ईश्वर दुबे
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Bhilai
डाल्टनगंज। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर कर्ज माफी के नाम पर किसानों को ‘गुमराह’ करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि विपक्षी दल उन्हें महज ‘वोट बैंक’ समझता है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए किसान ‘अन्नदाता’ हैं जिनके वास्तविक कल्याण के लिए उनकी सरकार गंभीरता से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने झारखंड में यहां एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम किसानों को अन्नदाता समझते हैं जबकि पूर्ववर्ती सरकारों ने उन्हें महज वोट बैंक समझा।’ मोदी ने शनिवार को झारखंड में 2,391.36 करोड़ रुपए की कोयल कारो मंडल बांध सहित कई सिंचाई परियोजनाओं की नींव रखने के बाद जनसभा को संबोधित किया। इस बांध से झारखंड के 19604 हेक्टेयर तथा बिहार के कुछ इलाकों में सिंचाई होगी।
उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस की सरकार ने किसानों को कर्ज लेने के लिए बाध्य किया और आज वे कर्जमाफी के वादों से उन्हें गुमराह कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अगर मैंने किसानों को वोट बैंक समझा होता तो मैं उनके एक लाख रुपये का कर्ज माफ कर देता... इससे किसानों को तुरंत राहत मिल जाती लेकिन हमारी प्राथमिकता उन्हें सुविधाएं मुहैया कराना है ताकि उनके उत्पाद को बढ़ावा मिले और उनकी आय दोगुनी हो जाए। इससे किसानों को पीढ़ियों तक राहत मिलेगी।’ मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, ‘उन्हें नहीं मालूम होगा कि कोयल क्या है... यह सिंचाई परियोजना है या किसी नदी या चिड़िया का नाम है।’
प्रधानमंत्री ने इस महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना पर मिलकर काम करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की प्रशंसा की और कहा कि यह संघवाद का अच्छा उदाहरण है जिससे दूसरों को भी सीखना चाहिए। दास और दोनों राज्यों के कई सांसदों की मौजूदगी में उन्होंने कहा, ‘ऐसे समय में जब कई राज्य एक-दूसरे से लड़ रहे हैं, जिस तरह से नीतीश कुमार और रघुवर दास और दोनों राज्यों के सांसदों ने कोयल कारो मंडल परियोजना के लिए मिलकर काम किया, वह संघवाद का अच्छा उदाहरण है जिससे दूसरों को भी सीखना चाहिए।’ जनसभा को संबोधित करने से पहले मोदी ने यहां ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ (पीएमएवाय) के लाभार्थियों में से पांच को उनके मकानों की चाबी सौंपी।
प्रधानमंत्री ने पूर्व सरकारों पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें झारखंड के किसानों के हितों की परवाह नहीं थी, मंडल बांध परियोजना में देरी इसका सबूत है। बांध पर काम 1972 में शुरू किया गया थे लेकिन 1993 में इसे रोक दिया गया था। इसे लातेहार जिले के बरवाडीह ब्लॉक में उत्तरी कोयल नदी पर बनाया जाएगा। बिहार के औरंगाबाद और गया के अलावा राज्य के लातेहार, पलामू और गढ़वा जिलों में 19,604 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधाएं बेहतर होंगी। मोदी ने बिहार और झारखंड सरकार का किसान सुमदाय के हित के लिए काम करने हेतु शुक्रिया भी अदा किया।
प्रधानमंत्री ने झारखंड में करीब 3500 करोड़ रुपए की कई विकास परियोजनाओं की नींव रखी। पीएमएवाई योजना पर बात करते हुए मोदी ने कहा कि पहले आवास योजना के अधीन कुछ नया प्रदान नहीं करने के लिए उनकी सरकार की आलोचना की जा रही थी। उन्होंने कहा, ‘रिमोट कंट्रोल संचालित सरकार के दिनों में इस योजना के तहत केवल 25 लाख मकान बनाए गए जबकि हमने साढ़े चार वर्षों में करीब सवा करोड़ मकान बनाए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य ग्रामीण और शहरी सभी इलाकों में सबको घर मुहैया कराना है। हम राजनेताओं के नाम पर योजनाओं का नाम रखने में विश्वास नहीं करते, योजना के तहत लाभ पहुंचना (लोगों को) मायने रखता है।‘
मोदी ने कहा कि इस योजना के तहत मुहैया मकानों में गैस, बिजली कनेक्शन, शौचालय सहित सभी बुनियादी सुविधाएं होंगी। उन्होंने कहा कि राजग सरकार पारदर्शिता में विश्वास करती है और दलालों द्वारा किसानों का फायदा उठाने की कोई गुंजाइश नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के खातों में सीधे पैसे जमा करा पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं। प्रणाली में दलाली की कोई गुंजाइश नहीं है।’