आपातकाल के बंदियों को प्रतिमाह 20,000 रुपए पेंशन देगी ओडिशा सरकार

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने 1975-77 में आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों के लिए 20 हजार रुपए मासिक पेंशन और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा को मंजूरी दे दी है। राज्य गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक यह पेंशन 26 जून 1975 से 21 मार्च, 1977 तक मीसा बंदी या डीआईआर या डीआईएसआईआर के तहत जेल में बंद व्यक्तियों को प्रदान की जाएगी। इसमें कहा गया है कि पेंशन जीवित व्यक्तियों (जो 1 जनवरी, 2025 तक जीवित थे) को ही स्वीकृत की जाएगी, भले ही वे जेल में कितने भी समय तक रहे हों।
गृह विभाग ने कहा कि वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रावधानों के मुताबिक मुफ्त चिकित्सा उपचार का लाभ उठा सकते हैं। ये लाभ 1 जनवरी, 2025 से शुरू होने वाली अवधि के लिए प्रदान किए जाएंगे। 1 जनवरी, 2025 से पहले की अवधि के लिए कोई लाभ नहीं दिया जाएगा। स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन दोगुनी करने के अलावा सीएम मोहन माझी ने 2 जनवरी को घोषणा की थी कि आपातकाल के दौरान मीसा के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों को 20 हजार रुपए मासिक पेंशन दी जाएगी।
आपातकाल को लोकतंत्र के सबसे काले दौरों में से एक बताते हुए उन्होंने कहा कि मीसा कानून के तहत कारावास झेलने वाले देशभक्तों के सम्मान में हमारी सरकार पेंशन, मुफ्त स्वास्थ्य सेवा और मुफ्त बस पास मुहैया कराएगी। देश के तीन राज्यों ने आपातकाल के दौरान मीसा या डीआईआर बंदियों के लिए पेंशन शुरू की है। मध्य प्रदेश जहां आपातकाल पीड़ितों को 15,000 से 25,000 रुपए प्रति वर्ष दे रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ 5,000 से 25,000 प्रति माह और राजस्थान 20 हजार रुपये प्रति माह दे रहा है।
अगस्त 2019 में सीएम नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पिछली बीजू जनता दल सरकार ने मधुबाबू पेंशन योजना के तहत आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को 500 रुपए पेंशन देने की घोषणा की थी, लेकिन इसकी अल्प राशि को लेकर आलोचना हुई थी।

 

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