ईश्वर दुबे
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Bhilai
देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई को संसद में नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बजट में सरकार के आगामी पांच सालों का विजन साफ दिखा। इस बजट में उच्च आय वर्ग के लोगों पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ लगाया गया तो वहीं आयकर नियमों में कई बड़े बदलाव किए गए। हालांकि मध्यम आय वर्ग के लोगों को इस बजट से थोड़ी निराशा हाथ लग सकती है, क्योंकि इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस बजट में प्रधानमंत्री के डिजिटल और न्यू इंडिया के सपने पर फोकस किया गया है। आइए जानते हैं कि इस बजट में इनकम टैक्स समेत अन्य क्षेत्रों में क्या बड़े बदलाव हुए हैं। साथ ही आम जनता को किस तरह से राहत दी गई है।
नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट के महत्वपूर्ण बिंदू-
- पिछले पांच सालों में प्रत्यक्ष कर संग्रह 6 लाख करोड़ से बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये हो गया।
- 400 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स दर 25 प्रतिशत कर दी गई है। पहले यह दर 250 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली कंपनियों पर ही लागू थी। देश की करीब 99 फीसदी कंपनियों का टर्नओवर 400 करोड़ रुपये से कम हैं और उन्हें इसका फायदा मिलेगा।
- इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए लिए गए कर्ज के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स छूट मिलेगी।
- स्टार्टअप कंपनियों के मूल्यांकन नियमों को आसान बनाया गया है और स्क्रूटनी प्रक्रिया को भी उदार किया गया है।
- 45 लाख रुपये तक के अफोर्डेबल हाउसिंग लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स छूट दी गई है। वर्तमान में इस तरह के लोन के ब्याज पर 2 लाख रुपये की टैक्स छूट पहले से मिल रही है।
- नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों को भी अब बैंकों की तरह एनपीए (नॉन परफ़ॉर्मिंग असेट) के तहत डूबे पैसों का भुगतान किया जाएगा।
- विदेशों में स्थित बैंक शाखाओं और अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (IFSC) को इनकम टैक्स के सेक्शन 80LA के तहत आयकर में छूट दी जाएगी।
- पैन कार्ड की जगह आधार कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान आयकर दाता के पास यदि पैन नहीं है तो वह आधार के जरिए आईटीआर फाइल कर सकेगा।
- जिन आयकरदाताओं की सैलेरी, कैपिटल गेन और अन्य स्रोतों से आय है, उन्हें पूर्व में जमा किए गए टैक्स पर रिटर्न मिलेगा।
- सरकार द्वारा इस वित्त वर्ष में ई-स्क्रूटनी शुरू की जाएगी। जिसमें असेसिंग ऑफिसर की पहचान को गुप्त रखा जाएगा।
- डिजिटल भुगतान और नकद रहित लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए बैंक अकाउंट से 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी पर 2 प्रतिशत टीडीएस लगेगा।