ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
जगदलपुर: जगदलपुर से महज़ 30 किलोमीटर में स्थित विकास खण्ड लोहण्डीगुड़ा के ग्राम बेलर के खालेपारा में कल दिनांक 3-7-2019 को किसी किसान द्वारा सम्भवतः बाड़ी में लगाये गये बीज में ज़हर मिलाकर छिड़काव करने के कारण सैकड़ों मुर्गियों की मौत हो गई। जिसके कारण किसानों को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान हुआ। बता दें कि बस्तर में ग्रामीणों के व्यव्सायों में से एक व्यवसाय मुर्गी पालन भी है, बहुत से किसान खेती के साथ इसे भी अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए उपयोगी व्यवसाय मानते है। किसान हमेशा से किसी न किसी आपदा का शिकार होता रहा है।
बस्तर के किसान तो वैसे भी बहुत ही परेशानियों के बीच गरीबी को झेल रहा है, जो सर्वविदित है। मुर्गियों की कीटनाशक के सेवन से अचानक मौत के कारण ग्रामीणों पर संकट का बादल अचानक छा गया। सभी जानते है बस्तर के किसान आर्थिक रूप से लगभग कमजोर ही होते हैं, जिसकी पूर्ति के लिए मूर्गी, बत्तख, बकरी, भेड़, आदि पालकर रखते है, और आवश्कतानुसार उन्हें बेच कर अपने आवश्कता की पूर्ति करते हैं। लेकिन इस घटना से व्यथित ग्रामीण महिला सुदनी एवं अवन्ति आदि ने रो-रो कर बताया “हमारे इलाके में अचानक मुर्गियों के मौत से हमारे जीवन में बहुत बड़ा पहाड़ टूट पड़ा अब हम हमारे बच्चों को कैसे पढ़ायेंगे एवं खेती का काम कैसे करेंगे” इन दोनों महिलाओं ने बताया “छोटे चूजों के अलावा लगभग प्रत्येक के मुर्गा ,मुर्गी 20,22,की संख्या में काल के गाल में समा गये जिसे बेचने पर हजारों रुपय प्राप्त होते जिससे हमारा जीवन बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है”
इतनी मुर्गियों की मौत लगभग 1 घण्टे के अंदर हुई, जिसे देखते हुये पशुचिकित्सक ने उन मुर्गियों को तत्काल कम से कम दो फीट ज़मीन के अंदर खोद कर गाड़ने की सलाह दी एवं बची हुई मुर्गियों को अपने घर के अंदर रखने की सलाह दी एवं मुर्गियों को नींबू रस युक्त पानी पिलाने की सलाह दी एवं कम से कम कीटनाशक के उपयोग हेतु भी अपील किया
क्या शासन प्रशासन के पास इस अचानक आये आपदा हेतु कोई योजना है यदि है तो इन ग्रामीण किसानों को तत्काल मदद करने की कार्यवाही की जानी चाहिए।