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बीजिंग. चीन अपने आसमान में एक आर्टिफिशियल चांद स्थापित करने की योजना बना रहा है। इस चांद को 2020 में सिचुआन प्रांत के चेंगडू में जमीन से 80 किमी की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा। ऊंचाई कम होने से यह आर्टिफिशियल चांद असली चांद से 8 गुना ज्यादा चमकदार होगा।
स्ट्रीट लाइट का रिप्लेसमेंट साबित होगा
चेंगडू एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम रिसर्च इंस्टीट्यूट के चेयरमैन वू चुनफेंड के मुताबिक- आर्टिफिशियल चांद से स्ट्रीट लाइट नहीं होने की समस्या खत्म हो जाएगी। इस चांद की रोशनी ही स्ट्रीट लाइट का काम करेगी।
वू के मुताबिक- आर्टिफिशियल मून से 80 किमी के इलाके में रोशनी हो सकेगी। यह पूछे जाने पर कि योजना कुछ असंभव-सी लगती है, वू ने कहा कि तकनीक पर सालों से काम हो रहा है और अब तो यह प्रोजेक्ट खत्म भी होने वाला है।
आर्टिफिशियल मून को लेकर लोगों में कुछ चिंताएं भी हैं। उनका कहना है कि रोशनी से जानवरों पर बुरा असर पड़ेगा। साथ ही खगोलीय घटनाओं को देखने में परेशानी होगी। हर्बिन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर कांग वीमिन ने बताया- आर्टिफिशियल मून एकदम चमकदार नहीं होगा। यह धुंधली सी रोशनी देगा।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी कोशिशें

यह पहली बार नहीं है कि जब इंसान ने रोशनी देने वाले किसी ऑब्जेक्ट को आकाश में भेजा हो। ऐसी योजनाएं नाकाम साबित हुई हैं। सबसे आखिरी कोशिश रूस ने 2017 में की थी। 14 जुलाई 2017 को रूस ने कजाकिस्तान के बैकोनुर स्पेसपोर्ट से अंतरिक्ष में सोयूज रॉकेट से एक ऑब्जेक्ट भेजा था। इस ऑब्जेक्ट को चांद के बाद सबसे चमकदार माना गया था। एक महीने बाद ही प्रोजेक्ट से जुड़ी टीम ने बताया कि वह कक्षा में स्थापित होने में विफल रहा।

पुणे. महाराष्ट्र के पुणे में एक महिला ने अपनी मां के गर्भाशय से बच्ची को जन्म दिया है। 17 माह पहले महिला का गर्भाशय डैमेज हो गया था। इसके बाद  महिला में उनकी मां का गर्भाशय ट्रांसप्लांट किया गया था। दुनिया का यह 12वां मामला है जहां यूट्रस ट्रांसप्लांट के बाद बच्चे का जन्म हुआ है। इससे पहले 9 मामले स्वीडन में और 2 अमेरिका में सामने आ चुके हैं। एशिया में ऐसा पहली बार हुआ है।
गुजरात के भरूच की रहने वाली 27 वर्षीय मीनाक्षी वालन का गर्भाशय डैमेज हो गया था। ऐसे में उनकी मां ने गर्भाशय डोनेट करने का फैसला लिया। ट्रांसप्लांट के कुछ महीनों बाद मार्च 2018 में मीनाक्षी के गर्भाशय में भ्रूण को ट्रांसफर किया गया था। ट्रांसप्लांट सर्जन शैलेश पुणतांबेकर के मुताबिक डिलीवरी नवंबर में की जानी थी लेकिन प्रेग्नेंसी के 31वें हफ्ते (7 माह) में  मां का बीपी और ब्लड शुगर बढ़ने लगा। जांच में सामने आया कि मां और भ्रूण को जोड़ने वाला प्लेसेंटा तेजी से बढ़ रहा था। इसे अधिक बढ़ जाने पर बच्चे को पोषण मिलना बंद हो सकता था। इसलिए ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया।
    डॉ. शैलेश के अनुसार, जन्म के समय बच्ची का वजन 1,450 ग्राम था। ट्रांसप्लांट के बाद पिछला एक साल काफी अहम रहा है।
    डॉ. शैलेश के अनुसार, मीनाक्षी में उनकी 45 वर्षीय मां का गर्भाशय ट्रांसप्लांट किया गया था। लेकिन इस स्थिति में नर्व पहले की तरह नहीं जुड़ पाती और महिला लेबर पेन महसूस नहीं कर पाती है। जन्म के समय बच्ची का वजन 1,450 ग्राम था। ट्रांसप्लांट के बाद पिछला एक साल काफी अहम रहा है।
40 सप्ताह के गर्भ को धारण करना असंभव था
पुणे के गैलेक्सी केयर लेप्रोस्कोपिक हॉस्पिटल के डॉ. शैलेष पुणतांबेकर ने बताया कि गर्भाशय प्रत्यारोपण के बाद अप्रैल 2017 में बिना किसी समस्या के गर्भधारण हुआ। गर्भ 32 हफ्ते (8 माह) का होने के चलते हमें बुधवार रात सिजेरियन से प्रसव का विकल्प चुनना पड़ा। वजह, गर्भाशय 48 साल पुराना है। इसलिए गर्भाशय में ज्यादा जगह नहीं थी।
अपनाें से भी दूर रहना पड़ा खुशी के इस पल के लिए
मीनाक्षी को काफी संघर्ष के बाद संतान सुख मिला है। नौ महीने के गर्भ के बाद बच्चे को गंवाने के साथ ही गर्भाशय की पांच सर्जरी झेली। एक सर्जरी के दौरान मीनाक्षी का गर्भाशय हमेशा के लिए अक्षम हो गया। ऐसे में गर्भाशय प्रत्यारोपण का रास्ता अपनाया गया। इस दौरान मीनाक्षी को अपने परिवार और रिश्तेदारों से दूर रहना पड़ा।
सरोगेसी-दत्तक लेने का नहीं था विचार, डॉक्टरों ने दिखायी ये राह
मीनाक्षी के पति हितेश वालन कहते हैं कि शादी के नौ साल तक संतान सुख न मिलने के चलते हम चिंता में थे लेकिन सरोगेसी अथवा बच्चा गोद लेने के विकल्प पर विचार नहीं कर रहे थे। इसी क्रम में वडोदरा के डॉक्टरों ने उम्मीद की किरण दिखाई। हमने काफी सोच-विचार के बाद यह रास्ता अपनाने का फैसला किया। वर्षों का इंतजार सफल हुआ।

सैन फ्रांसिस्को. स्पेस प्रोजेक्ट पर काम करने वाली कंपनी ब्लू ओरिजिन के संस्थापक और ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस ने दावा किया कि एक दिन एक लाख करोड़ लोग अंतरिक्ष में रहेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी स्पेस फर्म दूसरे ग्रहों को लोकप्रिय बनाने में मदद करेगी।
लोग कम खर्च में कर सकेंगे अंतरिक्ष का इस्तेमाल
सैन फ्रांसिस्को में वायर्ड के 25वें वार्षिक सम्मेलन में बेजोस ने कहा, ‘‘इस लॉन्ग टर्म मिशन को पूरा होते देखने के लिए मैं जीवित नहीं रहूंगा।’’ बेजोस के मुताबिक, ब्लू ओरिजिन का टारगेट है कि लोग कम खर्च में अंतरिक्ष का इस्तेमाल कर सकें।
उन्होंने खुलासा किया कि अगले साल वे फर्म पर एक बिलियन डॉलर (7350 करोड़ रुपए) खर्च करेंगे। बेजोस ने कहा, ‘‘मैं पिछले 20 साल में इंटरनेट क्रांति देख चुका हूं, जिससे काफी कम वक्त में दूसरी चीजों में भी बदलाव आया। हमें अंतरिक्ष में भी इसी तरह की क्रांति की जरूरत है।’’ जेफ बेजोस को आमतौर पर अमेजन के सीईओ के रूप में जाना जाता है। हालांकि, कुछ समय पहले उन्होंने ब्लू ओरिजिन के प्रोजेक्ट अपनी निगरानी में होने की बात कही। बेजोस ने कहा था कि वह काफी महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्पेस प्रोजेक्ट के लिए हमें हजारों कंपनियों के साथ की जरूरत है।

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October 18, 2018

बॉलीवुड में #MeToo पर महिलाओं की आपबीती के बाद कई सेलिब्रिटीज सवालों के घेरे में हैं. मीटू कैम्पेन के पक्ष और विपक्ष में तमाम सितारे अपनी राय दे रहे हैं. इस बीच गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा, "महिलाओं को यौन उत्पीड़न की शिकायत उस वक्त करनी चाहिए थी, जब यह घटना उनके साथ हुई."

बप्पी ने सोमवार को फिल्म "मौसम इकरार के दो पल प्यार के" के म्यूजिक लॉन्च पर मीडिया से इस मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा, "भारत में हम महिलाओं का सम्मान करते हैं चाहे वह मां हो, बहन हो, बेटी हो या पत्नी हो. मैं हर साल छह महीने अमेरिका में रहता हूं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हमारे देश जैसी खूबसूरत संस्कृति पूरी दुनिया में कहीं और है."

उन्होंने कहा, "मीटू मूवेमेंट हॉलीवुड में चल रहा है, लेकिन भारत में महिलाएं मीडिया और सोशल मीडिया पर दशकों पुरानी घटनाएं ला रहीं हैं. इसलिए मेरा कहना यह है कि उस वक्त मामला क्यों नहीं उठाया गया था, जब ये सब हुआ था. तब शिकायत क्यों नहीं दर्ज करवाई, एफआईआर क्यों नहीं लिखवाई गई? अगर इन चीजों का खुलासा पहले होता तो उन्हें इसके लिए न्याय मिलता."

 

बप्पी ने कहा "हम 'मौसम इकरार के दो पल प्यार के' फिल्म का संगीत लॉन्च कर रहे हैं. अगर इस फिल्म के बारे में हम 10 साल बाद बात करेंगे तो इसका कोई मतलब नहीं होगा."

बता दें कि तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर "हॉर्न ओके प्लीज" का किस्सा साझा करते हुए आरोप लगाया था कि सेट पर उनका उत्पीड़न किया गया. उन्हें डराया धमकाया गया. उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई. तनुश्री के इन आरोपों ने बॉलीवुड में बहस छेड़ दी जिसके बाद कई महिलाओं ने तमाम सेलिब्रिटीज पर गंभीर आरोप लगाए. मीटू पर जो बड़े नाम सवालों के घेरे में आए हैं उनमें आलोक नाथ, विकास बहल, विवेक अग्निहोत्री, कैलाश खेर जैसे दर्जनों नाम शामिल हैं.

बीजेपी के संस्थापक सदस्य रहे पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह का पूरा परिवार बुधवार को कांग्रेस का हाथ थामेगा. राजस्थान के मारवाड़ इलाके में प्रभाव रखने वाला जसवंत का परिवार का बीजेपी से अलग होना पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह पूरे परिवार के साथ पार्टी के सदस्य बनेंगे. मानवेंद्र इस समय बीजेपी से शिव सीट के विधायक हैं. मानवेंद्र के साथ उनकी पत्नी चित्रा सिंह, जीवंत सिंह के दूसरे बेटे भूपेन्द्र सिंह और जसवंत सिंह की पत्नी शीतल कवर कांग्रेस की सदस्यता लेंगी. कांग्रेस का दामन थामने से पहले मानवेंद्र सिंह ने पूरे परिवार के साथ पूजा अर्चना की.

इस मौके पर कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट भी मौजूद रहेंगे.

पिछले महीने छोड़ी थी बीजेपी

पिछले महीने हुई बाड़मेर के पचपदरा की स्वाभिमान रैली में मानवेंद्र सिंह ने 'एक ही भूल कमल का फूल' कहकर बीजेपी छोड़ दी थी. उसके बाद से अटकलें लगाई जा रही थी कि मानवेंद्र सिंह कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं, लेकिन अब मानवेंद्र ने साफ कर दिया है कि वो कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं.

बाड़मेर के कांग्रेसी नेताओं ने भी इसका स्वागत किया है. कांग्रेस के सचिव हरीश चौधरी ने कहा कि उन्होंने मानवेंद्र सिंह का विरोध नहीं किया है. उनके आने से कांग्रेस और मजबूत होगी. राजस्थान में राजपूत बीजेपी के कोर वोट बैंक रहे हैं.

 

राजपूतों को जोड़ने में लगी कांग्रेस

कांग्रेस इस बार कोशिश कर रही है कि नाराज राजपूतों को तोड़ा जाए और कांग्रेस में लाया जाए. हालांकि, बीजेपी कोशिश कर रही है कि राजपूतों का डर दिखाकर कांग्रेस के परंपरागत वोटर जाटों को अपने पक्ष में लाया जाए, लेकिन कांग्रेस अपने जाट नेताओं को भरोसे में लेकर नाराज राजपूतों को रिझाने की कोशिश कर रही है.

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जसवंत सिंह को टिकट नहीं दिया था. इससे उनको निर्दलीय ही चुनाव लड़ना पड़ा था. उस चुनाव में जसवंत सिंह हार गए थे. इसी के बाद से जसवंत सिंह का परिवार बीजेपी से नाराज चल रहा था.

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