ईश्वर दुबे
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Bhilai
जिला प्रशासन और नगरपालिका की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे चांपावासी
सड़क निर्माण के नाम पर पूरे शहर को कर दिया कीचड़ से सराबोर
जांजगीर-चांपा। कोसा, कांसा और कंचन की नगरी चांपा की पहचान अब कीचड़ से होने लगी है। जिला प्रशासन और नगरपालिका की लापरवाही से आज पूरा शहर कीचड़ में तब्दील हो गया है, जिसे लांघकर आवागमन करना काफी दुखदाई है। बारिश से पहले यदि शहर की सड़कें बन जाती तो लोगों को आज इस तरह खून के आंसू रोने नहीं पड़ते। तरह की समस्या अभी है उससे तो जिम्मेदारों को कोई सरोकार ही नहीं है। ऐसे में शहर के लोगों ने आगामी 15 जुलाई को एसडीएम कार्यालय और नगरपालिका में आंदोलन करने का ऐलान किया है।
आपकों बता दें कि जिला प्रशासन के एक गलत फैसले से पिछले साल बारिश में लोगों को आवागमन करने में किस कदर परेशानी हुई थी उसकी याद अब फिर से ताजा हो गई है। पिछले साल बिर्रा फाटक को बंद कर शहर के भीतर से जिस तरह भारी वाहनों को दौड़ाया गया, उससे कोरबा रोड से कुरदा होते हुए गौरवपथ की चमचमाती सड़क का सत्यानाश हो गया। हालांकि छह माह पहले विश्वेश्वरैया द्वार से गौरवपथ तक डिवाइडरयुक्त सड़क बनाने के लिए करीब 8 करोड़ की स्वीकृति मिली लेकिन जिला प्रशासन और नगरपालिका ने पिछले साल की समस्या से सबक लेने के बजाय अपनी आंखे मूंद ली। यही वजह है कि छह माह में भी एक किमी से कम इस सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो सका। अभी जिस तरह की समस्या शहर के लोगों को हो रही है उससे बार-बार मीडिया ने अवगत कराया। लेकिन जिला प्रशाासन और नगरपालिका की नींद नहीं खुली। अब आम लोग कीचड़ से सराबोर इस सड़क से आवाजाही करने मजबूर है। पूरे शहर में कीचड़ का सम्राज्य होने के कारण अब बाहर से आने वाले लोग चांपा का नाम सुनकर ही कतराने लगे है। इसके बावजूद सड़क का निर्माण जल्द पूरा कराने न तो जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही नगरपालिका। ऐसे में शहर के लोगों ने कलेक्टर, एसडीएम और नगरपालिका को ज्ञापन देकर आगामी 15 जुलाई को आंदोलन का ऐलान किया है।
और थम गए बसों के पहिए
गौरवपथ पर नगरपालिका कार्यालय के बगल में शहर का बस स्टैंड है। इसके चलते बसों की आवाजाही विश्वेश्वरैया द्वार से गौरवपथ होतेे हुए होती है। लेकिन सड़क की हालत अत्यंत जर्जर होने के कारण आज विश्वेश्वरैया द्वार से परशुराम चौक के बीच कई बड़े वाहन फंस गए, जिसके चलते आज दिन भर यह मार्ग पूरी तरह बंद रहा। इससे बसों के पहिए थम गए, जिसके चलते यात्रियों को बेहद परेशानी हुई। यह मार्ग बंद होने के कारण कई भारी वाहनों को लायंस चौक की ओर से भी दौड़ा दिया गया, जिसके चलते चमचमाती सड़क का फिर सत्यानाश हो गया। इस तरह की समस्या रोज निर्मित हो रही है लेकिन जिम्मेदारों को आम लोगों की दुख दर्द से क्या लेना देना।
इस तरह की समस्या
गौरवपथ शहर का प्रमुख और महत्वपूर्ण मार्ग है। इस मार्ग के किनारे पीएचई, नगरपालिका, गार्डन, बस स्टैंड है तो वहीं इसी मार्ग से होते हुए लोग कॉलेज, सिंचाई कार्यालय, तहसील कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, पटवारी व आरआई कार्यालय, व्यवहार न्यायालय आदि के लिए आवाजाही करते हैं लेकिन इस मार्ग में कीचड़ का सम्राज्य और बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण आम लोगों का कामकाज प्रभावित हो रहा है। आम लोगों की समस्या को लेकर जिम्मेदारों की निरकुंशता जिस तरह दिख रही है उससे समझा जा सकता है कि अभी बारिश के दौरान पूरे चार माह तक लोगों को इस गंभीर समस्या को झेलना ही होगा। यही वजह है कि सबने अपनी आंखे बंद कर ली है।
बेहद आक्रोशित है चांपावासी
बताया जाता है डिवाइडरयुक्त इस सड़क के लिए करीब आठ करोड़ का सेंशन डीएफएम फंड से हुआ है, लेकिन जिला प्रशासन बजट जारी करने में आनाकानी कर रहा था। नगरपालिका अध्यक्ष राजेश अग्रवाल का कहना है कि अभी कुछ पैसा मिला है। सेंशन के बावजूद बजट हाथ में नहीं होने के कारण यह सड़क बारिश से पहले नहीं बन सकी। लोगों का कहना है कि आम लोगों की समस्या को देखते हुए नपाध्यक्ष ने जिस तरह इस सड़क के लिए बजट सेंशन कराया उसी तरह बारिश से पहले बजट जारी कराकर बारिश से पहले सड़क का निर्माण पूरा कराने आखिर प्रयास क्यों नहीं किया। जबकि प्रदेश में उनकी ही सरकार है। हालांकि नगरपालिका अध्यक्ष का कहना है कि उन्होंने बजट जारी कराने प्रयास किया। बहरहाल चाहे जो भी हो लेकिन अभी जो परेशानी हो रही है उससे शहरवासी बेहद आक्रोशित है।