ईश्वर दुबे
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Bhilai
छत्तीसगढ़ : राजधानी में कचरा प्रबंधन के लिए योजना तैयार कर ली गई. इसमें रेलवे स्टेशन और कॉलोनियों के घरों से जो कचरा निकलेगा, उसके लिए संबंधित शहरी निकाय को रेलवे को भुगतान करना पड़ेगा. Read
इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने रेट तय कर दिया है. तीन लाख से अधिक आबादी वाले रायपुर, बिलासपुर, भिलाई और कोरबा के नगर निगम को रेलवे हर महीने स्टेशन के कचरे के लिए तीस हजार रुपए देगा, जबकि रेलवे की कॉलोनी व जमीन पर बने मकानों से जो कचरा निकलेगा, उसके लिए प्रति घर 50 रुपए देना होगा.
रायपुर व बिलासपुर में निजी एजेंसियां सफाई कर रही हैं, इसलिए दोनों जगह अलग से एग्रीमेंट किया जाएगा. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति धीरेंद्र मिश्रा के साथ हुई बैठक में रेलवे स्टेशन व कॉलोनियों के कचरे के प्रबंधन पर भी चर्चा हुई. इसके बाद एनजीटी के निर्देश पर अब नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी निगमों व नगर पालिका व पंचायतों के लिए के लिए उपभोक्ता शुल्क तय कर दिया है. विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि रेलवे को कचरा प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंचाकर देना होगा.
ऐसे होगा कचरा प्रबंधन
निकाय के प्रकार उपभोक्ता शुल्क (प्रतिमाह)
नगर निगम 30 हजार (3 लाख से अधिक)
अन्य नगर निगम 20 हजार
नगर पालिका 10 हजार
नगर पंचायत 5 हजार
जागरूकता रेलवे के जिम्मे
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की विशेष सचिव अलरमेलमंगई डी ने स्पष्ट कर दिया है कि रेलवे स्टेशन, कॉलोनियों, स्कूल व अस्पतालों में कचरों को अलग-अलग करने की जिम्मेदारी रेलवे की होगी. अलग-अलग कचरा नहीं मिलने पर निकाय प्रोसेसिंग करने से मना कर सकते हैं. किसी निकाय के अंतर्गत यदि एक से अधिक स्टेशन हैं तो उसका अलग-अलग भुगतान करना होगा.
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