ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली. आयकर विभाग ने दुबई में महंगी प्रॉपर्टी खरीदने वाले 7500 भारतीयों के खिलाफ जांच शुरू की है। इस विभाग की खुफिया और आपराधिक शाखा ने उन भारतीयों का डेटा निकला है, जिन्होंने पिछले कुछ सालों में दुबई के रियल एस्टेट में निवेश किया। इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि इस निवेश के फंड का सोर्स क्या रहा और क्या इन लोगों ने आयकर विभाग को जानकारी दी?
तीन महीने में 6006 करोड़ रुपए का निवेश
इंडियन एक्सप्रेस ने दुबई लैंड डेवलपमेंट के हवाले से बताया कि साल के शुरुआती तीन महीनों में कम से कम 1,387 भारतीयों ने दुबई में 6006 करोड़ रुपए (3 बिलियन दिरहम) का निवेश किया। वहीं, 2017 में भारतीयों ने 31221 करोड़ (15.6 बिलियन दिरहम) का निवेश किया।
दुबई लैंड डेवलपमेंट के मुताबिक, 2013 से 2017 के बीच भारतीयों ने करीब 1.67 लाख करोड़ रुपए (83.65 बिलियन दिरहम) की प्रॉपर्टी खरीदी। भारतीय कानून के मुताबिक, दुबई में प्रॉपर्टी खरीदना गैर-कानूनी नहीं है। फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट 1999 के मुताबिक, भारतीय प्रवासी और अप्रवासी विदेश में अचल संपत्ति खरीद सकता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक, एक नागरिक विदेशी प्रॉपर्टीज और सिक्युरिटीज में सालाना 2,50,000 डॉलर का निवेश कर सकता है। हालांकि, नियमों के मुताबिक, ऐसे व्यक्ति को आईटी रिटर्न्स में विदेशी संपत्ति को घोषित करना होगा।
काला धन रोकथाम अधिनियम के तहत, अघोषित विदेशी आय और संपत्ति पर 30% टैक्स लगता है। रिटर्न्स में डिसक्लोज नहीं करने पर आपराधिक केस तो बनता ही है साथ ही 300% जुर्माने का भी प्रावधान है।