ईश्वर दुबे
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Bhilai
ऊना, ऊना शहर में शनिवार को मूसलाधार बारिश ने 38 वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया। छह घंटे की बारिश से ऊना में सैकड़ों घर जलमग्र हो गए। दर्जनों सरकारी कार्यालयों सहित लालसिंगी से लेकर रक्कड़ कालोनी तक कई दुकानों में पानी घुस गया। छह घंटे में कुल 222.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इससे पहले वर्ष 1988 में 198 मिलीमीटर बारिश हुई थी। उस दौरान दो दिन लगातार बारिश से ऊना में बाढ़ आ गई थी। उस समय की भयावह स्थिति को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी स्वयं स्थिति का जायजा लेने के लिए ऊना पहुंचे थे। अब शनिवार को हुई बारिश ने जिला में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। शनिवार तडक़े दो बजे से सुबह आठ बजे तक हुई बारिश ने ऊना शहर की सूरत ही बदल दी।
निचले इलाकों में पानी भर गया, दर्जनों घरों और दुकानों में पानी घुस गया। सडक़ों पर नदियों जैसा दृश्य देखने को मिला। गाडिय़ों का आवागमन बंद हो गया। इससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऊना का सारा निचला क्षेत्र जलमग्र हो गया। कोटला खुर्द-लालसिंगी व रामपुर-नीलाघाट खड्डों सहित ऊना शहर के समस्त नाले उफान पर आ गए। कोटला खुर्द व नीलाघाट में खड्डों का पानी पुलों के ऊपर से गुजर गया। उक्त वाक्या को देख लोग पुलों से गुजरने से भी डर रहे थे। बता दें कि वर्ष 1988 में दो दिन लगातार मूसलाधार बारिश हुई थी। उस दौरान जहां लगातार छह घंटों में 198 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। वहीं दो दिन में कुल 400 एमएम बारिश दर्ज हुई थी। उस दौरान बारिश ने जिलावासियों को गहरे जख्म दिए थे। बारिश ने सभी पुलों को तोड़ दिया था। उस समय जिला ऊना थम सा गया था। लोग अब भी उस मंजर को याद कर कांप जाते है, लेकिन अब शनिवार को हुई बारिश ने पुराने दिलों की याद दिला दी है। इस बारिश ने वर्ष 1988 के फ्लड को पीछे छोड़ दिया है।