राफेल सौदा / साझेदारों के नाम तभी सामने लाएंगे जब विमान मिलने शुरू होंगे: रक्षा मंत्री Featured

  • रक्षा मंत्री ने कहा- राफेल पर कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद
  • उन्होंने कहा- विपक्ष के सवालों और संदेहों को पहले ही दूर किया जा चुका

मुंबई. राफेल सौदे पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इसके साझेदारों के नाम तभी सामने लाए जाएंगे जब विमान मिलने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि राफेल की आपूर्ति में फ्रांस की कंपनी दैसो और दो या तीन अन्य कंपनियां भी हिस्सेदारी कर रही हैं। इन सबको अलग-अलग लक्ष्य दिए गए हैं। सीतारमण ने यह बात गुरुवार को इकोनॉमिक इंडिया सम्मेलन-2018 को संबोधित करते हुए कही।

 अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को किस आधार पर दैसो एविएशन का ऑफसेट साझेदार बनाया गया? इस सवाल पर रक्षा मंत्री ने कहा कि आपूर्ति में शामिल सभी कंपनियों को ऑफसेट पूरा करने का मौका दिया जाएगा। एक, दो या तीन जितनी भी कंपनियां होंगी, उन्हें या तो निवेश का मौका मिलेगा या सेवा की खरीद करनी होगी। यह दैसो पर छोड़ दिया जाएगा कि वह हमारे पास आकर दावा पेश करे। ऑफसेट पार्टनर का ब्योरा तभी दिया जाएगा जब वह बिल के साथ अपनी सेवा के लिए हमारे पास आएंगे। फिर चाहे उन्होंने उपकरण दिए हों या कि कोई सेवा।

 ‘राफेल मामले में कांग्रेस राष्ट्र को गुमराह कर रही’
सीतारमण ने कहा, ‘‘कांग्रेस के लगाए आरोप बेबुनियाद हैं।’’ उन्होंने कहा कि विपक्ष के सवालों और संदेहों को पहले ही दूर किया जा चुका है। वे इस मामले पर बार-बार अपना ही रुख बदल रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमने एक भी सवाल छिपाया नहीं और न उन्हें रोकने की कोशिश की। विपक्ष यहां से वहां भटक रहा है।’’ 

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