ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर कोर्ट की सुनवाई का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला के वकील उसके पति से छह लाख रुपए मासिक गुजारा भत्ता दिलाने की दलीलें दे रहा हैं। राधा मुनुकुंतला नामक महिला के वकील ने कोर्ट को बताया कि उसे जूते, कपड़े, चूड़ियां आदि के लिए 15,000 रुपए प्रति माह और घर में खाने के लिए 60 हजार रुपए हर महीने की जरूरत है। महिला के वकील ने कोर्ट को बताया कि उसे घुटने में दर्द और फिजियोथेरेपी और अन्य दवाओं के इलाज के लिए चार-पांच लाख रुपए की जरूरत है।
सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि यह कोर्ट की प्रक्रिया का शोषण है। जज ने कहा कि अगर वह इतना पैसा खर्च करना चाहती है तो वह कमा सकती है। जज ने कहा-कोर्ट को यह न बताएं कि एक व्यक्ति को बस इतना ही चाहिए। 6,16,300 रुपए प्रति माह। क्या कोई इतना खर्च करता है? वो भी एक अकेली महिला अपने लिए।
जज ने आगे कहा कि अगर वह खर्च करना चाहती है तो उसे कमाने दो। पति पर नहीं ऐसा कैसे। आपके पास परिवार की कोई और जिम्मेदारी नहीं है। आपको बच्चों की देखभाल करने की जरूरत नहीं। आप इसे अपने लिए चाहती हैं। आपको संवेदनशील होना चाहिए। जज ने महिला के वकील से कहा कि वह उचित राशि की मांग करें नहीं तो उनकी याचिका खारिज कर दी जाएगी।
राधा ने खर्च का ब्यौरा दाखिल न करने के मामले पर 20 अगस्त को सुनवाई हुई। 30 सितंबर, 2023 को बेंगलुरु के पारिवारिक न्यायालय के अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश ने उसे उसके पति एम नरसिम्हा से 50,000 रुपए मासिक भरण-पोषण राशि दिलाने का आदेश दिया था। उसने अंतरिम भरण-पोषण राशि में वृद्धि का अनुरोध करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।