ईश्वर दुबे
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Bhilai
न्यूर्याक । अमेरिका की मॉडर्ना कंपनी का दावा है कि उसका कोरोना वायरस की वैक्सीन का पहला ह्यूमन ट्रायल सफल हुआ है। इसकी वैक्सीन के जरिए शरीर में एंटीबॉडीज बन रही हैं, जो वायरस के हमले को काफी कमजोर बना देती हैं। हालांकि ये पहला ट्रायल छोटे से ग्रुप पर किया गया है लेकिन डर के इस माहौल में ये पहली बड़ी खबर मानी जा रही है। इस वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग स्टेज में हो रहा है जिसके तहत देखा जा रहा है कि दवा का शरीर पर कैसा असर होता है और इसमें कितना वक्त लगता है। साथ ही वैक्सीन के साइड इफेक्ट पर भी ध्यान दिया जा रहा है। सिएटल में 45 स्वस्थ लोगों पर हुए परीक्षण के दौरान उन्हें वैक्सीन के 2 कम मात्रा वाले शॉट्स दिए गए। इस दौरान उनके शरीर में कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडीज दिखाई दीं। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के सीईओ स्टीफन बेंसल ने बताया कि एंटीबॉडी का बनना एक अच्छा लक्षण है जो वायरस को बढ़ने से रोक सकता है। बता दें कि मॉडर्ना कंपनी जनवरी में चीन के विशेषज्ञों द्वारा कोरोना वायरस का जीनोम सीक्वेंस अलग करने के बाद से ही इस वैक्सीन पर काम कर रही है। किसी भी वैक्सीन की तरह इसके भी मामूली दुष्परिणाम फिलहाल दिखे हैं। जैसे एक व्यक्ति जिसे वैक्सीन का बड़ा डोज दिया गया था, उसमें बुखार, मांसपेशियों में तेज दर्द जैसे लक्षण दिखे। वहीं एक व्यक्ति, जिसे मिडिल डोज मिला था। उसके शरीर में जहां इंजेक्शन लगा था, उसके आसपास की त्वचा लाल हो गईय़इसके अलावा ज्यादातर में बुखार, उल्टियां, मसल पेन, सिरदर्द जैसे साइड इफेक्ट दिखे लेकिन ये सारे लक्षण एक दिन में ठीक हो गए। बता दें कि कोरोना वायरस का प्रकोप दुनिया के लिए मुसीबत बना हुआ है। बढ़ते संक्रमण मामलो के बीच कई देशों के एक्सपर्ट टीके की तलाश में हैं लेकिन इसमें अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है।