132 पेज की एक शिकायत मिली थी। इसमें कहा गया था कि फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की सरकार की डील में गड़बड़ी हुई है। आरोप था कि हर एक प्लेन पर अनिल अंबानी की कंपनी को 35% कमीशन मिलने वाला है। दावा है कि आलोक वर्मा को जब हटाया गया, तब वे इस शिकायत के सत्यापन की प्रक्रिया देख रहे थे।

 

माेइन कुरैशी के मामले की जांच से शुरू हुआ रिश्वतखोरी विवाद
सीबीआई में नंबर-2 अफसर राकेश अस्थाना मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मामले की जांच कर रहे थे। इस जांच के दौरान हैदराबाद का सतीश बाबू सना भी घेरे में आया। एजेंसी 50 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन के मामले में उसके खिलाफ जांच कर रही थी। सना ने सीबीआई चीफ को भेजी शिकायत में कहा कि अस्थाना ने इस मामले में उसे क्लीन चिट देने के लिए 5 करोड़ रुपए मांगे थे।

दुर्ग जिले की एक विधानसभा के प्रत्याशी ने इन दिनों अपना अघोषित कार्यालय एक पुलिस अफसर के घर शिफ्ट कर दिया है। यहीं...

दुर्ग जिले की एक विधानसभा के प्रत्याशी ने इन दिनों अपना अघोषित कार्यालय एक पुलिस अफसर के घर शिफ्ट कर दिया है। यहीं से तमाम चुनावी गतिविधियों का संचालन हो रहा है। दरअसल, यह अघोषित कार्यालय पुलिस अफसर का पैतृक आवास है। खबर है कि प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ बैठक, होने वाले खर्च और अन्य सारे कार्य यहीं से मैनेज किए रहे हैं। वजह यह कि प्रत्याशी के घर पर वैसे ही इस समय लोगों की आवाजाही बढ़ जाती है। विशेष रूप से मीडिया व निर्वाचन आयोग की नजर रहती है, इसलिए इसे अघोषित कार्यालय को बनाया गया। यहां प्रत्याशी के बेटे खुद पूरे समय डटे रहते हैं। इतना ही नहीं, जिन महाशय का यह घर है, प्रत्याशी उनके हिसाब से ही सब-कुछ कर रहे हैं। इसे लेकर भी कार्यकर्ताओं में खासी चर्चा है।
  • कोटा में महिला कांग्रेस के अधिवेशन में पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारा अच्छा दिया, लेकिन टाइम आया तब कुछ नहीं किया
  • आरएसएस को बताया महिला विरोधी

सीकर/कोटा. राजस्थान दौरे के दूसरे दिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सुबह कोटा में महिला कांग्रेस के अधिवेशन में पहुंचे। इस दौरान राजस्थान कांग्रेस की तमाम महिला कार्यकर्ता मौजूद रहीं। राहुल ने अपने संबोधन में भाजपा पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारा अच्छा दिया, लेकिन टाइम आया तब कुछ नहीं किया। इसके बाद राहुल गांधी दोपहर एक बजे जनसभा को संबोधित करेंगे।  

 

राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नारा दिया था बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ। अच्छा नारा है फिर जब उत्तर प्रदेश में भाजपा के एमएलए ने एक महिला का बलात्कार किया तो प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं बोला। यूपी के मुख्यमंत्री ने उसे बचाने की कोशिश की पीएम ने कुछ नहीं किया। नारा अच्छा दिया, लेकिन जब एक्शन लेने का टाइम आया तब कुछ नहीं किया।

 

आरएसएस और भाजपा पर भी बोले: कांग्रेस पार्टी और बीजेपी आरएसएस। लोग कहते हैं की कांग्रेस सेक्यूलर है और बीजेपी नहीं, लेकिन इस पार्टी के बीच सबसे बड़ा फर्क ये है की बीजेपी-आरएसएस के लोग कहते है कि महिलाओं को घर से नहीं निकलना चाहिए। आप आरएसएस की मीटिंग देख लीजिए कोई महिला नहीं दिखेगी। 

 

महिलाओं को 40 फीसदी आरक्षण की बात कही

 

राहुल गांधी ने कहा कि मैं कांग्रेस में बदलाव लाना चाहता हूं। आज मैने स्टेज से जिनके नाम लिए उनमें पुरषों की संख्या ज्यादा थी। मैं चाहता हूं की आने वाले सालों में इन नामों में महिलाओं की संख्या बढ़े। संगठन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं को अधिकार दिए जाएंगे। राहुल गांधी ने कहा कि आने वाले सालों में महिलाओं के लिए 40 फीसदी आरक्षण करेंगे।

 

सीकर में राहुल गांधी बोले- एक चौकीदार ने सभी चौकीदारों को बदनाम कर दिया: कोटा के बाद राहुल गांधी ने सीकर में हुई सभा में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री वसुधरा राजे पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि मुख्यमंत्री राजे ने 15 लाख रोजगार देने का वादा किया था। राहुन ने कहा कि 1965 के युद्ध से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक में पाकिस्तान की बोलती बंद करने वाले मिग व ध्रुव जैसे विमान व हैलिकाप्टर देश में ही बने थे। इन्हें हिंदुस्तान एयरोनोटिकल लिमेटेड बेंगलौर (एएचएल) ने ही बनाया था। मनमोहन सिंह जी जब प्रधानमंत्री थे जब 126 विमान खरीदने की बात हुई तो उन्होंने कहा कि विमान एचएल ही बनाएगा।

 

प्रधानमंत्री ने अपने मित्र अनिल अंबानी को राफेल के माध्यम से साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया। अनिल अंबानी ने न ध्रुव बनाया न मिग बनाया। 70 साल पुरानी कंपनी को दरकिनार कर कुछ दिन पुरानी अनिल अंबानी की कंपनी को कांट्रेक्ट देकर फायदा पहुंचाया। राहुल ने पूछा आप बताइये कि अनिल अंबानी ने कितने लोगों को रोजगार दिया।  

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