अगले हफ्ते कभी भी हो सकती कृत्रिम बारिश, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दी हरी झंडी Featured

प्रदूषण और सूखे से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में 20 से 25 नवंबर के बीच कभी भी कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार की कृत्रिम बारिश कराए जाने की मांग को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हरी झंडी देते हुए विशेष यान भी मुहैया करा दिया है। उड्डयन मंत्रालय ने दिल्ली एनसीआर में बारिश कराने के लिए बीच क्राफ्ट सुपर किंग एयर B-200 राज्य सरकार को सौंप दिया है। इस बारिश के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कानपुर आईआईटी को अपने साथ मिलाया है।  इसरो ने कानपुर आईआईटी को उच्च तकनीक से लैस एयरक्राफ्ट भी मुहैया करा दिया है।

 

बता दें कि उत्तर प्रदेश के दस जिले दिल्ली से भी अधिक प्रदूषित हैं वहीं बुंदेलखंड सबसे अधिक सूखा ग्रस्त इलाका है।सबसे प्रदूषित जिलों में हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, जीबी नगर, संभल, अलीगढ़, कासगंज, बागपत, बंदायू और मेरठ शामिल हैं। 


दिल्ली में एनसीआर बारिश कराए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और उड्डयन मंत्रालय द्वारा किए गए पत्राचार का पूरा ब्योरा मौजूद है।  इसके लिए इसरो ने संसाधनों से लैस एयरक्राफ्ट आईआईटी को सौंप दिया है।

अब वैज्ञानिकों को दिल्ली में बारिश उमड़ने का इंतजार है। हल्के बादल भी उमड़ने पर वैज्ञानिक कृत्रिम बारिश कराने का प्रयास शुरू कर देंगे। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि आसमान में बादल आने में अभी एक सप्ताह का और इंतजार करना पड़ेगा। आईआईटी कानपुर के उप-निदेशक प्रो. मणिंद्र अग्रवाल ने बताया कि इसरो से एयरक्राफ्ट मांगा गया था और वह मिल चुका है। हालांकि जिस पायलट को यह काम मिलकर करना है वो फिलहाल बीमार है।




दूसरी ओर दिल्ली के आसमान में अभी बादल भी नहीं है। बगैर बादल के कृत्रिम बारिश कराना संभव नहीं है। इसलिए कृत्रिम बारिश कराने के लिए एक सप्ताह तक इंतजार करना पड़ेगा।
केमिकल सॉल्यूशन तैयार है

आईआईटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि कृत्रिम बारिश के लिए कई केमिकल का मिश्रण करके एक सॉल्यूशन तैयार किया गया है जो पहले आसमान में बादल बनाएंगे और फिर उससे बारिश होगी। वैज्ञानिकों का दावा है कि काफी हद तक उनका यह सॉल्यूशन काम करेगा। 

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