ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
रायपुर . राज्य में पिछले एक महीने से हो रही अघोषित बिजली कटौती को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिजली कंपनी को जांच कर रिपोर्ट देने कहा है। मुख्यमंत्री को आशंका है कि मध्यप्रदेश की तरह यहां भी चुनाव में कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए अधिकारी-कर्मचारी भाजपा के साथ सांठगांठ कर बिजली कटौती की साजिश कर रहे हैं। इस वजह से ‘बिजली बिल हाफ’ योजना का असर कमतर हो रहा है। इस पर बिजली कंपनी के चेयरमैन डाॅ. शैलेंद्र शुक्ला ने अपने सभी सीई से फीडरवाइज बीते 15 दिनों में हुई कटौती की जानकारी मांगी है। यदि मेंटेनेंस या आंधी तूफान के अलावा कटौती के मामले सामने आए तो दोषी स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि प्रदेश के अधिकांश फीडर आउटसोर्स स्टाफ के भरोसे संचालित हो रहे हैं। यह आउटसोर्सिंग भाजपा शासनकाल में की गई थी।
भाजपा चुनावी सभाओं में बिजली कटौती को मुद्दा बनाए हुए है। कटौती से ग्रामीण इलाकों में केसकाल से सरगुजा तक बड़ी नाराजगी देखी जा रही है। सरकार को रोजना दी जा रही इंटेलिजेंस रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख हो रहा है। पूर्व सीएम रमन सिंह ने भी सरप्लस बिजली के बाद भी कटौती का आरोप लगाया है।
इसे गंभीरता से लेते हुए सीएम बघेल ने सीएसईबी चेयरमैन डा. शुक्ला को इसकी जांच कर रिपोर्ट देने कहा है। सीएम का मानना है कि एमपी में कुछ दिनों पहले कांग्रेस के चुनाव अभियान को नुकसान पहुंचाने के इरादे से भाजपा नेताओं के इशारे पर बिजली कटौती की घटनाएं सामने आईं थीं। इस पर वहां के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर जांच हुई और करीब 200 विद्युत कर्मियों पर कार्रवाई की गई। इसलिए यहां भी एेसी ही आशंका जताई जा रही है। आंधी-तूफान के कारण भी हो सकती है बिजली सप्लाई बाधित : वैसे यह भी कहा जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में आंधी तूफान के कारण कई जगहों में पेड़ गिरने से लाइन टूटने की घटनाएं हुई हैं जिसकी वजह से कटौती करनी पड़ी है।
15 दिन की रिपोर्ट मांगी गई
प्रदेश के कई जगहों से अघोषित कटौती की शिकायतें मिली हैं। इसकी जांच चल रही है। हमने सीई स्तर पर हर फीडर से पिछले 15 दिनों में एक घंटे से अधिक की कटौती वाले इलाकों की जानकारी मांगी है।
-शैलेंद्र शुक्ला, चेयरमैन, विद्युत मंडल