ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
रायपुर /छत्तीसगढ़ इंडस्ट्री डायलॉग-2 ने सोशल मीडिया पर अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की।राजधानी रायपुर में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान #CGBusinessEasy हैशटैग ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर पूरे दिन भारत में शीर्ष ट्रेंड्स में अपनी प्रमुख जगह बनाए रखी। यह ट्रेंड इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की नई पहल ने देशभर के उद्योग जगत और नागरिकों का ध्यान आकर्षित किया है।
सोशल मीडिया पर 6000 से अधिक पोस्ट किए गए, जिनमें बड़ी संख्या में उद्योगपतियों, निवेशकों और नीति-विशेषज्ञों ने वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 और ऑनलाइन भूमि आबंटन एवं प्रबंधन प्रणाली की सराहना की। यूजर्स ने इन पहलों को छत्तीसगढ़ को भारत का अगला निवेश और औद्योगिक हब बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया।
अनेक एक्स यूजर्स ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की नेतृत्व क्षमता को सराहते हुए लिखा कि छत्तीसगढ़ ने जो पारदर्शी और डिजिटल व्यवस्था लागू की है, वह अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल बन सकती है। कुछ पोस्ट्स में इस बात पर जोर दिया गया कि प्रदेश में रिकॉर्ड समय में निवेश स्वीकृति, भूमि आवंटन और सब्सिडी वितरण जैसे कार्य अब एक क्लिक में पूरे होंगे, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
ट्रेंड में भाग लेने वालों ने छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति को प्रगतिशील और दूरदर्शी बताया। कई यूजर्स ने यह भी लिखा कि राज्य सरकार की लॉजिस्टिक नीति, जन विश्वास विधेयक और बस्तर व सरगुजा जैसे क्षेत्रों के विकास संबंधी घोषणाओं ने छत्तीसगढ़ को पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया। यह ट्रेंड छत्तीसगढ़ के प्रति बढ़ती निवेशक रुचि और सकारात्मक भावना का प्रमाण है। सोशल मीडिया पर हुए जबरदस्त रिस्पॉन्स से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ अब तेजी से निवेशकों की पहली पसंद बनने की ओर अग्रसर है।
रायपुर /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज मंत्रालय महानदी भवन में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका आत्मीय स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर राज्य शासन द्वारा सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों, वृद्धजनों तथा दिव्यांगजनों के लिए संचालित योजनाओं के संबंध में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के प्रति राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी।
केंद्रीय राज्यमंत्री श्री अठावले ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार केंद्र की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार समन्वय के साथ समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य करती रहेंगी। इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।
भारत का नया ग्रोथ इंजन बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है छत्तीसगढ़ - मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
1 लाख 23 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त : 20 हजार से अधिक युवाओं को मिलेगा रोजगार
लॉजिस्टिक नीति एवं जन विश्वास विधेयक से छत्तीसगढ़ में विकास को मिलेगी नई गति
रायपुर 1 जुलाई 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ इंडस्ट्री डायलॉग-2 के शुभारम्भ अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अब केवल कोर सेक्टर तक सीमित नहीं, बल्कि सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फार्मा, डिफेंस, एयरोस्पेस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे अत्याधुनिक उद्योगों का राष्ट्रीय केंद्र बनने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति रोजगार और आर्थिक समृद्धि पर केंद्रित है। हम अपने राज्य को नक्सल प्रभावित अतीत से बाहर निकालकर देश का सबसे गतिशील औद्योगिक और तकनीकी हब बना रहे हैं। यह प्रदेश अब निवेश का सबसे आकर्षक गंतव्य बन चुका है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि एक दिन पूर्व ही आयोजित केबिनेट की बैठक में हमने छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया है। यह नीति छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति देश की कनेक्टिविटी का केंद्र बिंदु है। यह नीति लॉजिस्टिक सेक्टर और ई-कॉमर्स में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करेगी, निर्यात अधोसंरचना को मजबूत करेगी और सस्ती भंडारण सुविधाओं का विस्तार करेगी। लॉजिस्टिक नीति से राज्य में ड्राई पोर्ट, इनलैंड कंटेनर डिपो की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा, उद्योग, व्यापार और किसानों को आधुनिक, सस्ती भंडारण और वितरण सुविधा प्राप्त होगी, लॉजिस्टिक लागत में कमी के माध्यम से व्यापार और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जन विश्वास विधेयक से व्यवसाय और नागरिक जीवन में अनावश्यक जटिलताएं दूर होंगी। कुछ कानूनों के प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण करने से व्यवसायियों को बेवजह न्यायालयीन प्रकरणों में फंसने से राहत मिलेगी और न्यायिक खर्च में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से व्यापार व जीवनयापन में सहजता सुनिश्चित की जाएगी। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार का प्रयास है कि निवेशकों, उद्योगपतियों और नागरिकों के लिए ऐसा परिवेश बने जिसमें न्यूनतम बाधाएं हों और विकास के हर क्षेत्र में अधिकतम संभावनाएं खुलें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षों में 350 से अधिक संरचनात्मक सुधार लागू किए गए हैं, जिनसे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और स्पीड ऑफ डूइंग बिजनेस में अभूतपूर्व सुधार हुआ। प्रदेश में निवेश का वातावरण इतना सशक्त हुआ कि सिर्फ छह महीनों में साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जो छत्तीसगढ़ के औद्योगिक इतिहास में रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु में आयोजित इंवेस्टर्स समिट से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने भारी उत्साह दिखाया। दिल्ली समिट में 15,184 करोड़ रूपए, मुंबई में 6,000 करोड़ रूपए और बेंगलुरु में ऊर्जा क्षेत्र में वृहद निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। छत्तीसगढ़ ने वित्तीय वर्ष 2025 में 1,63,749 करोड़ रूपए का निवेश आकर्षित किया, जो भारत के कुल निवेश का 3.71 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि पॉलीमैटेक कंपनी को सेमीकंडक्टर निवेश के लिए मात्र तीन महीनों में ज़मीन आवंटित कर एनओसी जारी की गई और अब कंपनी ने 1,143 करोड़ रूपए के प्रोजेक्ट पर कार्य आरंभ कर दिया है, जहां प्रतिवर्ष 10 अरब चिप उत्पादन का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य नवा रायपुर को सिलिकॉन वैली ऑफ छत्तीसगढ़’ के रूप में स्थापित करना है। निवेशकों की सुविधा के लिए सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 विकसित किया गया है। यह प्रणाली ऑनलाइन आवेदन, विभागीय अनुमोदन और सब्सिडी वितरण को एकीकृत करती है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी व्यवस्था इतनी पारदर्शी और तेज़ है कि उद्योग स्थापना की सभी स्वीकृतियां एक क्लिक में प्राप्त हो सकेंगी।
रेशम और हस्तशिल्प को मिलेगा नया बाजार, ऑनलाइन बिक्री और निर्यात पर होगा फोकस
ग्रामोद्योग में रोजगार की असीम संभावनाएं, मुख्यमंत्री ने दिए ठोस रणनीति तैयार करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने की ग्रामोद्योग विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा
मुख्यमंत्री का निर्देश – समय पर हो यूनिटी मॉल का निर्माण, गुणवत्तापूर्ण ब्रांडिंग पर फोकस
रायपुर /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि पारंपरिक रूप से बुनाई, कढ़ाई, हस्तशिल्प और माटी कला से जुड़े कारीगरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए विशेष रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी इस कार्य में लगे लोगों की आजीविका को पुनर्जीवित करना और उनकी आय बढ़ाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में ग्रामोद्योग विभाग के कार्यों और गतिविधियों की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान राज्य में रेशम, हस्तशिल्प, खादी, हथकरघा और माटीकला से जुड़े पारंपरिक कारीगरों, बुनकरों और उत्पादों को प्रोत्साहन देने तथा उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने बैठक में ग्रामोद्योग विभाग के अंतर्गत शामिल सभी घटकों से जुड़ी आधारभूत जानकारी ली और कहा कि इन क्षेत्रों में रोजगार की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, आधुनिक तकनीक और विपणन के लिए ठोस एवं समन्वित कार्ययोजना तैयार की जाए, ताकि स्थायी रूप से रोजगार के अवसरों का सृजन हो सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रेशम उत्पादन, कोसा वस्त्र निर्माण और हथकरघा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की परंपरा और दक्षता को नई ऊंचाई देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में संचालित भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से कुशल कारीगरों की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने संस्थान के सुचारु संचालन की दिशा में भी ठोस कदम उठाने की बात कही। श्री साय ने कहा कि विभाग द्वारा प्रशिक्षण के लिए जो राशि आबंटित की जाती है, उसका पूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जाए, ताकि कारीगरों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण मिल सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पारंपरिक शिल्प और बुनाई से जुड़े अत्यंत कुशल कारीगर मौजूद हैं, जो पीढ़ियों से बेहद सुंदर और आकर्षक कलाकृतियां एवं उत्पाद तैयार करते आ रहे हैं। ये हस्तनिर्मित वस्तुएं लोगों को काफी पसंद आती हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देश दिए कि इन उत्पादों को राज्य और देश के बड़े बाजारों तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिक्री और निर्यात की संभावनाओं को सक्रिय रूप से तलाशने के लिए विशेषज्ञों की मदद लेने की बात भी उन्होंने कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिटी मॉल का निर्माण समय पर और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण किया जाए, ताकि राज्य के उत्पादों को विशेष स्थान और ब्रांडिंग मिल सके तथा छत्तीसगढ़ की पारंपरिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से प्रस्तुत किया जा सके। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाएं। इस क्षेत्र में नई तकनीकों का उपयोग कर उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में सुधार लाया जाए, ताकि रेशम उद्योग को मजबूती मिले और अधिक से अधिक लोगों को इससे रोजगार उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि हम अपने पारंपरिक कारीगरों और बुनकरों की कला को सम्मान देकर ही उनके जीवन को समृद्ध बना सकते हैं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, सचिव ग्रामोद्योग श्री श्याम धावड़े, प्रबंध संचालक हस्तशिल्प एवं माटीकला बोर्ड श्री जे.पी. मौर्य सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने खाद की उपलब्धता को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
रायपुर 01 जुलाई 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आगामी खरीफ सीजन को देखते हुए खाद और बीज की उपलब्धता को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों को सतत रूप से खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से डीएपी के स्थान पर एनपीके खाद के उपयोग को प्रोत्साहित करने की बात कही और किसानों को इसके लाभ से अवगत कराने को कहा। श्री साय ने कलेक्टरों के माध्यम से जिलेवार सहकारी समितियों में खाद की उपलब्धता और वितरण की निगरानी और सतत समीक्षा करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि खेती-किसानी का यह समय किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि इस समय खाद-बीज की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की बाधा आती है, तो इसका सीधा असर फसलों की बुआई और उत्पादन पर पड़ेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को समय पर और उचित दर पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि समितियों में एनपीके खाद की व्यवस्था भी की जा रही है, किसानों को इसे उपलब्ध कराने की दिशा में तत्काल कदम उठाएं। उन्होंने अमानक और नकली खाद की बिक्री पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि ऐसे मामलों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, संचालक कृषि श्री राहुल देव सहित मार्कफेड के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
श्योपुर। श्योपुर जिले में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें सैकड़ों लोग अपनी बाइकें रेलवे ट्रैक पर चलते हुए नजर आ रहे हैं। यह मामला चंबल नदी के ऊपर बने रेलवे ट्रैक का है, जहां लोगों ने अपनी बाइकें निकालकर जोखिम भरा सफर तय किया। बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर यह घटना हुई, वहां सड़क मार्ग बेहद खराब स्थिति में है। लोगों के पास कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं है, जिस कारण लोगों को मजबूरीवश रेल पटरी का सहारा लेना पड़ा।
वायरल वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि लोग पुल के ऊपर बाइकें चला रहे हैं। यह वीडियो श्येापुर-माधोपुर हाइवे में सलापुरा पुलिया के आसपास का बताया जा रहा है। ऐसी स्थिति में जरा सी चूक भी बड़े हादसे को जन्म दे सकती थी। गनीमत रही कि इस दौरान कोई ट्रेन नहीं आई, वरना बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल से होकर निकलना उनकी मजबूरी है, क्योंकि सड़क मार्ग जर्जर है और पुल पार करने का कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं है।
अब सवाल यह उठता है कि ऐसी स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है? रेलवे ट्रैक केवल ट्रेनों के आवागमन के लिए होता है। आम लोगों और वाहनों की आवाजाही न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह जानलेवा भी है। लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द वैकल्पिक सड़क मार्ग बनाया जाए या पुराने रास्ते की मरम्मत की जाए, ताकि उन्हें ऐसे खतरनाक रास्तों का सहारा न लेना पड़े। वहीं, प्रशासनिक अमला और रेलवे विभाग अब तक इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। यदि कोई हादसा होता, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता- इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।
मंदसौर: मंदसौर के किला रोड इलाके में 9 साल पहले अबोध बच्ची के साथ हुए गैंगरेप के मामले में लंबी जिरह के बाद न्यायालय ने अब दोनों आरोपियों की फांसी की सजा टालते हुए जन्म कारावास की सजा सुनाई है. 26 जून 2018 को आरोपी इरफान मेवाती और उसके साथी आसिफ मेवाती ने 7 साल की छात्रा के स्कूल से लौटते वक्त गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था. इस मामले में स्थानीय कोर्ट ने दो महीने के भीतर ही फैसला देते हुए 31 अगस्त 2018 को दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी.
आरोपियों ने फांसी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी
हालांकि यह मामला हाई कोर्ट में भी चला और हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी. लेकिन आरोपी पक्ष ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने डीएनए एक्सपर्ट के बयान और मामले की पुनरीक्षण सुनवाई के लिए वापस स्थानीय कोर्ट को भेज दिया था. अब इस मामले में भोपाल डीएनए लैब के तकनीकी अधिकारियों के बयान भी हुए हैं.
लंबी जिरह के बाद पोक्सो एक्ट की फास्ट ट्रैक कोर्ट की जज श्रीमती शिल्पा तिवारी ने सोमवार को मामले में दोनों आरोपियों की फांसी को आजीवन कारावास में बदल दिया. मामले में अधिवक्ता आसिफ मंसूरी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के बाद जिला कोर्ट में मामले की दोबारा सुनवाई की गई. कोर्ट ने डीएनए एक्सपर्ट के बयान और जेल रिकॉर्ड के मुताबिक दोनों आरोपियों की फांसी की सजा की बजाय आजन्म कारावास की सजा सुनाई है.
मामले की पुन जांच के बाद इसकी अग्रिम अपील की कार्रवाई करेगी सरकार
मामले में तत्कालीन एसपी मंदसौर और वर्तमान रतलाम डीआईजी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि फैसले की आज ही जानकारी मिली है. कोर्ट ने इस मामले में दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामले की पुन जांच के बाद इसकी अग्रिम अपील की कार्रवाई की जाएगी.
भोपाल : मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) की मंत्री संपतिया उईके पर 1000 करोड़ रुपए कमीशन लेने का आरोप लगा है. यह आरोप संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक किशोर समरीते ने लगाए हैं. उन्होंने पीएमओ में शिकायत की थी.
पीएमओ से जांच के आदेश के बाद पीएचई विभाग ने अपने ही विभाग की मंत्री संपतिया उईके के खिलाफ जांच बैठा दी और जांच के आदेश के बाद पीएचई के प्रमुख अभियंता ने मामले को निराधार भी बता दिया. इधर इस मामले में इस मामले में मंत्री संपतिया उइके की प्रतिक्रिया सामने आई है.
प्रमुख अभियंता ने दिए जांच के आदेश
प्रमुख अभियंता (ईएनसी) संजय अंधवान ने इस मामले में प्रधानमंत्री से की गई शिकायत और केंद्र की ओर से मांगी गई रिपोर्ट के बाद जांच के आदेश दिए हैं. प्रमुख अभियंता कार्यालय ने प्रदेश के सभी मुख्य अभियंता पीएचई और परियोजना निदेशक मप्र जल निगम को इस मामले में चिट्ठी लिखकर 7 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है.
निर्देश में कहा गया कि राज्य के जल जीवन मिशन को भारत सरकार से मिले 30 हजार करोड़ के खर्च की जांच की जाए. इसके अलावा मंडला के कार्यपालन यंत्री की संपत्तियों की जांच के निर्देश दिए गए हैं.
रायपुर : राज्यपाल रमेन डेका से आज यहां राजभवन में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने सौजन्य भेंट की।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में केन्द्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री श्री सतीश चन्द्र दुबे ने सौजन्य भेंट की। इस दौरान राज्य में कोयला खनन एवं उत्पादन से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। बैठक में राज्य में कोयला उत्पादन, खनन कार्यों की प्रगति, श्रमिकों से जुड़ी सुविधाओं एवं विकास कार्यों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में कोयला एवं ऊर्जा क्षेत्र में विकास की संभावनाओं को साकार करने में सहायता मिलेगी। श्री साय ने इस दौरान सीएसआर मद की राशि का उपयोग अधिक से अधिक जनकल्याणकारी कार्यों में करने के संबंध में विशेष रूप से चर्चा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, एसईसीएल के मुख्य महाप्रबंधक श्री हरीश दुहन सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की घोषणा के फलस्वरूप पत्थलगांव में ऑडिटोरियम निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग से 4 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। कुछ दिन पूर्व ही नगर पालिका जशपुर के वार्ड क्रमांक 16 में ऑडिटोरियम निर्माण हेतु 6 करोड़ 76 लाख 55 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी।
ऑडिटोरियम निर्माण होने से आम लोगों को सांस्कृतिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों के लिए एक सुव्यवस्थित मंच प्राप्त होगा। यहाँ विभिन्न प्रकार के आयोजन जैसे नाटक, संगोष्ठी, सेमिनार, प्रशिक्षण कार्यक्रम, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ एवं सरकारी कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया जा सकेगा। इससे प्रतिभाओं को अपनी कला और विचारों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा तथा स्थानीय स्तर पर रचनात्मकता को प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश में जन सुविधा आधारित अधोसंरचना विकास को नई गति मिल रही है। मुख्यमंत्री की पहल पर किसानों, विद्यार्थियों, व्यापारियों, महिलाओं और आम नागरिकों की आवश्यकताओं को केंद्र में रखते हुए विभिन्न विकास कार्यों को निरंतर स्वीकृति मिल रही है और योजनाएं भी तेजी से क्रियान्वित हो रही है।
रायपुर :मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन के सेक्रेटरी ब्लॉक के पंचम तल पर निर्मित नवीन सभागार का लोकार्पण किया। 13.90 करोड़ रुपये की कुल लागत से निर्मित यह भव्य सभागार सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। 6450 वर्गफुट क्षेत्र में बने इस कॉन्फ्रेंस हॉल की बैठक क्षमता 185 सीटों की है। सभागार आंतरिक विद्युतीकरण, अग्निशमन व्यवस्था, वातानुकूलन, ऑडियो-विजुअल प्रणाली, आंतरिक साज-सज्जा तथा फर्नीचर सहित सभी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव एवं श्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा सहित मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मुकेश बंसल, श्री पी. दयानंद, डॉ. बसवराजू एस., श्री राहुल भगत, सचिव श्री रजत कुमार, श्री अंकित आनंद, श्री अविनाश चम्पावत तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में बौद्धिक भ्रमण पर आए सुकमा जिले के युवाओं से मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं से उनका हाल-चाल जाना और राजधानी रायपुर में उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि वे खूब पढ़ें और आगे बढ़ें। छत्तीसगढ़ सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री से मिलकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के चेहरे खिल उठे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सुकमा जिले के युवाओं से आत्मीय चर्चा की। उन्होंने कहा कि नक्सली विकास विरोधी हैं। वे नहीं चाहते कि बस्तर के लोगों को पानी, बिजली, सड़क और विद्यालय जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलें। सरकार की प्राथमिकता बस्तर का विकास है। बहुत जल्द बस्तर से नक्सलवाद खत्म होगा।
मुख्यमंत्री ने बड़े प्रेम से प्रदेश के सुदूर क्षेत्र से आये इन युवाओं से बातचीत की और उनके बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने युवाओं से पूछा कि उन्हें रायपुर आकर कैसा लग रहा है ? जिसके जवाब में युवाओं ने बताया कि उनके दल के अधिकतर युवा पहली बार राजधानी रायपुर आये हैं। अधिकांश ने इस भ्रमण के दौरान पहली बार जगदलपुर को देखा। पहली बार अपने गांव से रायपुर आकर बहुत अच्छा लग रहा है। नई-नई चीजें देखने को मिल रही हैं। आज उन्हें मंत्रालय को देखने और यहां की कार्यप्रणाली समझने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से यह अनुभव आपके लिए लाभदायक रहेगा। इस भ्रमण का पूरा लाभ उठाएं और स्वयं को समृद्ध करें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सुकमा के युवाओं से विशेष रुप से उनकी शिक्षा के विषय में चर्चा की। विभिन्न आयुवर्ग के युवाओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे दसवीं, बारहवीं सहित कॉलेज तक में पढ़ रहे हैं। सहज सरल मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से युवाओं ने खुलकर संवाद किया। इस दौरान एक छात्र ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह बीएससी के सेकेंड ईयर में पढ़ रहा है, वहीं एक छात्र ने स्वयं खड़े होकर मुख्यमंत्री को बताया कि वह भी बीए फाइनल का विद्यार्थी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं की पढ़ाई के प्रति रुचि की सराहना की और इसी तरह पढ़ लिख कर आगे बढ़ने के लिए उनका हौसला बढ़ाया।
उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत नियद नेल्लानार कार्यक्रम के तहत बस्तर संभाग के युवाओं का बौद्धिक भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में सुकमा जिले के 95 युवाओं को 2 दिवसीय भ्रमण पर राजधानी रायपुर आये हैं। इस दल में 77 बालक और 18 बालिकाएं शामिल हैं।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रों के सर्वांगीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इसी क्रम में बिलासपुर शहर को एक आधुनिक एजुकेशनल हब के रूप में विकसित करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के दिशानिर्देश पर बिलासपुर में एजुकेशनल सिटी की अवधारणा विकसित की गई है। इस परियोजना के लिए बिलासपुर नगर पालिक निगम की लगभग 13 एकड़ भूमि का उपयोग प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि बिलासपुर एजुकेशनल सिटी में नालंदा परिसर की स्थापना की जाएगी, जहां 500 छात्र-छात्राएं एक साथ बैठकर फिजिकल एवं डिजिटल लाइब्रेरी का लाभ ले सकेंगे। इसके साथ ही तीन बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें कुल 48 हॉल सेटअप ( 1 सेटअप में 1 हॉल, 2 कक्ष और 1 टॉयलेट) तैयार किए जाएंगे। इस व्यवस्था में एक साथ 4,800 विद्यार्थियों के कोचिंग क्लास अटेंड करने की सुविधा रहेगी।
छात्रों के शैक्षणिक एवं व्यक्तित्व विकास के लिए 700 सीटों वाले आधुनिक ऑडिटोरियम का निर्माण भी किया जाएगा। वहीं, बाहर से आने वाले लगभग 1000 विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल फैसिलिटी भी निर्मित की जाएगी।
खेलकूद और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एजुकेशनल सिटी में एस्ट्रोटर्फ खेल मैदान तथा सुंदर गार्डन भी विकसित किए जाएंगे। साथ ही, वाहनों के लिए मल्टी लेवल पार्किंग की व्यवस्था होगी ताकि आने-जाने में कोई असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना की अनुमानित लागत करीब 100 करोड़ रुपये होगी और इसके निर्माण कार्य की कार्य योजना नगर पालिक निगम बिलासपुर द्वारा तैयार कर ली गई है। शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ होगा, जिससे बिलासपुर एजुकेशनल सिटी प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में नई मिसाल कायम करेगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य गठन के पश्चात बिलासपुर शहर ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। बिलासपुर में एसईसीएल का मुख्यालय और रेलवे का डीआरएम कार्यालय भी स्थित है, जिससे यह शहर न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है। यहां एक केंद्रीय विश्वविद्यालय, दो विश्वविद्यालय, आठ महाविद्यालय, लोक सेवा आयोग, व्यापम और आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले करीब 100 से अधिक कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें प्रदेश के 50,000 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।