सोनिया गांधी ने विरोधियों को दिखाया आईना, नसीहत देने वालों के सामने भी रखा 'टास्क'

नई दिल्ली । सियासी विश्लेषक कुछ भी अनुमान लगाते रहें, लेकिन ऐसा साफ लग रहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बहाने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजनीतिक विरोधियों को आईना दिखा दिया है। बैठक में उन्होंने सोशल मीडिया और मीडिया को कांग्रेस विरोध का मंच बनाने वालों को जहां खरी-खरी सुनाई, वहीं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पार्टी का सुरक्षा कवच दे दिया। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बहाने अवसर ढूंढ रहे राजनीतिक दलों को भी टका सा जवाब दिया और नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए चुपचाप 2022 तक का समय ले लिया। पार्टी को नसीहत देने वाले नेताओं के लिए नया टास्क तैयार है और कांग्रेस का कल्चर बदलने की तैयारी है। कांग्रेस अपने नए अध्यक्ष का चुनाव 2023 में कर सकती है। 2022 तक का पूरा समय अध्यक्ष पद के लिए जरूरी संगठनात्मक चुनाव तथा प्रक्रिया में ही लग जाने का अनुमान है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी के चुनाव के बाबत एक टाइम टेबल सामने रखा है। इसमें एक नवंबर 2021 से 31 मार्च 2022 तक पार्टी पूरे देश में सदस्यस्ता अभियान चलाएगी। 15 अप्रैल 2022 तक सदस्यों की सूची प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद संगठन के निचले स्तर से चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें ब्लॉक और जिला स्तर के संगठन का चुनाव होने के बाद प्रदेश स्तर तक के पदाधिकारियों का चुनाव होगा। 21 जुलाई 2022 तक इस प्रक्रिया के पूरा होने का अनुमान है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, इसके पदाधिकारियों तथा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेगी। इसके सितंबर 2022 तक पूरा होने की संभावना जताई गई है। केसी वेणुगोपाल की ओर से दी गई टाइम लाइन में नए अध्यक्ष का चुनाव होने में अक्तूबर का समय लग सकता है। लेकिन पार्टी को जानने समझने वालों का मानना है कि नए अध्यक्ष का चुनाव 2023 से पहले शायद ही हो पाए। ताकि पार्टी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान मजबूती के साथ उतर सके।
- क्या ग्रुप 23 के कांग्रेसी नेता अब शांत हो जाएंगे?
पार्टी की रीति, नीति और कांग्रेस के नेताओं तथा राजनीति की भाषा को समझने वाले एक धुरंधर पूर्व महासचिव का कहना है कि कांग्रेस लोकतांत्रिक पार्टी है। यहां कुछ भी शांत नहीं होता। चीजें चलती रहती हैं और साथ-साथ बदलाव भी चलता रहता है। वह कहते हैं कि 2024 तक कांग्रेस के नेता अपनी बात इसी तरह से रखते रहेंगे। आरोप-प्रत्यारोप और सवाल-जवाब भी चलता रहेगा। वह कहते हैं कि आपको कांग्रेस के भीतर ढेर सारे बदलाव  साल 2023 में दिखाई देंगे और उसी आधार पर 2024 के लोकसभा चुनाव की रूपरेखा बनेगी। पार्टी के एक अन्य पूर्व महासचिव इस समय दक्षिण भारत की राजनीति में व्यस्त हैं। वह कहते हैं कि पूरी कांग्रेस खंगालिए। जमीन पर चाहे अच्छा या बुरा जो भी कर रहे हैं वह तो प्रियंका गांधी कर रही हैं और राहुल गांधी कर रहे हैं। पूरे देश की जनता और कार्यकर्ता तो केवल दो को ही समझते हैं। लखीमपुर खीरी से हर ज्वलंत मामले में भी यही दो दिखाई दे रहे हैं। जबकि कांग्रेस के दूसरे नेता तो टेबल पालिटिक्स कर रहे हैं। इसलिए गुट-23 के बोलते रहने से कांग्रेस कमजोर नहीं होती। सूत्र का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कार्यसमिति की बैठक में सभी के सवालों का जवाब दे दिया है। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।

 

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