ईश्वर दुबे
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Bhilai
2022 तक भेजा जाएगा गगनयान मिशन, 7 दिन स्पेस में रह सकेंगे भारतीय एस्ट्रोनॉट
भारत इस मिशन में सफल हुआ तो ऐसा करने वाला चौथा देश होगा
राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष यात्रा करने वाले पहले भारतीय थे, लेकिन मिशन रूस का था
नई दिल्ली। पहले भारतीय गगनयान मानव मिशन के लिए मंत्रिमंडल ने 10 हजार करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी है। केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस अभियान के तहत 3 एस्ट्रोनॉट को 7 दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा अंतरिक्ष यात्रा करने वाले पहले भारतीय थे, लेकिन यह रूस का मिशन था।
मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर किया था ऐलान
गगनयान कार्यक्रम के तहत 3 क्रू मेंबर्स को 7 दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर इस अभियान का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था- 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने से पहले भारत अंतरिक्ष में मानव मिशन के साथ गगनयान भेजेगा।
इसरो चेयरमैन के. सिवन ने भास्कर के साथ बातचीत में कहा था- गगनयान के लिए डिजाइन तैयार हो चुका है। अभी हम अपनी क्षमताओं के आकलन में लगे हैं। समूचे सिस्टम को अधिक से अधिक स्वदेशी बनाएंगे।
इसरो गगनयान के लिए आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस पोर्ट पर अपना सबसे बड़ा रॉकेट जीएसएलवी मार्क 3 स्थापित करना चाहता है। इसके जरिए 3 अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजा जाएगा।
स्पेस एजेंसी अपनी इस योजना को अगले 40 महीनों के भीतर खत्म करना चाहती है। शुरुआती चरणों के दौरान एजेंसी पहले दो मानव रहित अंतरिक्ष यान भेजना चाहती है। इसके बाद मानवयुक्त अंतरिक्ष यान भेजने की योजना है, जो 5-7 दिनों तक पृथ्वी की निचली कक्षा में रहेंगे।
चेयरमैन के सिवन ने कहा- 2022 तक गगनयान की डेडलाइन है। यह बेहद कसा हुआ कार्यक्रम है, लेकिन इसरो इसे हर हाल में तय सीमा के भीतर अंजाम देगा। इस मिशन के दौरान अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले अंतरिक्षयात्रियों को व्योमनॉट्स कहा जाएगा। यह शब्द संस्कृत के व्योमÓ से लिया गया है, जिसका अर्थ अंतरिक्ष है